
सोलर पंप स्टॉक में हाल ही में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है। Shakti Pumps India Ltd के शेयरों में 4.3% की तेज़ी आई है, जिसकी प्रमुख वजह रही महाराष्ट्र एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (MEDA) से मिला ₹12.42 करोड़ का नया ऑर्डर। यह ऑर्डर सोलर वॉटर पंपिंग सिस्टम्स की आपूर्ति के लिए दिया गया है, जिससे कंपनी की साख और व्यापारिक संभावनाएं और भी मजबूत हो गई हैं। इस तेज़ी का असर शेयर बाजार में भी साफ़ दिखाई दिया, और निवेशकों का भरोसा फिर से बढ़ा है।
शक्ति पंप्स इंडिया लिमिटेड एक अग्रणी भारतीय कंपनी है, जो ऊर्जा-कुशल पंप और मोटर के निर्माण में विशेषज्ञता रखती है। 1982 में स्थापित, यह कंपनी कृषि, औद्योगिक, घरेलू और वाणिज्यिक क्षेत्रों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले पंपिंग समाधानों की पेशकश करती है। कंपनी का मुख्यालय मध्य प्रदेश के पीथमपुर में स्थित है, जहाँ इसकी अत्याधुनिक निर्माण सुविधा है।
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शक्ति पंप्स का सालाना प्रदर्शन हुआ बेमिसाल
FY2025 में शक्ति पंप्स ने अपने वार्षिक नतीजों से सभी को चौंका दिया। कंपनी का शुद्ध लाभ 188% की जबरदस्त बढ़त के साथ ₹1,417 मिलियन से बढ़कर ₹4,084 मिलियन पहुंच गया। ये आंकड़े सिर्फ लाभ तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि कंपनी की Revenue from Operations में भी 83.6% की भारी वृद्धि दर्ज की गई है, जो ₹13,707 मिलियन से बढ़कर ₹25,162 मिलियन तक पहुंच गया। यह स्पष्ट संकेत है कि सोलर पंप उद्योग और शक्ति पंप्स, दोनों ही रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy सेक्टर में नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं।
EBITDA मार्जिन में भी शानदार सुधार
FY2025 में कंपनी का EBITDA 168% की बढ़त के साथ ₹6,030 मिलियन पहुंचा, और EBITDA मार्जिन 16.4% से बढ़कर 24.0% हो गया। यह न सिर्फ कंपनी की दक्षता को दर्शाता है बल्कि यह भी साबित करता है कि शक्ति पंप्स ने अपने खर्चों को बेहतर तरीके से नियंत्रित किया है और मुनाफा बढ़ाने में सफलता हासिल की है। इस प्रकार, कंपनी ने वित्तीय रूप से स्थायित्व की ओर एक बड़ा कदम बढ़ाया है।
निवेश और विस्तार की दिशा में कदम
शक्ति पंप्स ने न सिर्फ उत्पादन बढ़ाया है, बल्कि EV Mobility और सोलर मॉड्यूल निर्माण की दिशा में भी अपने कदम तेजी से बढ़ाए हैं। कंपनी ने अपनी सहायक इकाई Shakti EV Mobility Pvt. Ltd. में ₹180 मिलियन का नया निवेश किया है, जिससे कुल निवेश ₹500 मिलियन तक पहुंच गया है। इसके अलावा, पिथमपुर में सोलर सेल और पीवी मॉड्यूल निर्माण संयंत्र के लिए 113 एकड़ भूमि प्राप्त कर ली गई है। यह विस्तार कंपनी के भविष्य की रणनीति को दर्शाता है, जो रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सरकारी योजनाओं का भी मिला भरपूर समर्थन
शक्ति पंप्स की इस सफलता में भारत सरकार की योजनाओं ने भी अहम भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री कुसुम योजना (PM-KUSUM), महाराष्ट्र की मागेल त्याला सौर कृषी पंप योजना और मध्य प्रदेश की प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना जैसे कार्यक्रमों ने सौर पंपों की मांग को बढ़ाया है। इससे न केवल किसानों को फायदा हुआ है बल्कि कंपनी को भी बड़े ऑर्डर्स मिलने लगे हैं, जिससे इसकी ग्रोथ लगातार बनी हुई है।
शक्ति पंप्स की ग्रोथ का मुख्य कारण
शक्ति पंप्स की तेज़ ग्रोथ के पीछे कई कारकों का समन्वय है, लेकिन इसका मुख्य कारण है – भारत सरकार की सोलर पंपिंग योजनाओं के साथ रणनीतिक जुड़ाव और कंपनी का रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy सेक्टर में आक्रामक विस्तार।
- सरकारी योजनाओं से बड़ा ऑर्डर बेस:
शक्ति पंप्स को प्रधानमंत्री कुसुम योजना (PM-KUSUM), महाराष्ट्र की मागेल त्याला सौर कृषी पंप योजना और मध्य प्रदेश की कृषक मित्र सूर्य योजना जैसे सरकारी कार्यक्रमों से लगातार ऑर्डर मिल रहे हैं। हाल ही में MEDA से ₹12.42 करोड़ का ऑर्डर इसकी ताजा मिसाल है। - सोलर प्रोडक्ट्स की मांग में तेज़ी:
किसानों के बीच बिजली की लागत बचाने और सिंचाई के लिए सोलर पंप की बढ़ती मांग ने कंपनी को जबरदस्त फायदा पहुँचाया है। सरकार द्वारा 60% से 90% तक सब्सिडी देने से इनकी बिक्री में इजाफा हुआ है। - वित्तीय प्रदर्शन में मजबूती:
FY2025 में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 188% और राजस्व 83.6% बढ़ा है। EBITDA मार्जिन भी 24% तक पहुंच चुका है, जिससे निवेशकों का भरोसा और भी गहराया है। - EV और सोलर मैन्युफैक्चरिंग में निवेश:
कंपनी ने EV Mobility और सोलर सेल/मॉड्यूल निर्माण जैसे भविष्य के सेक्टर्स में निवेश कर खुद को सिर्फ एक पंप निर्माता से आगे बढ़ाकर एक ग्रीन एनर्जी सॉल्यूशंस प्रोवाइडर के रूप में स्थापित किया है।
निवेशकों के लिए अवसर
शक्ति पंप्स की यह उछाल लंबे समय के निवेशकों के लिए एक शानदार अवसर बन सकती है। कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड, सरकारी योजनाओं से जुड़ाव, और Renewable Energy सेक्टर में मजबूती इसे निवेश के लिहाज से आकर्षक बनाता है। हालांकि, हर निवेशक को मार्केट की मौजूदा स्थितियों और कंपनी की रणनीतिक दिशा का अच्छे से विश्लेषण करना चाहिए ताकि जोखिम कम और लाभ ज्यादा हो सके।
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