
पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना भारत सरकार द्वारा चलाई गई एक महत्वपूर्ण सोलर सब्सिडी योजना है, जिसका उद्देश्य देशभर के 1 करोड़ परिवारों को रूफटॉप सोलर पैनल की सुविधा प्रदान करना है। यह योजना न केवल आम नागरिकों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई है, बल्कि देश को रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) की ओर भी तेजी से ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस योजना के माध्यम से सभी उपभोक्ताओं को उनकी छत पर सोलर पैनल लगवाने पर सीधी सब्सिडी दी जाती है, जिससे वे अपनी बिजली की ज़रूरतों को स्वयं पूरा कर सकें और हर महीने आने वाले बिजली बिल से छुटकारा पा सकें।
सब्सिडी स्ट्रक्चर: 3 किलोवाट तक पर अधिकतम ₹78,000 की सहायता
इस योजना के तहत सरकार 1 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल सिस्टम पर ₹30,000, 2 किलोवाट पर ₹60,000 और 3 किलोवाट या इससे अधिक की क्षमता पर अधिकतम ₹78,000 की सरकारी सब्सिडी प्रदान करती है। जैसे मान लो कि कोई परिवार अपनी छत पर 3 किलोवाट या फिर उससे ज्यादा का सोलर सिस्टम लगवाता है, तो भी उसे अधिकतम ₹78,000 की ही सब्सिडी मिलेगी। यह राशि सीधा लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है। इसके अलावा योजना की आधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए पूरी प्रक्रिया को राष्ट्रीय पोर्टल के माध्यम से डिजिटली नियंत्रित किया गया है।
पात्रता शर्तें: कौन ले सकता है इस योजना का लाभ?
इस योजना का लाभ केवल उन्हीं उपभोक्ताओं को मिलेगा जो भारत के नागरिक हैं और उनके पास ऐसी छत है जिस पर सोलर पैनल लगाया जा सकता है। इसके अलावा, लाभार्थी के पास एक वैध बिजली कनेक्शन होना चाहिए और उसने इससे पहले किसी अन्य सरकारी सोलर सब्सिडी का लाभ नहीं लिया होना चाहिए। साथ ही, सोलर सिस्टम की स्थापना केवल DISCOM (बिजली वितरण कंपनी) द्वारा मान्यता प्राप्त और पंजीकृत विक्रेताओं से ही करानी होगी। इन सभी शर्तों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि योजना का लाभ केवल योग्य नागरिकों तक ही सीमित रहे और तकनीकी गुणवत्ता से समझौता न हो।
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सोलर पैनल सब्सिडी के लिए आवेदन
- PM Surya Ghar योजना के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है और इसके लिए भारत सरकार ने https://pmsuryaghar.gov.in/ नाम राष्ट्रीय पोर्टल लॉन्च किया है। सबसे पहले उपभोक्ता को पोर्टल पर पंजीकरण करना होता है।

- जिसमें राज्य, बिजली वितरण कंपनी (DISCOM), उपभोक्ता संख्या, मोबाइल नंबर और ईमेल जैसी जानकारियां दर्ज करनी होती हैं।
- इसके बाद उपभोक्ता पंजीकरण के जरिए लॉगिन कर सकता है और सोलर सिस्टम के लिए आवेदन कर सकता है।
- आवेदन करने के बाद DISCOM तकनीकी जांच करता है और अगर छत की स्थिति अनुकूल पाई जाती है तो अनुमति जारी कर दी जाती है। अनुमति मिलते ही उपभोक्ता को DISCOM के पंजीकृत विक्रेता से सोलर सिस्टम की स्थापना करानी होती है। इसके बाद नेट मीटर के लिए आवेदन करना होता है
- लास्ट में में DISCOM द्वारा निरीक्षण कर कमीशनिंग सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। इसके पश्चात उपभोक्ता को बैंक खाता विवरण और रद्द चेक जमा करना होता है, जिसके आधार पर सब्सिडी की राशि 30 कार्य दिवसों के भीतर सीधे बैंक खाते में भेज दी जाती है।
पर्यावरण और आर्थिक लाभ: हर दृष्टिकोण से फायदेमंद योजना
यह योजना सिर्फ आर्थिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी अत्यंत लाभकारी है। सोलर पैनल से मिलने वाली बिजली ग्रीन एनर्जी होती है जो न केवल कार्बन उत्सर्जन को कम करती है, बल्कि जलवायु परिवर्तन की गति को भी धीमा करती है। इसके अलावा, बिजली बिल में सालाना हज़ारों रुपये की बचत होती है। सरकार का अनुमान है कि इस योजना से देश में सालाना लाखों यूनिट सोलर बिजली का उत्पादन होगा जिससे कोयला आधारित बिजली उत्पादन पर निर्भरता कम होगी।
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भविष्य की दिशा: आत्मनिर्भर भारत और ऊर्जा स्वतंत्रता की ओर कदम
पीएम सूर्य घर योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन का एक मजबूत आधार है। इससे न केवल भारत को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी, बल्कि करोड़ों लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त भी किया जाएगा। योजना से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में रिन्यूएबल एनर्जी को अपनाने में तेजी आएगी। DISCOM कंपनियों और स्थानीय विक्रेताओं के सहयोग से इस योजना को धरातल पर उतारा जा रहा है, जिससे रोजगार के भी नए अवसर सृजित हो रहे हैं।
हेल्पलाइन और संपर्क: जरूरत पर मिलेगी पूरी सहायता
यदि किसी भी उपभोक्ताओं को आवेदन प्रक्रिया या तकनीकी जानकारी में कोई भी सहायता चाहिए तो वे DISCOM के पंजीकृत विक्रेताओं से संपर्क कर सकते हैं। इनकी सूची राष्ट्रीय पोर्टल पर उपलब्ध है।

इसके अलावा वेबसाइट पर FAQs, गाइडलाइंस और वीडियो ट्यूटोरियल्स भी दिए गए हैं जो उपभोक्ताओं को स्व-निर्देशन में मदद करते हैं। केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि योजना के पहले चरण में ही कम से कम 1 करोड़ परिवारों को इसका लाभ मिले।