
भारत में Renewable Energy को बढ़ावा देने की दिशा में सोलर सिस्टम्स की भूमिका तेजी से बढ़ रही है। खासकर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 3kW, 5kW और 6kW के सोलर सिस्टम न केवल बिजली की बचत का साधन बनते हैं, बल्कि यह एक स्थायी निवेश भी साबित हो रहे हैं। देश में Pradhan Mantri Surya Ghar Muft Bijli Yojana जैसी सरकारी योजनाओं ने इन्हें और भी किफायती बना दिया है। आइए जानते हैं इन तीनों सिस्टम्स की उत्पादन क्षमता, संभावित सालाना बचत और उपयुक्त उपयोगकर्ताओं के बारे में विस्तार से।
3kW सोलर सिस्टम: छोटे परिवारों के लिए किफायती समाधान
भारत में 3kW सोलर सिस्टम छोटे परिवारों के लिए एक आदर्श विकल्प माना जाता है। इस सिस्टम की दैनिक बिजली उत्पादन क्षमता लगभग 12 से 15 यूनिट्स के बीच होती है। यदि पूरे वर्ष की गणना करें, तो यह सिस्टम लगभग 4,320 यूनिट्स बिजली उत्पन्न कर सकता है।
वर्तमान में भारत में औसत बिजली टैरिफ ₹10 प्रति यूनिट माना जाए, तो यह सिस्टम सालाना ₹43,200 तक की बचत करवा सकता है। ऐसे परिवार जिनका मासिक बिजली खपत 300 से 400 यूनिट्स के आसपास है, उनके लिए यह सिस्टम पर्याप्त साबित होता है।
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सरकारी योजनाओं के तहत 3kW तक के सोलर सिस्टम पर लगभग ₹78,000 तक की सब्सिडी भी मिलती है, जिससे इस सिस्टम की कुल लागत और भी कम हो जाती है। साथ ही, Pradhan Mantri Surya Ghar Muft Bijli Yojana के तहत हर महीने 300 यूनिट्स तक मुफ्त बिजली भी उपलब्ध कराई जाती है, जो इस विकल्प को और भी आकर्षक बनाता है।
5kW सोलर सिस्टम: मध्यम परिवारों के लिए प्रभावशाली विकल्प
मध्यम आकार के परिवारों के लिए 5kW सोलर सिस्टम एक शक्तिशाली और संतुलित विकल्प है। यह सिस्टम रोजाना लगभग 20 से 30 यूनिट्स बिजली पैदा करने में सक्षम होता है, जो सालाना 7,200 से 10,800 यूनिट्स के बीच हो सकता है।
यदि प्रति यूनिट ₹10 का औसत टैरिफ लागू किया जाए, तो 5kW का सोलर सिस्टम उपभोक्ताओं को ₹72,000 से ₹1,08,000 तक की सालाना बचत दिला सकता है। ऐसे घर जिनका मासिक बिजली उपयोग 500 से 700 यूनिट्स के आसपास है, उनके लिए यह सिस्टम न केवल बिजली बचाने वाला है बल्कि ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर एक ठोस कदम भी है।
बढ़ती बिजली दरों और पर्यावरणीय चिंताओं के बीच यह सिस्टम घरेलू उपयोगकर्ताओं के लिए एक स्मार्ट लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट साबित हो रहा है। बाजार में कई कंपनियां जैसे The Bhandari Group और Freyr Energy इस क्षमता के सिस्टम्स को सब्सिडी के साथ पेश कर रही हैं।
6kW सोलर सिस्टम: बड़े परिवारों और हाई लोड वाले घरों के लिए
जिन घरों में बड़ी संख्या में उपकरण चलते हैं या जहां एयर कंडीशनिंग जैसे हाई लोड अप्लायंसेस का नियमित उपयोग होता है, उनके लिए 6kW सोलर सिस्टम सर्वश्रेष्ठ विकल्प बनकर उभरा है। यह सिस्टम रोजाना लगभग 25 से 35 यूनिट्स बिजली उत्पन्न कर सकता है, जिससे सालाना उत्पादन 9,000 से 12,000 यूनिट्स के बीच हो सकता है।
इस उत्पादन के आधार पर यदि ₹10 प्रति यूनिट की दर मानी जाए, तो उपभोक्ता सालाना ₹90,000 से ₹1,20,000 तक की बचत कर सकते हैं। यह न केवल बिजली बिल में भारी कटौती करता है, बल्कि Grid Power पर निर्भरता भी घटाता है।
Amplus Solar जैसी अग्रणी कंपनियां इस क्षमता के सोलर सिस्टम को इंस्टॉल करने में मदद कर रही हैं, जिसमें इंस्टॉलेशन से लेकर सब्सिडी क्लेम तक की सुविधा दी जा रही है।
किसके लिए कौन सा सोलर सिस्टम है उपयुक्त?
- सही सोलर सिस्टम का चयन आपके मासिक बिजली उपयोग और छत की उपलब्ध जगह पर निर्भर करता है।
- यदि आपका मासिक बिजली उपयोग 300 से 400 यूनिट्स के बीच है, तो 3kW सोलर सिस्टम पर्याप्त है।
- मध्यम परिवारों, जिनका मासिक उपयोग 500 से 700 यूनिट्स तक होता है, उनके लिए 5kW का सिस्टम आदर्श है।
- वहीं बड़े परिवारों या अधिक लोड वाले घरों, जैसे जिनमें 700 यूनिट्स से अधिक मासिक उपयोग होता है, उनके लिए 6kW सोलर सिस्टम सबसे उपयुक्त विकल्प है।
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सरकारी योजना और सब्सिडी से बढ़ी रुचि
भारत सरकार की प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ने घरेलू सोलर इंस्टॉलेशन को नई गति दी है। योजना के तहत 3kW तक के सोलर सिस्टम पर ₹78,000 तक की सब्सिडी मिलती है। इसके अतिरिक्त, 300 यूनिट्स तक की मुफ्त बिजली हर महीने उपलब्ध कराई जाती है।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए इच्छुक उपभोक्ता आधिकारिक वेबसाइट pmsuryaghar.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इससे जहां एक ओर उपभोक्ताओं को सीधी आर्थिक राहत मिलती है, वहीं दूसरी ओर यह राष्ट्र के रिन्यूएबल एनर्जी लक्ष्य को भी मजबूत करता है।
सोलर एनर्जी: भविष्य की ऊर्जा
भारत में बिजली की बढ़ती लागत और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता से उत्पन्न पर्यावरणीय संकट को देखते हुए सोलर एनर्जी एक व्यवहारिक और दीर्घकालिक समाधान के रूप में उभरी है।
3kW, 5kW और 6kW सोलर सिस्टम्स न केवल बिजली की बचत करते हैं, बल्कि सरकारी योजनाओं की मदद से आम लोगों की पहुंच में भी आ गए हैं। आने वाले वर्षों में जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी सस्ती और अधिक प्रभावी होती जाएगी, सोलर एनर्जी भारत के हर घर का हिस्सा बन सकती है।