
भारत में बिजली की लगातार बढ़ती कीमतें और बार-बार होने वाली बिजली कटौती ने आम नागरिकों को वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की ओर मोड़ दिया है। ऐसे में सोलर पैनल और रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) की ओर लोगों का रुझान तेज़ी से बढ़ा है। लेकिन जैसे-जैसे लोग सोलर सिस्टम अपनाने लगे हैं, एक बड़ा सवाल सामने आता है—सोलर पैनल बैटरी और इन्वर्टर की कैलकुलेशन कैसे करें?
यह सवाल हर उस व्यक्ति के मन में है जो अपने घर, दुकान, या फार्महाउस के लिए एक प्रभावी सोलर सिस्टम लगवाने की योजना बना रहा है। सही सोलर सिस्टम तभी संभव है जब आप सटीक Battery Capacity और Inverter Size की गणना करें। आइए जानें कैसे।
बैटरी है सोलर सिस्टम का दिल
सोलर सिस्टम में बैटरी वह यूनिट होती है जो दिन के समय सोलर पैनल से बनी बिजली को स्टोर करती है और रात में या जब सूरज न हो, तब उस ऊर्जा का उपयोग करती है। लेकिन बैटरी की क्षमता कितनी होनी चाहिए, यह जानने के लिए कुछ अहम गणनाएं करनी पड़ती हैं।
यह पूरी गणना तीन मुख्य कारकों पर आधारित होती है—आपकी दैनिक ऊर्जा खपत, चुना गया सिस्टम वोल्टेज, और बैटरी का Depth of Discharge (DOD)। यही तीन बिंदु तय करते हैं कि आपको कितने Ah (Ampere hour) की बैटरी की ज़रूरत है।
दैनिक बिजली खपत को जानना है पहला कदम
Battery Calculation की शुरुआत होती है आपके घर या प्रतिष्ठान की रोज़ाना की बिजली खपत को जानने से। इसके लिए यह देखना होगा कि किन-किन उपकरणों का उपयोग होता है, उनकी पावर रेटिंग कितनी है और वे कितने समय तक चलते हैं।
मान लीजिए, आप रोज़ाना 3 LED बल्ब (10W) को 5 घंटे तक चलाते हैं, 1 पंखा (60W) 8 घंटे और 1 टीवी (100W) 4 घंटे तक उपयोग में लेते हैं। तो कुल खपत होगी:
- 3 LED बल्ब × 10W × 5 घंटे = 150 Wh
- 1 पंखा × 60W × 8 घंटे = 480 Wh
- 1 टीवी × 100W × 4 घंटे = 400 Wh
यानि आपकी कुल दैनिक खपत हुई 1030 Wh।
सिस्टम वोल्टेज का सही चुनाव भी उतना ही ज़रूरी
सोलर बैटरी की गणना के लिए अगला महत्वपूर्ण चरण होता है सिस्टम वोल्टेज को चुनना। घरेलू सिस्टम्स में आम तौर पर 12V, 24V या 48V वोल्टेज के विकल्प होते हैं। यदि आपका सिस्टम छोटा है तो 12V पर्याप्त रहेगा, लेकिन जैसे-जैसे सिस्टम का आकार बढ़ता है, 24V और 48V सिस्टम अधिक कुशल सिद्ध होते हैं।
उच्च वोल्टेज पर काम करने वाला सिस्टम ऊर्जा की हानि को कम करता है, और लंबी दूरी तक तार बिछाने पर भी अच्छा प्रदर्शन देता है। इसलिए आपके सिस्टम का आकार और लोड ही तय करेगा कि कौन सा वोल्टेज चुनना उपयुक्त रहेगा।
फॉर्मूला से करें Battery Capacity की सटीक गणना
अब बात करते हैं उस सरल लेकिन प्रभावी फॉर्मूले की जिससे Battery Capacity की गणना की जाती है। यह फॉर्मूला आपकी कुल दैनिक खपत, बैकअप की ज़रूरत, सिस्टम वोल्टेज और DOD पर आधारित होता है।
