सोलर पैनल से AC चलाना संभव है? जानिए कितनी क्षमता चाहिए और क्या है लागत

गर्मी में AC की जरूरत तो सबको होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ 3 kW का सोलर सिस्टम लगाकर आप अपने बिजली बिल को पूरी तरह खत्म कर सकते हैं? जानिए पूरी जानकारी और सरकारी सब्सिडी का लाभ कैसे लें!

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Written by Rohit Kumar

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सोलर पैनल से AC चलाना संभव है? जानिए कितनी क्षमता चाहिए और क्या है लागत
सोलर पैनल से AC चलाना संभव है? जानिए कितनी क्षमता चाहिए और क्या है लागत

भारत में रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) के क्षेत्र में बढ़ते रुझान के बीच अब लोग पारंपरिक बिजली स्रोतों की जगह सोलर एनर्जी (Solar Energy) को तेजी से अपना रहे हैं। खासकर गर्मियों में बिजली की खपत बढ़ने के कारण लोग यह जानना चाहते हैं कि क्या सोलर पैनल से 1.5 टन का एयर कंडीशनर (AC) चलाया जा सकता है? जवाब है- हां, बिल्कुल चलाया जा सकता है। बस जरूरत है सही क्षमता वाले सोलर सिस्टम और उपकरणों के संयोजन की।

कितनी क्षमता का सोलर पैनल चाहिए 1.5 टन AC के लिए?

एक सामान्य 1.5 टन इनवर्टर AC लगभग 1.2 से 1.5 किलोवाट (kW) बिजली की खपत करता है। यदि यह एसी रोजाना 6 से 8 घंटे के लिए उपयोग में लिया जाए, तो यह प्रतिदिन लगभग 9 से 12 यूनिट (kWh) बिजली की मांग करेगा।

भारतीय परिस्थितियों में प्रतिदिन औसतन 5 से 6 घंटे तक सोलर रेडिएशन मिलता है। इसी आधार पर, 1.5 टन का एसी चलाने के लिए कम से कम 2.5 से 3 kW का सोलर पैनल सिस्टम जरूरी होगा। यह प्रणाली पर्याप्त मात्रा में बिजली उत्पन्न करने में सक्षम होगी जिससे पूरे दिन का एसी का लोड संभाला जा सके।

कितनी होगी लागत: 3 kW सोलर सिस्टम का खर्च

भारत में 1 kW के सोलर सिस्टम की औसत लागत लगभग ₹50,000 से ₹60,000 के बीच होती है। इसमें सोलर पैनल, इन्वर्टर, चार्ज कंट्रोलर, वायरिंग, स्ट्रक्चर और इंस्टॉलेशन शामिल होते हैं।

इस तरह, 3 kW के सोलर पैनल सिस्टम की कुल लागत ₹1.5 लाख से ₹1.8 लाख तक हो सकती है। यदि आप बिना बैटरी के सिस्टम लगाते हैं (यानि ग्रिड-टाइड या डे-टाइम यूसेज), तो यह खर्च थोड़ा कम भी हो सकता है। लेकिन अगर आप बैटरी सहित ऑफ-ग्रिड सिस्टम बनाते हैं तो लागत और बढ़ेगी।

क्या जरूरी है बैटरी और इन्वर्टर?

यदि आप एसी को केवल दिन के समय चलाना चाहते हैं, जब सूरज की रोशनी उपलब्ध होती है, तो बैटरी की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन अगर आपको रात में भी एसी चलाना है, तो बैटरी बैंक जरूरी होगा।

1.5 टन का एसी यदि 6 घंटे तक चलता है तो उसे लगभग 9 kWh ऊर्जा की जरूरत होगी। इस हिसाब से, आपके पास 9 kWh क्षमता की बैटरी होनी चाहिए, जो लगभग 300 Ah (30V) के बराबर होती है।

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इसके साथ ही, इन्वर्टर की क्षमता भी उतनी होनी चाहिए कि वह एक साथ इतनी पावर दे सके। 3 kVA या उससे अधिक क्षमता का इन्वर्टर यहां उपयुक्त रहेगा।

सरकारी सब्सिडी: कैसे मिलेगा फायदा?

भारत सरकार की प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana) के तहत, 3 kW तक के सोलर सिस्टम पर ₹78,000 तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है। यह योजना देशभर में लागू है और लोग इसका लाभ pmsuryaghar.gov.in पर जाकर आवेदन करके उठा सकते हैं।

यह सब्सिडी लागत को काफी हद तक कम कर देती है और सोलर सिस्टम को आम आदमी की पहुंच में लाती है। इसके अंतर्गत इंस्टॉलेशन की निगरानी और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सरकारी एजेंसियों की मदद भी ली जाती है।

क्या यह निवेश फायदेमंद है?

अगर आप उत्तराखंड, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र या किसी अन्य ऐसे राज्य में रहते हैं जहां पूरे साल भर पर्याप्त धूप मिलती है, तो यह निवेश और भी ज्यादा लाभकारी हो जाता है। एक बार सोलर सिस्टम लगाने के बाद आपका बिजली बिल शून्य के करीब आ सकता है और आप सालों तक इसकी मेंटेनेंस की चिंता किए बिना इसका लाभ ले सकते हैं।

रिन्यूएबल एनर्जी के रूप में सोलर पावर पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है। यह न केवल प्रदूषण को कम करता है बल्कि ग्रीन एनर्जी ट्रांजिशन की दिशा में एक मजबूत कदम भी है।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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