फ्रिज के लिए चाहिए कितने kW का सोलर पैनल? गलती से ज्यादा या कम लगाया तो बढ़ जाएगा बिल!

फ्रिज के लिए कितने kW का सोलर पैनल चाहिए, इसका सही आकलन आपकी बिजली बचत को तय करता है। कम या ज्यादा पैनल लगाने की गलती से या तो फ्रिज नहीं चलेगा या बिल बढ़ेगा। इस लेख में जानिए सही सोलर साइजिंग का तरीका, जरूरी उपकरण और गलतियों से बचने की रणनीति।

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Written by Rohit Kumar

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फ्रिज के लिए कितने kW का सोलर पैनल चाहिए? जानिए सही जवाब!

फ्रिज के लिए चाहिए कितने kW का सोलर पैनल—यह सवाल आज उन सभी घरों और दुकानदारों के लिए अहम बन चुका है जो बिजली बिल से राहत पाने के लिए रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं। अगर आपने सोच-समझकर पैनल नहीं लगाया, तो या तो आपका फ्रिज ठप हो सकता है या फिर बिजली बिल उम्मीद से ज्यादा आ सकता है। यही वजह है कि सोलर सिस्टम को सेटअप करने से पहले एकदम सटीक कैलकुलेशन करना जरूरी है।

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फ्रिज की ऊर्जा खपत कैसे तय करती है सोलर पैनल की जरूरत

अलग-अलग साइज के फ्रिज अलग-अलग मात्रा में बिजली की खपत करते हैं। आम तौर पर एक 250 लीटर का फ्रिज रोजाना करीब 1.2 किलोवाट ऑवर (kWh) बिजली खर्च करता है। वहीं, 350 लीटर से बड़े फ्रिज 2.0 kWh या उससे ज्यादा बिजली ले सकते हैं। अब चूंकि सोलर पैनल धूप से बिजली पैदा करता है, इसलिए हमें यह देखना होता है कि आपके इलाके में औसतन कितनी ‘पीक सनलाइट’ (Peak Sun Hours) मिलती है। भारत में ये औसतन 5 घंटे होती है।

यदि आपके फ्रिज की डेली खपत 1.2 kWh है और आपके इलाके में 5 घंटे की पीक सनलाइट मिलती है, तो आपको करीब 300W यानी 0.3 kW का सोलर पैनल चाहिए होगा, वह भी तब जब आपका सिस्टम 80% एफिशिएंसी पर काम करे। इसी तरह, अगर फ्रिज 2.0 kWh खर्च करता है, तो कम से कम 500W का सोलर पैनल जरूरी हो जाता है।

गलत पैनल साइज क्यों बनता है नुकसान की वजह

बहुत से लोग यह सोचकर ज्यादा पैनल लगा लेते हैं कि बाद में फायदा होगा, लेकिन ऐसा हमेशा नहीं होता। अगर आपने बहुत ज्यादा क्षमता का पैनल लगा दिया, तो वह अतिरिक्त ऊर्जा पैदा करेगा, जिसे आप उपयोग नहीं कर पाएंगे। वहीं अगर आपने कम पैनल लगाया, तो फ्रिज जरूरत की बिजली नहीं पाएगा और ग्रिड से बिजली लेगा, जिससे आपका बिल बढ़ जाएगा। सोलर इन्वेस्टमेंट का असली फायदा तभी है जब आप जरूरत के मुताबिक सही कैलकुलेशन करें।

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सोलर पैनल के साथ कौन-कौन से उपकरण अनिवार्य हैं

फ्रिज जैसी लगातार चलने वाली चीज़ को सोलर पर चलाना है तो सिर्फ पैनल काफी नहीं है। आपको एक अच्छा इन्वर्टर चाहिए जो DC को AC में बदल सके। साथ ही बैटरी भी जरूरी है ताकि रात में जब धूप नहीं हो तब फ्रिज काम करता रहे। इसके अलावा एक चार्ज कंट्रोलर भी होना चाहिए जो बैटरी को ओवरचार्जिंग से बचाए।

प्रैक्टिकल उदाहरण से समझें पूरा गणित

मान लीजिए आप एक 300 लीटर का फ्रिज चला रहे हैं जो रोज 1.5 kWh बिजली लेता है। अगर आपके शहर में धूप 5 घंटे मिलती है, तो आपको 400W का सोलर पैनल चाहिए। यह पैनल हर दिन औसतन 2 kWh बिजली पैदा करेगा, जिसमें से 1.5 kWh फ्रिज को और बाकी बैटरी स्टोरेज या अन्य जरूरतों में काम आएगी। इस तरह सिस्टम संतुलित रहेगा और आपका बिजली बिल भी कम होगा।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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