5kW सोलर सिस्टम की कीमत क्या है? जानिए कितनी बचत होगी हर महीने!

बिजली के बढ़ते बिलों से परेशान हैं? अब वक्त है सोलर की ओर कदम बढ़ाने का! जानिए 5kW सोलर सिस्टम की पूरी कीमत, इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया और हर महीने होने वाली भारी बचत। यह जानकारी आपके पैसे और एनर्जी दोनों बचा सकती है – पूरी डिटेल्स आगे पढ़ें और स्मार्ट फैसला लें!

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Written by Rohit Kumar

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5kW सोलर सिस्टम की कीमत क्या है? जानिए कितनी बचत होगी हर महीने!
5kW सोलर सिस्टम की कीमत क्या है? जानिए कितनी बचत होगी हर महीने!

भारत में रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) की ओर झुकाव लगातार बढ़ रहा है, खासकर उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में जहां बिजली की खपत उच्च स्तर पर है। ऐसे में 5kW सोलर सिस्टम की कीमत और उससे होने वाली मासिक बचत जानना उपभोक्ताओं के लिए एक व्यावहारिक कदम है। 2025 में भारत सरकार की योजनाओं और तकनीकी प्रगति के चलते सोलर सिस्टम अब पहले से अधिक किफायती और सुलभ हो गए हैं।

2025 में 5kW सोलर सिस्टम की कीमत: विकल्पों की विस्तृत जानकारी

सोलर सिस्टम की कीमतें उसके प्रकार और इंस्टॉलेशन की जटिलता पर निर्भर करती हैं। तीन प्रमुख विकल्पों में से उपभोक्ता अपनी जरूरत और बजट के अनुसार चुनाव कर सकते हैं।

ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम, जो सीधे बिजली ग्रिड से जुड़ा होता है और बिना बैटरी के काम करता है, की लागत ₹2,75,000 से ₹3,75,000 तक आती है। इस सिस्टम को लगाने पर सरकार की ओर से प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना (PM Surya Ghar Yojana) के तहत ₹78,000 तक की सब्सिडी भी मिल सकती है। ऑन-ग्रिड सिस्टम की सबसे बड़ी विशेषता नेट मीटरिंग है, जिससे आप अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में भेजकर क्रेडिट कमा सकते हैं।

वहीं, ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम, जिसमें बैटरी की मदद से बिजली संग्रहित की जाती है, की कीमत ₹4,40,000 से ₹5,13,000 तक हो सकती है। यह सिस्टम उन क्षेत्रों में अत्यधिक उपयोगी है जहां बिजली कटौती एक सामान्य समस्या है। हालांकि इस सिस्टम पर आमतौर पर सब्सिडी नहीं मिलती, लेकिन इसकी उपयोगिता विशेष रूप से ग्रामीण या अनियमित बिजली आपूर्ति वाले क्षेत्रों में अधिक है।

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तीसरा विकल्प है हाइब्रिड सोलर सिस्टम, जिसमें ऑन-ग्रिड और ऑफ-ग्रिड दोनों के फायदे मौजूद होते हैं। हाइब्रिड सिस्टम की कीमत ₹4,45,000 से ₹5,18,000 के बीच होती है और यह उन उपभोक्ताओं के लिए आदर्श है जो बिजली की निर्बाध आपूर्ति के साथ ही बैकअप की सुविधा भी चाहते हैं।

5kW सोलर सिस्टम से मासिक और वार्षिक बचत: कितनी हो सकती है आमदनी?

5kW सोलर सिस्टम प्रतिदिन लगभग 20 से 30 यूनिट बिजली उत्पन्न करने में सक्षम होता है, जिससे प्रति माह 600 से 900 यूनिट तक की बिजली उत्पादित की जा सकती है। यदि आप उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में रहते हैं, जहां बिजली की दर ₹5.50 से ₹7 प्रति यूनिट के बीच है, तो मासिक बचत ₹3,300 से ₹6,300 के बीच हो सकती है। यही बचत एक वर्ष में ₹39,600 से ₹75,600 तक पहुंच सकती है, जो लंबे समय में उपभोक्ताओं को बड़ी आर्थिक राहत देती है।

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इस निवेश पर रिटर्न की बात करें तो औसतन 4 से 6 साल के भीतर इसकी पूंजी लागत की भरपाई हो जाती है, जिससे इसके बाद होने वाली पूरी बचत आपके लाभ में जुड़ जाती है। यह न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि पर्यावरणीय संतुलन के लिहाज से भी एक विवेकपूर्ण निर्णय है।

सोलर इंस्टॉलेशन के लिए आवश्यक स्थान और घरेलू उपयोग

5kW का सोलर सिस्टम स्थापित करने के लिए औसतन 400 से 500 वर्ग फीट छत की आवश्यकता होती है। यदि आपके पास इतना स्थान उपलब्ध है तो यह सिस्टम आपके घर के अधिकांश उपकरण जैसे रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन, 1.5 से 2 टन के एयर कंडीशनर, पंखे और लाइट्स आदि को सहजता से चला सकता है। यह आपके घरेलू उपयोग की संपूर्ण आवश्यकताओं को कवर करने में सक्षम होता है।

भारत में उपलब्ध प्रमुख सोलर सिस्टम विकल्प

बाजार में कई विश्वसनीय कंपनियों द्वारा 5kW सोलर सिस्टम उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इनमें Loom Solar का ऑन-ग्रिड सिस्टम ₹2,75,000 में उपलब्ध है, जबकि Luminous का 5kW सोलर सिस्टम (5.5kVA) ₹5,01,799 की कीमत पर आता है। WAAREE का 5kW सिंगल फेज ऑन-ग्रिड इन्वर्टर ₹37,599 में उपलब्ध है और UTL का 5kW/96V हाइब्रिड सोलर सिस्टम ₹4,42,019 में मिल सकता है।

इन विकल्पों में अंतर मुख्यतः सिस्टम के प्रकार और ब्रांड की विश्वसनीयता पर निर्भर करता है। सही चुनाव के लिए उपभोक्ता को अपने क्षेत्र की बिजली आपूर्ति की स्थिरता, मासिक खपत और बजट को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेना चाहिए।

उत्तर प्रदेश में उपयुक्त विकल्प: ऑन-ग्रिड या हाइब्रिड?

यदि आप उत्तर प्रदेश के ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जहां बिजली आपूर्ति नियमित है, तो ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम आपके लिए सर्वोत्तम विकल्प हो सकता है। इसकी लागत भी कम होती है और सब्सिडी के कारण निवेश पर रिटर्न तेज होता है।

लेकिन अगर आपके क्षेत्र में बिजली कटौती सामान्य है, तो हाइब्रिड या ऑफ-ग्रिड सिस्टम अधिक लाभकारी साबित होगा, क्योंकि यह बैकअप सुविधा के साथ आता है। हालांकि इसकी लागत अधिक होती है, लेकिन बिजली की निर्भरता समाप्त हो जाती है।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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