Battery Capacity (Ah) = (Daily Consumption (Wh) × Backup Days × 1.15) / (System Voltage × DOD)
यहां 1.15 एक Correction Factor है जो सिस्टम में होने वाले पावर लॉस को ध्यान में रखता है। वहीं DOD यानी Depth of Discharge से यह तय होता है कि बैटरी की कितनी क्षमता रोजाना उपयोग की जा सकती है।
लीड-एसिड बैटरियों का DOD सामान्यतः 50% (0.5) होता है, जबकि Lithium-ion बैटरियों में यह 80% (0.8) तक होता है।
उदाहरण के तौर पर अगर आपकी खपत 1030 Wh है, बैकअप की जरूरत 1 दिन की है, सिस्टम वोल्टेज 24V है और बैटरी Lithium-ion है, तो कैलकुलेशन कुछ यूं होगी:
(1030 × 1 × 1.15) / (24 × 0.8) = 61.8 Ah
यानि आपको करीब 62 Ah की 24V Lithium-ion बैटरी की ज़रूरत होगी।
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बैटरी का प्रकार भी तय करता है क्षमता
Depth of Discharge (DOD) का चुनाव Battery Type पर निर्भर करता है। लीड-एसिड बैटरी को अगर 50% से अधिक डिस्चार्ज किया गया तो उसकी उम्र घटने लगती है। वहीं Lithium-ion बैटरियां ज्यादा डिस्चार्ज झेल सकती हैं और लंबे समय तक बैकअप देती हैं। हालांकि इनकी कीमत अधिक होती है, लेकिन वे मेंटेनेंस फ्री होती हैं और दीर्घकालिक रूप से अधिक लाभकारी साबित होती हैं।
सामान्य सोलर सिस्टम के लिए जरूरी बैटरी क्षमता
अगर आप यह जानना चाहते हैं कि एक 1 kW, 3 kW या 5 kW सोलर सिस्टम के लिए कितनी बैटरी चाहिए, तो इसका मोटा-मोटा अंदाज़ा इस तरह से लगाया जा सकता है:
1 kW सोलर सिस्टम की औसत दैनिक खपत लगभग 4000 Wh होती है। यदि यह सिस्टम 24V पर चलता है और लिथियम-आयन बैटरी का उपयोग करता है, तो इसके लिए लगभग 240 Ah बैटरी की जरूरत होगी।
3 kW सिस्टम के लिए जरूरत करीब 720 Ah तक पहुंच सकती है।
वहीं 5 kW सिस्टम को चलाने के लिए करीब 1200 Ah की बैटरी आवश्यक हो सकती है।
हालांकि यह आंकड़े सामान्य हैं और वास्तविक आवश्यकता आपके उपयोग, लोकेशन, और मौसम पर निर्भर करेगी।
सटीक योजना से मिलेगा बेहतर प्रदर्शन
सोलर सिस्टम केवल उपकरणों का सेट नहीं है, यह एक रणनीतिक ऊर्जा समाधान है। यदि आप इसमें सही प्लानिंग करते हैं सटीक Battery और Inverter का चुनाव करते हैं—तो यह आपके बिजली बिल को शून्य तक पहुंचा सकता है और बिजली कटौती की समस्या से हमेशा के लिए निजात दिला सकता है।
गलत क्षमता की बैटरी जहां ओवरलोड हो सकती है, वहीं बहुत बड़ी बैटरी आपकी लागत बढ़ा सकती है। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने बिजली उपयोग की आदतों को ध्यान में रखते हुए गणना करें या किसी विशेषज्ञ की मदद लें। आप चाहें तो Solar Dukan या Solar Battery Bank Calculator जैसे टूल्स की मदद से भी यह कैलकुलेशन आसानी से कर सकते हैं।