
भारत में Renewable Energy (रिन्यूएबल एनर्जी) सेक्टर तेज़ी से उभर रहा है और निवेशकों के लिए यह एक आकर्षक अवसर बनता जा रहा है। जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण जैसे कारणों से भारत सरकार भी नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र को सशक्त रूप से बढ़ावा दे रही है। हालांकि, अभी भारत में पूरी तरह से रिन्यूएबल एनर्जी पर केंद्रित एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) की संख्या सीमित है, लेकिन कुछ ऐसे ETF मौजूद हैं जिनमें निवेश करके इस सेक्टर में अप्रत्यक्ष रूप से हिस्सेदारी ली जा सकती है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय विकल्प भी उपलब्ध हैं, जो वैश्विक स्तर पर Renewable Energy कंपनियों में निवेश का मौका देते हैं।
ICICI प्रूडेंशियल निफ्टी ऑयल & गैस ETF: ऊर्जा क्षेत्र की मजबूत पकड़
ICICI प्रूडेंशियल द्वारा प्रस्तुत यह ETF भारत के ऊर्जा सेक्टर में निवेश का एक प्रमुख विकल्प है। इसमें 96% से अधिक निवेश ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियों में किया गया है। इसकी मुख्य होल्डिंग्स में रिलायंस इंडस्ट्रीज, ONGC, BPCL और GAIL जैसी कंपनियाँ शामिल हैं।
यह ETF उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है जो व्यापक ऊर्जा क्षेत्र में हिस्सेदारी चाहते हैं, भले ही यह पूरी तरह से Renewable Energy केंद्रित न हो। इस फंड का AUM यानी एसेट अंडर मैनेजमेंट ₹162 करोड़ है और इसका खर्च अनुपात 0.40% रखा गया है, जो इसे मझोले खर्च वाले ETF की श्रेणी में रखता है।
यह ETF पारंपरिक और कुछ हद तक रिन्यूएबल ऊर्जा कंपनियों का मिश्रण पेश करता है। जैसे-जैसे इन कंपनियों का झुकाव स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ेगा, वैसे-वैसे यह ETF भी इस परिवर्तन का लाभ दे सकता है।
निप्पॉन इंडिया CPSE ETF: सरकारी दिग्गजों में निवेश का अवसर
निप्पॉन इंडिया CPSE ETF एक ऐसा फंड है जो भारत सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में निवेश करता है। इस ETF की प्रमुख होल्डिंग्स में पावर ग्रिड, NTPC, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, ONGC और कोल इंडिया शामिल हैं। इसमें ऊर्जा क्षेत्र में लगभग 65% निवेश देखा जाता है।
इस ETF का AUM ₹37,632 करोड़ है, जो इसे भारत के सबसे बड़े ETF में से एक बनाता है। इसका खर्च अनुपात महज 0.07% है, जो इसे कम लागत वाला और अधिक रिटर्न संभावित ETF बनाता है।
हालाँकि यह पूरी तरह से Renewable Energy पर आधारित नहीं है, लेकिन इसमें शामिल कंपनियाँ—विशेषकर NTPC और पावर ग्रिड—अपनी परियोजनाओं में स्वच्छ ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। इस प्रकार, यह ETF लंबी अवधि में रिन्यूएबल एनर्जी के रुझान से लाभान्वित हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय विकल्प: Invesco Solar ETF (TAN) से वैश्विक रुझान का लाभ
यदि आप विशुद्ध रूप से Renewable Energy सेक्टर में निवेश करना चाहते हैं, तो Invesco Solar ETF (TAN) जैसे अंतरराष्ट्रीय ETF एक सशक्त विकल्प हो सकते हैं। यह ETF अमेरिका की प्रमुख सौर ऊर्जा कंपनियों में निवेश करता है जिनमें Enphase Energy, First Solar और SolarEdge Technologies प्रमुख हैं।
भारत में ये ETF ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म्स जैसे Zerodha, Groww, और Upstox के माध्यम से उपलब्ध हैं। हालांकि, इन पर विदेशी विनिमय दर और कर नीतियों का प्रभाव हो सकता है, लेकिन यह वैश्विक Renewable Energy ग्रोथ का प्रत्यक्ष लाभ देने की क्षमता रखता है।
TAN जैसे ETF उन निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं जो भारत के बाहर की कंपनियों में विविधता लाना चाहते हैं और सौर ऊर्जा में विशेष रुचि रखते हैं।
यह भी पढें-Tata Power vs Adani Green: किस ग्रीन एनर्जी स्टॉक में है ज्यादा दम? जानें तुलना और निवेश विकल्प
भारत में Renewable Energy ETF में निवेश की प्रक्रिया
यदि आप भारत में या वैश्विक स्तर पर Renewable Energy ETF में निवेश करना चाहते हैं, तो इसके लिए सबसे पहले आपको एक ब्रोकरेज खाता खोलना होगा। Zerodha, Groww और Upstox जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स आज निवेश को बेहद सरल बना चुके हैं।
ब्रोकरेज खाता खोलने के बाद आपको उपयुक्त ETF का चयन करना होगा। यह चुनाव आपकी जोखिम सहनशीलता, निवेश की अवधि और क्षेत्रीय रुचि के अनुसार होना चाहिए। आप एकमुश्त (लंपसम) निवेश कर सकते हैं या SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के माध्यम से धीरे-धीरे भी निवेश कर सकते हैं।
निवेश करने के बाद सबसे ज़रूरी बात यह है कि आप अपने निवेश पर नियमित नज़र रखें। बाजार की चाल और सरकार की नीतियों के अनुसार अपने पोर्टफोलियो में समय-समय पर बदलाव करते रहें।
निवेश से पहले ध्यान में रखने योग्य बातें
Renewable Energy ETF में निवेश करते समय कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं का ध्यान रखना आवश्यक है। सबसे पहले, आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिस ETF में आप निवेश कर रहे हैं, उसमें रिन्यूएबल एनर्जी कंपनियों की हिस्सेदारी पर्याप्त हो।
दूसरा महत्वपूर्ण पहलू है खर्च अनुपात (Expense Ratio) । कम खर्च अनुपात वाले ETF में निवेश करने से आपकी रिटर्न पर कम असर पड़ेगा। तीसरा और महत्वपूर्ण पहलू है लिक्विडिटी यानी तरलता। उच्च लिक्विडिटी वाले ETF में निवेश करना हमेशा बेहतर होता है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर आप अपनी होल्डिंग्स को आसानी से बेच सकें।
भविष्य में भारतीय बाजार में विशुद्ध Renewable Energy ETF लॉन्च होने की पूरी संभावना है। तब तक, निवेशक इन मौजूदा विकल्पों के माध्यम से इस क्षेत्र में भागीदारी कर सकते हैं और आने वाले परिवर्तन की तैयारी कर सकते हैं।