
रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) सेक्टर की प्रमुख कंपनी Waaree Energies इन दिनों अपने शेयर की भारी गिरावट को लेकर चर्चा में है। आज के ट्रेडिंग सेशन में Waaree Energies का शेयर 10% से भी ज्यादा गिरा, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) पर कंपनी के स्टॉक्स में यह गिरावट किस कारण से आई, यह जानना हर निवेशक के लिए जरूरी है।
अमेरिकी विधेयक बना शेयर की गिरावट की बड़ी वजह
Waaree Energies के शेयर में आई इस बड़ी गिरावट की सबसे बड़ी वजह अमेरिका में पारित हुआ एक नया विधेयक है। दरअसल, अमेरिकी संसद ने क्लीन एनर्जी इंवेस्टमेंट और प्रोडक्शन टैक्स क्रेडिट (Clean Energy Investment/Production Tax Credit) को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने से संबंधित एक विधेयक पारित कर दिया है।
इस विधेयक के पारित होते ही अमेरिकी बाजार में क्लीन एनर्जी कंपनियों के स्टॉक्स में भारी गिरावट देखने को मिली। इसका सीधा असर Waaree Energies के शेयर पर भी पड़ा क्योंकि कंपनी की ऑर्डर बुक का करीब 57% हिस्सा अमेरिकी प्रोजेक्ट्स पर आधारित है।
इस फैसले के बाद अमेरिकी क्लीन एनर्जी प्रोजेक्ट डेवलपर्स और निर्माताओं ने चिंता जाहिर की है कि अगर ये टैक्स क्रेडिट्स खत्म होते हैं तो इससे कई फैक्ट्रियां बंद हो सकती हैं, नौकरियां जा सकती हैं और अमेरिकी घरों में बिजली की लागत भी बढ़ सकती है। इसका सीधा कारोबारी असर Waaree Energies जैसी कंपनियों पर पड़ना तय है, जिसकी झलक आज के ट्रेडिंग में साफ दिखाई दी।
शेयर ने कैसा प्रदर्शन किया है?
बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, आज सुबह 10:42 बजे तक Waaree Energies का शेयर 7.21% या 216.15 रुपये की गिरावट के साथ 2780.55 रुपये पर ट्रेड कर रहा था। वहीं एनएसई पर स्टॉक 7.15% या 214.40 रुपये टूटकर 2,782.50 रुपये पर कारोबार कर रहा था। सुबह 10:26 बजे तक कंपनी के 2,44,768 इक्विटी शेयरों में ट्रेडिंग हो चुकी थी।
बीते हफ्तों में शेयर का रिटर्न कैसा रहा?
BSE Analytics के अनुसार, पिछले एक हफ्ते में Waaree Energies के शेयर ने 4 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की है। हालांकि, पिछले दो हफ्तों में यह शेयर 7 प्रतिशत से ज्यादा चढ़ा था। वहीं अगर पूरे महीने की बात करें तो स्टॉक में करीब 7 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।
इसके अलावा, अगर हम तीन महीने की अवधि देखें तो इस दौरान कंपनी के शेयर में 23 प्रतिशत से अधिक की तेजी आई है। वहीं पिछले 6 महीनों में इसने करीब 3 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।
इसका मतलब यह है कि जहां एक ओर शेयर ने मिड टर्म में अच्छा प्रदर्शन किया है, वहीं शॉर्ट टर्म में अमेरिका के फैसले ने इसके भाव पर नेगेटिव असर डाला है।
आगे क्या हो सकता है?
अब निवेशकों की नजर इस पर टिकी है कि अमेरिका में यह नया टैक्स कानून कब और कैसे लागू होगा और इसका असल असर Waaree Energies के कारोबार पर कितना गहरा होगा। यदि अमेरिका में Renewable Energy सेक्टर को मिलने वाली सब्सिडी और टैक्स क्रेडिट पूरी तरह खत्म हो जाती है, तो इससे Waaree Energies जैसी कंपनियों की ऑर्डर बुक, रेवेन्यू और मार्जिन पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
साथ ही अगर कंपनी अपने कारोबार का भौगोलिक विस्तार अन्य देशों में करती है या नए ऑर्डर्स भारत और अन्य मार्केट्स से हासिल करती है, तो यह गिरावट लंबे समय तक नहीं टिकेगी। लेकिन फिलहाल निवेशकों के बीच अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है।