
भारत में Renewable Energy का बाजार लगातार तेज़ी से बढ़ रहा है, और इसके दो प्रमुख खिलाड़ी टाटा पावर (Tata Power) और अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) इस क्षेत्र में निवेशकों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। नवीकरणीय ऊर्जा को लेकर सरकार की नीतियों, अंतरराष्ट्रीय फंडिंग और भविष्य की जरूरतों को देखते हुए यह तुलना बेहद प्रासंगिक बन जाती है। दोनों कंपनियाँ अपने-अपने क्षेत्र में अग्रणी हैं, लेकिन निवेशकों के लिए सवाल यह है कि इनमें से कौन-सा स्टॉक दीर्घकालिक लाभ के लिए बेहतर साबित हो सकता है।
टाटा पावर: स्थिरता और विविधता की मिसाल
टाटा समूह की इस ऊर्जा कंपनी की स्थापना 1919 में हुई थी और इसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है। कंपनी की कुल उत्पादन क्षमता 14,707 मेगावाट है, जिसमें से 5,847 मेगावाट रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) स्रोतों से आता है। टाटा पावर का पोर्टफोलियो सौर, पवन, जलविद्युत, EV चार्जिंग और अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं में फैला हुआ है।
टाटा पावर की भविष्य की रणनीति स्पष्ट है—कंपनी अगले 5 से 6 वर्षों में लगभग $9 बिलियन का निवेश करके अपनी Renewable Energy क्षमता को 20 गीगावाट तक बढ़ाने की योजना पर काम कर रही है। यह निवेश कंपनी को भारत के सबसे बड़े हरित ऊर्जा उत्पादकों में शामिल कर देगा।
वित्तीय दृष्टिकोण से देखें तो Q4 FY25 में टाटा पावर का शुद्ध लाभ ₹1,306 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 25% की बढ़त है। कंपनी का शेयर मूल्य ₹404.55 तक पहुंच चुका है, जो निवेशकों में कंपनी के प्रति भरोसे को दर्शाता है।
अडानी ग्रीन एनर्जी: तेजी से बढ़ती Renewable Energy कंपनी
अडानी ग्रीन एनर्जी की स्थापना 2015 में हुई थी और इसका मुख्यालय अहमदाबाद में है। यह कंपनी अपेक्षाकृत नई है, लेकिन इसके विस्तार की गति ने इसे भारत की सबसे चर्चित Renewable Energy कंपनियों में ला खड़ा किया है। वर्तमान में कंपनी की 5.29 गीगावाट की उत्पादन क्षमता परिचालन में है, जबकि 8 गीगावाट की परियोजनाएँ निर्माणाधीन हैं।
कंपनी की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना खवड़ा, गुजरात में 19,000 हेक्टेयर क्षेत्र में सोलर पार्क बनाना है, जिसे दुनिया के सबसे बड़े Renewable Energy पार्कों में गिना जाएगा। FY25 में अडानी ग्रीन की ऊर्जा बिक्री में 28% की वृद्धि दर्ज की गई, जो इसे हाई-ग्रोथ ट्रैक पर रखता है।
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हालांकि, शेयर बाज़ार में इसका प्रदर्शन मिश्रित रहा है। FY25 में इसका शेयर मूल्य 52-सप्ताह के उच्चतम ₹2,173.65 से गिरकर वर्तमान में लगभग ₹1,009 पर आ गया है। यह इसके मूल्य में उच्च अस्थिरता (Beta 1.8) और उच्च जोखिम को दर्शाता है।
वित्तीय मूल्यांकन और जोखिम का तुलनात्मक विश्लेषण
मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से अडानी ग्रीन ₹1.59 लाख करोड़ के साथ टाटा पावर (₹1.29 लाख करोड़) से आगे है। लेकिन P/E अनुपात और P/B अनुपात जैसे मूल्यांकन मानकों पर टाटा पावर अधिक आकर्षक प्रतीत होती है—P/E 31.96 और P/B 3.62।
वहीं, अडानी ग्रीन का P/E अनुपात 101.69 और P/B अनुपात 13.31 पर है, जो इसे अधिक मूल्यांकित यानी Overvalued स्टॉक बनाता है। सबसे बड़ा अंतर ऋण-इक्विटी अनुपात में दिखता है—टाटा पावर का 0.55 है जबकि अडानी ग्रीन का 570.05, जो निवेशकों के लिए एक बड़ा जोखिम संकेत है।