भारत में Renewable Energy विशेष रूप से सोलर एनर्जी के क्षेत्र में बीते कुछ वर्षों में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिले हैं। वर्ष 2025 में 1 किलोवाट (1kW) सोलर पैनल की कीमत और इसकी विविधताएं इस बदलाव की अहम झलक पेश करती हैं।

भारत सरकार की ओर से National Rooftop Solar योजना के तहत सब्सिडी योजनाओं ने ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम को बेहद सुलभ बना दिया है। वहीं, ऑफ-ग्रिड और हाइब्रिड विकल्पों में भी प्रतिस्पर्धात्मक कीमतें और नवीनतम तकनीकें इसे आम जनता की पहुंच में ला रही हैं।
ऑन-ग्रिड, ऑफ-ग्रिड और हाइब्रिड: कौन सा सोलर सिस्टम है आपके लिए बेहतर?
2025 में भारत में उपलब्ध 1kW सोलर सिस्टम मुख्यतः तीन प्रकारों में मिलते हैं: ऑन-ग्रिड, ऑफ-ग्रिड और हाइब्रिड। ऑन-ग्रिड सिस्टम की अनुमानित कीमत ₹65,000 से ₹85,000 के बीच है, लेकिन ₹30,000 तक की सब्सिडी के बाद इसकी लागत ₹35,000 से ₹55,000 के बीच आ सकती है।
ऑन-ग्रिड सिस्टम उन उपभोक्ताओं के लिए आदर्श है जो ग्रिड से जुड़े रहकर बिजली बचत करना चाहते हैं। इसके विपरीत, ऑफ-ग्रिड सिस्टम की कीमत ₹80,000 से ₹1,05,000 के बीच होती है, और इसमें बैटरी बैकअप की सुविधा होती है। हाइब्रिड सिस्टम दोनों का मिश्रण है, जिसकी कीमत ₹1,20,000 से ₹1,50,000 तक जाती है, और यह ₹90,000 से ₹1,20,000 की सब्सिडी के बाद मिल सकता है।
ब्रांड्स का मुकाबला: कौन से विकल्प हैं बाज़ार में अव्वल?
आज के उपभोक्ता केवल कीमत नहीं, बल्कि ब्रांड और विश्वसनीयता को भी महत्व दे रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए Shark, Luminous और अन्य प्रमुख ब्रांड्स ने अपने-अपने 1kW Solar Systems बाज़ार में उतारे हैं। Shark का 1kW पैनल सिस्टम, जिसमें दो 450W मोनोक्रिस्टलाइन पैनल होते हैं, ₹21,999 में मिल रहा है।
यह बजट-फ्रेंडली और उच्च दक्षता वाला विकल्प छोटे घरों के लिए उपयुक्त है। वहीं, Luminous का 1kW का Complete System जिसकी कीमत ₹1,03,999 है, इन्वर्टर और बैटरी सहित एक संपूर्ण समाधान प्रदान करता है। ऐसे उपभोक्ताओं के लिए आदर्श है जो ब्रांड वैल्यू और भरोसे को प्राथमिकता देते हैं।
सरकारी सब्सिडी और ईएमआई योजनाएं: सोलर अपनाना हुआ आसान
भारत सरकार की राष्ट्रीय रूफटॉप सोलर योजना के अंतर्गत ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम पर ₹30,000 तक की सब्सिडी उपलब्ध है। उपभोक्ता राष्ट्रीय पोर्टल पर पंजीकरण कर आसानी से इसका लाभ ले सकते हैं। इसके अलावा, ब्रांड्स जैसे Loom Solar, 12 महीने तक की EMI योजनाएं भी पेश करते हैं, जिनमें मासिक किस्तें ₹9,000 से ₹10,000 के बीच होती हैं।
यह भी पढें-क्या 3kW सोलर सिस्टम से चल सकता है पूरा घर? जानें सच और एक्सपर्ट की राय
वारंटी और इंस्टॉलेशन की जरूरतें
सोलर सिस्टम की स्थापना से पहले कुछ बुनियादी बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। 1kW सोलर सिस्टम के लिए लगभग 80 से 100 वर्ग फीट छत की आवश्यकता होती है। जहां तक वारंटी की बात है, अधिकांश सोलर पैनल 25 वर्षों की परफॉर्मेंस वारंटी के साथ आते हैं। इन्वर्टर और बैटरी की वारंटी आमतौर पर 1 से 5 वर्षों के बीच होती है।
इससे उपयोगकर्ताओं को दीर्घकालिक भरोसा और मेंटेनेंस का आश्वासन मिलता है।
बाइफेशियल पैनल का उदय: नई तकनीकें, नई उम्मीदें
बाजार में अब बाइफेशियल सोलर पैनल भी लोकप्रिय हो रहे हैं, जो दोनों ओर से सोलर एनर्जी को अवशोषित कर सकते हैं। Waaree जैसी कंपनियां ₹25/वाट की लागत पर यह तकनीक प्रदान कर रही हैं, जो लंबे समय में अधिक बिजली उत्पादन का आश्वासन देती है।
इससे स्पष्ट है कि भारत अब केवल सोलर को अपनाने की दिशा में ही नहीं, बल्कि तकनीकी रूप से भी वैश्विक मानकों की ओर अग्रसर है।