
भारत में रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy की दिशा में तेजी से प्रगति हो रही है और इसमें सोलर एनर्जी-Solar Energy की भागीदारी सबसे अहम है। 2025 तक 1kW सोलर पैनल सिस्टम की कीमतें, इंस्टॉलेशन प्रक्रिया और सरकारी सब्सिडी से जुड़ी नई जानकारी ने आम नागरिकों को भी अपने घरों को आत्मनिर्भर बनाने की ओर प्रेरित किया है। उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में विशेष रूप से सब्सिडी योजनाएं आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। इस लेख में हम विस्तार से देखेंगे कि भारत में 1kW Solar System लगवाने के लिए आपको क्या लागत आएगी, कौन-कौन से उपकरण लगेंगे, इंस्टॉलेशन का क्या तरीका होगा और सरकार से कितनी सब्सिडी मिल सकती है।
2025 में 1kW सोलर पैनल सिस्टम की अनुमानित कीमतें
वर्ष 2025 तक, भारत में 1kW सोलर पैनल सिस्टम की कीमत उस सिस्टम के प्रकार पर निर्भर करेगी। ऑन-ग्रिड, ऑफ-ग्रिड और हाइब्रिड सोलर सिस्टम की श्रेणियों में अंतर के अनुसार इनकी कीमतों में भी अंतर देखा जा रहा है। एक ऑन-ग्रिड सिस्टम की कीमत ₹70,000 से ₹80,000 के बीच है, जो उन घरों के लिए उपयुक्त है जहां बिजली की निर्बाध आपूर्ति रहती है और अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में भेजा जा सकता है। वहीं ऑफ-ग्रिड सिस्टम की कीमत ₹80,000 से ₹90,000 तक हो सकती है, जिसे बैटरी के माध्यम से बिजली संग्रहण की जरूरत होती है। हाइब्रिड सिस्टम, जो ऑन-ग्रिड और ऑफ-ग्रिड दोनों की सुविधाएं प्रदान करता है, ₹1,10,000 या उससे अधिक में उपलब्ध है।
उत्तर प्रदेश में सोलर सब्सिडी का लाभ
उत्तर प्रदेश सरकार रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy को बढ़ावा देने के लिए आकर्षक सब्सिडी स्कीम चला रही है। 1kW से लेकर 3kW तक के सोलर सिस्टम के लिए विभिन्न सब्सिडी दरें तय की गई हैं। यदि आप 1kW का सिस्टम लगवाते हैं, तो आपको ₹30,000 तक की सब्सिडी मिल सकती है। इसी तरह 2kW सिस्टम के लिए भी ₹30,000 की सहायता दी जा रही है, जबकि 3kW या इससे अधिक के सिस्टम के लिए ₹78,000 तक की सब्सिडी उपलब्ध है। उदाहरण के तौर पर, यदि आपने ₹75,000 का ऑन-ग्रिड सिस्टम खरीदा, तो सब्सिडी कटने के बाद आपकी वास्तविक लागत ₹45,000 ही रह जाएगी।
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इंस्टॉलेशन प्रक्रिया: एक व्यवस्थित और पारदर्शी तरीका
भारत सरकार ने सोलर सिस्टम की स्थापना के लिए एक व्यवस्थित ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की है। इसके लिए सबसे पहले आपको pmsuryaghar.gov.in पर जाकर पंजीकरण करना होता है। पंजीकरण के बाद आपको DISCOM द्वारा मान्यता प्राप्त किसी वेंडर का चयन करना होता है। इसके बाद वह वेंडर आपके घर पर साइट सर्वेक्षण करेगा और सिस्टम की स्थापना करेगा। स्थापना पूर्ण होने पर DISCOM की ओर से नेट मीटरिंग की प्रक्रिया की जाती है, जिससे आप ग्रिड से बिजली ले और वापस भेज भी सकते हैं। अंतिम चरण में, पूरी प्रक्रिया के बाद सरकारी सब्सिडी सीधे आपके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।
सोलर पैनल की उत्पादन क्षमता और महीने की बचत
एक 1kW सोलर सिस्टम प्रतिदिन औसतन 4 से 6 यूनिट तक बिजली का उत्पादन कर सकता है। यानी महीने में कुल 120 से 180 यूनिट तक बिजली उत्पन्न की जा सकती है। अगर बिजली दर ₹8 प्रति यूनिट मानी जाए तो इससे आपकी महीने की बचत ₹960 से ₹1,440 तक हो सकती है। यह उन लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी है जो बिजली के खर्च से बचना चाहते हैं और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाना चाहते हैं।
एक 1kW सोलर सिस्टम के लिए जरूरी उपकरण
1kW का सोलर सिस्टम सेटअप करने के लिए कुछ प्रमुख उपकरणों की आवश्यकता होती है। इसमें शामिल होते हैं तीन 330W के सोलर पैनल, एक सोलर इन्वर्टर, ACDB और DCDB बॉक्स, वायरिंग और माउंटिंग स्ट्रक्चर। अगर आप ऑफ-ग्रिड या हाइब्रिड सिस्टम लगा रहे हैं तो इसमें बैटरी भी जोड़ी जाती है ताकि आप रात के समय या बिजली न होने पर भी इसका उपयोग कर सकें।
अनुशंसित 1kW सोलर सिस्टम उत्पाद
यदि आप अपने घर के लिए विश्वसनीय और कुशल सोलर सिस्टम की तलाश में हैं, तो बाजार में कई भरोसेमंद विकल्प उपलब्ध हैं। इनमें UTL का 1kW ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम ₹83,064 की कीमत पर एक सम्पूर्ण समाधान प्रदान करता है। वहीं V-Guard Smart Pro 1200s सोलर इन्वर्टर ₹5,699 में एक प्रभावी विकल्प है। इसके अलावा ₹48,946 में 1kW/12V का ऑफ-ग्रिड सिस्टम और Shark के 450W x 2 सोलर पैनल ₹21,999 में उपलब्ध हैं। इनमें से आप अपनी आवश्यकता और बजट के अनुसार उपयुक्त विकल्प का चयन कर सकते हैं।
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आत्मनिर्भर ऊर्जा समाधान की ओर एक बड़ा कदम
भारत में रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy के क्षेत्र में सरकारी प्रोत्साहन और बढ़ती तकनीकी दक्षता ने सोलर एनर्जी को बेहद सुलभ और किफायती बना दिया है। 1kW सोलर पैनल सिस्टम न सिर्फ आपके बिजली बिल को कम करता है, बल्कि दीर्घकालिक रूप से आपको ऊर्जा स्वतंत्रता भी प्रदान करता है। उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में सब्सिडी योजना इसे और भी अधिक सुलभ बनाती है। यदि आप 2025 में सोलर सिस्टम लगवाने की सोच रहे हैं, तो अब समय है निर्णय लेने का।