
उत्तर प्रदेश में Renewable Energy को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर आकर्षक योजनाएं लेकर आ रही हैं। ऐसे में टाटा पावर (Tata Power) का 4kW सोलर सिस्टम उन लोगों के लिए एक बेहतर विकल्प बनकर उभर रहा है जो न केवल बिजली बिल से छुटकारा पाना चाहते हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देना चाहते हैं। खासकर अलीगढ़ जैसे शहरों में जहां ग्रिड पर निर्भरता अधिक है, वहां टाटा का यह ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम लोगों के लिए किफायती और दीर्घकालिक समाधान बन सकता है।
टाटा 4kW सोलर सिस्टम की कीमत
टाटा पावर द्वारा निर्मित 4kW ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम में अत्याधुनिक मोनो बाइफेशियल सोलर पैनल और उच्च गुणवत्ता वाले इन्वर्टर शामिल होते हैं। इस सिस्टम की अनुमानित कीमत ₹2,52,000 से ₹2,85,600 के बीच है। यह कीमत बाजार में अन्य ब्रांड की तुलना में प्रतिस्पर्धी है और टाटा की विश्वसनीयता इसे और भी अधिक भरोसेमंद बनाती है।
केंद्र सरकार की सब्सिडी: पीएम सूर्या घर मुफ्त बिजली योजना
केंद्र सरकार की ओर से ‘PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana’ के तहत 4kW से 10kW तक के सोलर सिस्टम पर ₹78,000 तक की सब्सिडी दी जा रही है। यह योजना न केवल लोगों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने का प्रयास है, बल्कि देशभर में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम है।
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उत्तर प्रदेश सरकार की अतिरिक्त सब्सिडी
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भी राज्य निवासियों को अतिरिक्त राहत दी जा रही है। राज्य सरकार 3kW तक के सोलर सिस्टम पर ₹30,000 तक की अतिरिक्त सब्सिडी देती है। हालांकि 4kW सिस्टम पर अधिकतम ₹78,000 की सब्सिडी केंद्र सरकार की योजना के तहत ही प्राप्त होती है। यह राशि सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाती है।
सोलर सिस्टम की इंस्टॉलेशन लागत
भारत में औसतन सोलर पैनल इंस्टॉलेशन की लागत ₹7 प्रति वॉट मानी जाती है। ऐसे में 4kW यानी 4000 वॉट के सिस्टम के लिए इंस्टॉलेशन खर्च लगभग ₹28,000 आता है। यह लागत सिस्टम की कुल लागत में शामिल होती है और स्थानीय वेंडर द्वारा निर्धारित की जाती है।
सब्सिडी के बाद कुल लागत कितनी पड़ेगी?
यदि टाटा 4kW सोलर सिस्टम की अधिकतम अनुमानित लागत ₹2,85,600 और इंस्टॉलेशन की लागत ₹28,000 जोड़ी जाए, तो कुल लागत ₹3,13,600 होती है। अब यदि इसमें से ₹78,000 की सब्सिडी घटा दी जाए, तो उपभोक्ता को अंतिम लागत ₹2,02,000 से ₹2,35,600 के बीच पड़ती है। यह निवेश 5 से 6 वर्षों में अपनी लागत वसूल कर सकता है और उसके बाद लगभग मुफ्त बिजली का लाभ प्रदान करता है।
सालाना बिजली उत्पादन और बचत की गणना
टाटा पावर का 4kW सोलर सिस्टम प्रति वर्ष लगभग 5,760 यूनिट बिजली उत्पन्न कर सकता है। यदि प्रति यूनिट बिजली की दर ₹7 मानी जाए, तो सालाना बचत ₹40,320 तक पहुंच सकती है। इस प्रकार, उपभोक्ता 5 वर्षों में ही ₹2 लाख से अधिक की बचत कर सकते हैं, जो सिस्टम की लागत के बराबर है। इसके बाद यह सिस्टम अगले 20 वर्षों तक बिना किसी अतिरिक्त लागत के बिजली उत्पादन करता रहेगा।
सब्सिडी प्राप्त करने की प्रक्रिया
सरकार की ओर से सब्सिडी प्राप्त करने के लिए उपभोक्ताओं को pmsuryaghar.gov.in पर जाकर आवेदन करना होता है। इस पोर्टल पर राज्य, बिजली वितरण कंपनी, उपभोक्ता संख्या, मोबाइल नंबर और ईमेल दर्ज कर रजिस्ट्रेशन करना होता है। इसके बाद आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड कर सब्सिडी के लिए आवेदन पूरा किया जाता है। स्वीकृति मिलने के बाद पंजीकृत वेंडर द्वारा सिस्टम इंस्टॉल किया जाता है और सब्सिडी की राशि सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में भेजी जाती है।
टाटा सोलर सिस्टम के तकनीकी और व्यावसायिक लाभ
टाटा पावर का सोलर सिस्टम न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद है, बल्कि तकनीकी रूप से भी काफी एडवांस्ड है। इसमें लगे बाइफेशियल पैनल दोनों ओर से प्रकाश अवशोषित करते हैं, जिससे सामान्य पैनल की तुलना में अधिक बिजली उत्पादन होता है। इसके अलावा, 25 वर्षों की प्रदर्शन वारंटी इसे लंबे समय तक चलने वाला बनाती है। नेट मीटरिंग के जरिए अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में भेजकर उपभोक्ता क्रेडिट भी अर्जित कर सकते हैं, जिससे उनके बिल और कम हो सकते हैं। टाटा पावर आसान EMI और फाइनेंसिंग विकल्प भी प्रदान करता है जिससे आम परिवारों के लिए यह सिस्टम अधिक सुलभ बन जाता है।
पर्यावरणीय प्रभाव और भविष्य की दिशा
Tata Solar System जैसे रिन्यूएबल एनर्जी समाधान न केवल बिजली संकट को दूर करने में मदद करते हैं, बल्कि कार्बन उत्सर्जन को कम कर पर्यावरण को भी सुरक्षित बनाते हैं। आने वाले वर्षों में भारत सरकार का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक घर सौर ऊर्जा से सुसज्जित हों, और यह योजना उसी दिशा में एक ठोस कदम है।