
सुजलॉन एनर्जी (Suzlon Energy) ने हाल के वर्षों में शेयर बाजार में निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न देकर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। Renewable Energy सेक्टर में सरकार के बढ़ते समर्थन, कंपनी की सुधरती वित्तीय स्थिति और लगातार मिल रहे नए प्रोजेक्ट्स ने इसके शेयर को मल्टीबैगर बना दिया है। 2024-25 के दौरान कंपनी के शेयर ने 445% तक का तूफानी रिटर्न दिया, जिससे निवेशकों में जबरदस्त उत्साह देखा गया।
शेयर की मौजूदा स्थिति और बाजार प्रदर्शन
6 मई 2025 तक Suzlon Energy का शेयर ₹56.16 पर ट्रेड कर रहा है। इस दौरान इसका 52-सप्ताह का उच्चतम स्तर ₹86.04 और न्यूनतम स्तर ₹37.90 रहा है। कंपनी की मार्केट कैप ₹76,870 करोड़ तक पहुंच चुकी है, जो इस बात का संकेत है कि यह अब छोटे निवेशकों से लेकर बड़े संस्थागत निवेशकों तक की नजर में आ चुकी है। पिछले कुछ वर्षों की तुलना में यह कंपनी अब काफी मजबूत दिखाई दे रही है।
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ऑर्डर बुक से लेकर लाभ तक, वित्तीय स्थिति में जबरदस्त सुधार
Suzlon Energy की ऑर्डर बुक में वर्तमान में 5.5 GW से अधिक के प्रोजेक्ट्स दर्ज हैं, जो भविष्य में कंपनी के राजस्व और मुनाफे में मजबूती का संकेत देते हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी ने ₹388 करोड़ का शुद्ध लाभ कमाया, जो इसके पुनरुत्थान की सबसे बड़ी गवाही देता है। कई वर्षों तक घाटे में रहने के बाद यह बदलाव निवेशकों के विश्वास को पुनः स्थापित करता है।
रिन्यूएबल एनर्जी पर सरकार का जोर बना वरदान
भारत सरकार ने वर्ष 2047 तक 400 GW Renewable Energy उत्पादन का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में तेजी से बढ़ते कदम, नई नीतियाँ, और सब्सिडी ने रिन्यूएबल सेक्टर को गति दी है। Suzlon Energy, जो भारत में ही अपने उपकरणों का निर्माण करती है, इस बदलाव का सीधा लाभ उठा रही है। लोकल मैन्युफैक्चरिंग के चलते कंपनी को आयात शुल्क या सप्लाई चेन बाधा जैसी दिक्कतों से भी राहत मिलती है।
ब्रोकरेज हाउसों की सकारात्मक राय और टारगेट प्राइस
वित्तीय सलाहकार कंपनियाँ जैसे JM Financial और Motilal Oswal ने Suzlon Energy पर ‘Buy’ रेटिंग दी है। इनका अनुमान है कि निकट भविष्य में शेयर ₹70-₹71 तक पहुंच सकता है। इन संस्थानों के अनुसार, यदि कंपनी मौजूदा ग्रोथ बनाए रखती है तो आने वाले वर्षों में यह शेयर और अधिक ऊंचाइयों को छू सकता है।
मूल्यांकन और जोखिम: निवेशकों को सतर्क रहना होगा
हालांकि, निवेश करने से पहले कुछ संभावित जोखिमों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। कंपनी का वर्तमान P/E अनुपात 67.14 है, जो इंडस्ट्री एवरेज की तुलना में अधिक है। इसके अलावा 2025 की शुरुआत से अब तक इसके शेयर में 16% तक की गिरावट भी देखने को मिली है, जो इसकी अस्थिरता को दर्शाता है।
भूमि अधिग्रहण, ट्रांसमिशन से जुड़े नियामक अड़चनें और FY27 के बाद नए ऑर्डर्स की जरूरत—ये सभी Suzlon Energy के भविष्य के लिए चुनौतियाँ बन सकते हैं। अतः लॉन्ग टर्म निवेशकों को सतर्क रहकर निवेश करना चाहिए और बीच-बीच में पोर्टफोलियो की समीक्षा भी करते रहना चाहिए।
भविष्य की झलक: 2025 से 2030 तक कहां जा सकता है शेयर
विश्लेषकों का मानना है कि यदि कंपनी का ग्रोथ ट्रेंड जारी रहता है तो 2025 के अंत तक इसका शेयर मूल्य ₹75 तक जा सकता है। वहीं 2026 में ₹90 तक और 2030 तक ₹131 तक पहुंचने की संभावना व्यक्त की गई है। Renewable Energy के वैश्विक परिदृश्य में भारत की भूमिका तेजी से बढ़ रही है और Suzlon इस दिशा में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है।
दीर्घकालिक दृष्टिकोण से सुजलॉन में हो सकता है फायदा
Suzlon Energy उन निवेशकों के लिए एक संभावनाशील विकल्प है जो दीर्घकालिक निवेश की योजना बना रहे हैं, खासकर Renewable Energy सेक्टर में। हालिया वित्तीय प्रदर्शन और भविष्य की योजनाएं इस कंपनी को एक मजबूत उम्मीदवार बनाती हैं। हालांकि, इसके उच्च मूल्यांकन और बाजार की अस्थिरता को नजर में रखते हुए सतर्कता जरूरी है। निवेश करने से पहले एक योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें।