
इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के लिए बैटरी का चयन करते समय प्रदर्शन, सुरक्षा, लागत और टिकाऊपन जैसे कई महत्वपूर्ण पहलुओं को ध्यान में रखना आवश्यक होता है। जैसे-जैसे भारत और विश्वभर में EV सेक्टर का विस्तार हो रहा है, वैसी ही तेजी से नई बैटरी तकनीकों पर भी शोध और नवाचार हो रहे हैं। आज के परिदृश्य में Lithium Iron Phosphate (LFP), Lithium Manganese Rich (LMR), Nickel Manganese Cobalt (NMC), और Solid-State बैटरियाँ चर्चा में हैं। आइए जानते हैं कि विशेषज्ञों की राय और तकनीकी विकास के आधार पर इनमें से कौन सी बैटरी आपके EV के लिए सबसे उपयुक्त हो सकती है।
लिथियम आयरन फॉस्फेट (LFP) बैटरी: सस्ता और सुरक्षित विकल्प
LFP बैटरियाँ आज भारतीय EV बाजार में सबसे लोकप्रिय बैटरी विकल्प बन चुकी हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, ये बैटरियाँ सुरक्षा, दीर्घायु और लागत की दृष्टि से उत्कृष्ट मानी जाती हैं। इनमें कोबाल्ट और निकल जैसे महंगे और दुर्लभ धातुओं की आवश्यकता नहीं होती, जिससे इनके निर्माण में लागत कम आती है। इसके साथ ही ये उच्च तापमान में भी स्थिर रहती हैं, जिससे शहरों में दैनिक उपयोग के लिए इनका प्रदर्शन अत्यधिक भरोसेमंद होता है।
BYD द्वारा विकसित “ब्लेड बैटरी” इसका बेहतरीन उदाहरण है, जो LFP तकनीक पर आधारित है और इसे सुरक्षा के लिहाज से नई ऊँचाइयों तक पहुँचा दिया गया है। Recurrent Auto की एक रिपोर्ट के अनुसार, Tesla और अन्य अग्रणी EV निर्माता भी अब LFP बैटरियों को अपनाने की दिशा में अग्रसर हैं।
लिथियम मैंगनीज-समृद्ध (LMR) बैटरी: भविष्य की तकनीक की झलक
LMR बैटरियाँ एक नई और उभरती हुई तकनीक हैं, जिनमें उच्च ऊर्जा घनत्व के साथ-साथ कोबाल्ट और निकल की मात्रा को न्यूनतम करने का प्रयास किया गया है। इसका अर्थ है कि ये बैटरियाँ न केवल बेहतर प्रदर्शन देती हैं बल्कि इनकी लागत में भी उल्लेखनीय गिरावट हो सकती है।
General Motors (GM) और LG Energy Solution इस तकनीक पर मिलकर काम कर रहे हैं, और 2028 तक इसके वाणिज्यिक उत्पादन की योजना बनाई गई है। WIRED और Reuters जैसी विश्वसनीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह तकनीक EVs की लागत को कम करने और उनके व्यापक उपयोग को बढ़ावा देने में सहायक हो सकती है।
निकेल मैंगनीज कोबाल्ट (NMC) बैटरी: प्रीमियम प्रदर्शन की गारंटी
NMC बैटरियाँ वर्तमान में उन उपयोगकर्ताओं के बीच लोकप्रिय हैं, जिन्हें लंबी दूरी की यात्राओं के लिए अधिक ऊर्जा घनत्व और उच्च प्रदर्शन की आवश्यकता होती है। ये बैटरियाँ विशेष रूप से प्रीमियम EV मॉडलों जैसे MG, Hyundai आदि में पाई जाती हैं।
हालांकि, इन बैटरियों में कोबाल्ट और निकल जैसे महंगे और पर्यावरणीय दृष्टि से संवेदनशील धातुओं का उपयोग होता है, जिससे इनकी लागत अधिक होती है। इसके बावजूद, लम्बी रेंज और बेहतर चार्जिंग क्षमता इन्हें लॉन्ग ड्राइव और हाई-परफॉर्मेंस सेगमेंट में आदर्श बनाती है।
सॉलिड-स्टेट बैटरी: आने वाला क्रांतिकारी बदलाव
सॉलिड-स्टेट बैटरियाँ आज भी विकास के चरण में हैं, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि ये EV इंडस्ट्री के लिए भविष्य की क्रांतिकारी तकनीक साबित हो सकती हैं। इनका सबसे बड़ा लाभ यह है कि ये पारंपरिक लिथियम-आयन बैटरियों की तुलना में कई गुना अधिक ऊर्जा घनत्व और सुरक्षा प्रदान करती हैं।
हालांकि, इनका वाणिज्यिक उत्पादन अभी नहीं हुआ है और बड़े पैमाने पर इनकी उपलब्धता के लिए अभी कई साल लग सकते हैं। लेकिन EV निर्माताओं के बीच इन पर शोध और निवेश लगातार जारी है, जिससे इनका भविष्य उज्ज्वल दिखाई देता है।
भारत में EV बैटरियों का परिदृश्य: कौन किस पर भरोसा कर रहा है?
भारत में EV निर्माता कंपनियाँ भी इन तकनीकों को लेकर अपनी-अपनी रणनीतियाँ अपना रही हैं। Tata, Mahindra, और BYD जैसी कंपनियाँ मुख्य रूप से LFP बैटरियों का उपयोग कर रही हैं, क्योंकि ये भारत के तापमान, यातायात और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को ध्यान में रखते हुए अधिक उपयुक्त हैं।
वहीं MG, Hyundai जैसी प्रीमियम कार निर्माता कंपनियाँ NMC बैटरियों को प्राथमिकता देती हैं, ताकि वे लंबी दूरी की क्षमता और बेहतर प्रदर्शन वाले EVs बाजार में उतार सकें। भविष्य में GM की LMR बैटरियाँ भारतीय बाजार में EVs की लागत को और अधिक सुलभ बना सकती हैं, जिससे आम उपभोक्ता तक EV तकनीक की पहुँच और आसान हो जाएगी।
आपके उपयोग के अनुसार कौन सी बैटरी है सही?
यदि आप शहरों में EV का दैनिक उपयोग करना चाहते हैं और आपकी प्राथमिकता कम लागत, सुरक्षा और टिकाऊपन है, तो LFP बैटरी आपके लिए सबसे उपयुक्त विकल्प हो सकती है। लेकिन यदि आप लंबी दूरी की यात्राएँ करते हैं या बेहतर प्रदर्शन चाहते हैं, तो NMC या भविष्य में आने वाली LMR बैटरियाँ बेहतर विकल्प बन सकती हैं। वहीं टेक्नोलॉजी के शौकीनों और इनोवेटर्स के लिए सॉलिड-स्टेट बैटरियाँ एक आशाजनक विकल्प हो सकती हैं, हालाँकि इनका इंतजार अभी जारी है।