सोलर बैटरी कितने घंटे चलती है? असली आंकड़े जानकर आप हैरान रह जाएंगे!

क्या आपकी बैटरी वाकई उतना बैकअप दे रही है जितना आप सोचते हैं? जानिए कैसे 12V से 96V तक की सोलर बैटरियाँ अलग-अलग लोड पर काम करती हैं और कौन सी बैटरी आपके घर या बिज़नेस के लिए है बेस्ट चॉइस!

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Written by Rohit Kumar

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सोलर बैटरी कितने घंटे चलती है? असली आंकड़े जानकर आप हैरान रह जाएंगे!
सोलर बैटरी कितने घंटे चलती है? असली आंकड़े जानकर आप हैरान रह जाएंगे!

भारत में रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy की ओर तेजी से झुकाव देखा जा रहा है, और इसी के साथ सोलर बैटरी बैकअप-Solar Battery Backup की मांग भी बढ़ रही है। अधिकतर लोग अब घरेलू या व्यावसायिक उपयोग के लिए सोलर पावर सिस्टम स्थापित कर रहे हैं, लेकिन सोलर बैटरी का बैकअप समय कितना होता है, यह एक बड़ा सवाल बना रहता है। इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए हमें बैटरी की क्षमता (Ah), वोल्टेज (V), उपकरणों का कुल लोड (Watt), और बैटरी के प्रकार को समझना होता है। इस लेख में हम इन्हीं सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे और जानेंगे कि कौन सी बैटरी आपके लिए सबसे उपयुक्त है।

बैटरी की कुल ऊर्जा क्षमता: क्या है और कैसे होती है गणना

किसी भी सोलर बैटरी की कुल ऊर्जा क्षमता (Total Energy Capacity) को वोल्टेज और एम्पीयर-आवर (Ampere-Hour) के गुणन से निकाला जाता है। उदाहरण के लिए, यदि आपके पास 12V और 250Ah की बैटरी है, तो उसकी कुल ऊर्जा होगी:

12V × 250Ah = 3000Wh या 3kWh

इसका अर्थ यह है कि आदर्श परिस्थितियों में यह बैटरी 100W के लोड को लगभग 30 घंटे तक चला सकती है। लेकिन व्यावहारिक जीवन में तापमान, बैटरी की उम्र, लोड की प्रकृति और डिस्चार्ज लिमिट जैसे कई कारणों से यह समय कम हो सकता है। इसीलिए बैकअप समय की गणना करते समय हमेशा इन कारकों को ध्यान में रखना चाहिए।

कौन सी बैटरी है बेहतर: लिथियम बनाम लीड-एसिड

बैटरी का प्रकार भी बैकअप समय को काफी प्रभावित करता है। लीड-एसिड बैटरियाँ (Lead-Acid Batteries) आम तौर पर अपनी कुल क्षमता का केवल 50% ही उपयोग में ला पाती हैं। इसके विपरीत, लिथियम-आयन बैटरियाँ (Lithium-Ion Batteries) 80% से 90% तक उपयोगी क्षमता प्रदान करती हैं।

इसका सीधा मतलब यह है कि यदि आपके पास एक ही क्षमता की दो बैटरियाँ हैं—एक लीड-एसिड और दूसरी लिथियम-आयन—तो लिथियम बैटरी ज्यादा देर तक बैकअप देगी। हालांकि इसकी कीमत लीड-एसिड की तुलना में अधिक होती है, लेकिन लंबे समय तक बेहतर प्रदर्शन और कम मेंटेनेंस इसकी प्रमुख विशेषताएँ हैं।

वोल्टेज के साथ कैसे बदलता है बैकअप समय

सोलर बैटरी सिस्टम का वोल्टेज जितना अधिक होगा, बैकअप समय उतना ही लंबा मिलेगा। उदाहरण के लिए यदि आपके पास 200Ah की बैटरी है, तो विभिन्न वोल्टेज पर मिलने वाला बैकअप समय कुछ इस प्रकार हो सकता है:

12V × 200Ah = 2400Wh → लगभग 2.4 घंटे (1kW लोड पर)
24V × 200Ah = 4800Wh → लगभग 4.8 घंटे
48V × 200Ah = 9600Wh → लगभग 9.6 घंटे
96V × 200Ah = 19200Wh → लगभग 19.2 घंटे

यह स्पष्ट करता है कि उच्च वोल्टेज सिस्टम न सिर्फ ज्यादा ऊर्जा संग्रहित कर सकते हैं बल्कि बेहतर बैकअप भी प्रदान करते हैं।

कैसे करें बैकअप समय की सटीक गणना

बैकअप समय की गणना के लिए एक आसान सूत्र है:

बैकअप समय (घंटों में) = (बैटरी वोल्टेज × बैटरी क्षमता × DOD) ÷ लोड (Watt)

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यहाँ DOD (Depth of Discharge) का मतलब है कि बैटरी कितनी गहराई तक डिस्चार्ज की जा सकती है। लीड-एसिड बैटरियों के लिए यह सामान्यतः 50% होता है, जबकि लिथियम-आयन बैटरियों के लिए यह 80% से 90% तक हो सकता है।

उदाहरण के लिए, यदि आपके पास 12V की 250Ah लीड-एसिड बैटरी है और आप 500W का लोड चला रहे हैं, तो:

(12 × 250 × 0.5) ÷ 500 = 3 घंटे

यह दर्शाता है कि आपकी बैटरी उस लोड को लगभग 3 घंटे तक सपोर्ट कर सकती है।

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बढ़ती मांग: 10kWh से 50kWh तक के Energy Storage Systems

अब बाजार में ऐसी उच्च क्षमता वाली सोलर बैटरियाँ उपलब्ध हैं जो 10kWh से लेकर 50kWh तक की ऊर्जा संग्रह कर सकती हैं। जैसे कि ODM 10kWh और 50kWh एनर्जी स्टोरेज पावरवॉल सिस्टम, जो विशेषकर व्यावसायिक उपयोग, बड़े घरों और ऑफ-ग्रिड लोकेशनों के लिए डिजाइन किए गए हैं।

इन बैटरियों में उन्नत लिथियम-आयन तकनीक का उपयोग होता है, जो न केवल लंबी जीवन अवधि प्रदान करती है बल्कि उच्च दक्षता और फास्ट चार्जिंग का भी वादा करती है। यह बैटरियाँ खासकर उन उपभोक्ताओं के लिए आदर्श हैं जिन्हें लंबे समय तक निर्बाध बैकअप की आवश्यकता होती है।

किस प्रकार की बैटरी है आपके लिए उपयुक्त

यदि आपका उद्देश्य केवल सामान्य घरेलू उपकरणों जैसे बल्ब, पंखा और टीवी को चलाना है, तो 12V या 24V की लीड-एसिड बैटरी पर्याप्त हो सकती है। लेकिन यदि आपको फ्रिज, वॉशिंग मशीन, वाटर पंप या अन्य भारी उपकरण चलाने हैं या लंबे समय तक बैकअप चाहिए, तो 48V या 96V लिथियम-आयन बैटरियाँ बेहतर विकल्प होंगी।

बैटरी चयन से पहले यह जानना जरूरी है कि आपके घर या व्यवसाय का कुल लोड कितना है, उपकरण कितने समय तक चलने चाहिए और आप कितने दिनों तक बैकअप चाहते हैं। इन सभी कारकों को ध्यान में रखकर ही बैटरी का सही चयन किया जा सकता है।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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