
भारत में सौर ऊर्जा कंपनियाँ बीते वर्षों में जिस तेज़ी से मुनाफा कमा रही हैं, वह देश की रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy नीति की सफलता का संकेत है। जहां एक ओर घरेलू स्तर पर Solar Power की माँग में भारी इज़ाफ़ा देखा गया है, वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी भारतीय सोलर कंपनियाँ अपनी पकड़ मजबूत कर चुकी हैं। ACME Solar, अदाणी ग्रीन एनर्जी और ReNew Power जैसी अग्रणी कंपनियाँ अब सिर्फ घरेलू परियोजनाओं पर नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी बड़ी भूमिका निभा रही हैं। सरकार की योजनाएं, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव और तकनीकी प्रगति इस पूरे उछाल के प्रमुख कारण बनकर उभरे हैं।
सरकार की योजनाओं से बढ़ी Rooftop Solar की मांग
भारत सरकार ने सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए बीते वर्षों में कई क्रांतिकारी योजनाएं पेश की हैं। खासतौर पर ‘पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ ने पूरे देश में Rooftop Solar Panel Installations को एक नई रफ़्तार दी है। इस योजना के अंतर्गत उपभोक्ताओं को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का वादा किया गया है, साथ ही सोलर पैनल लगाने के लिए आकर्षक सब्सिडी और आसान लोन की सुविधा भी दी जा रही है।
इस योजना से शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ी है और लोग अब अपनी छतों पर Solar Panels लगवाने को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसका सीधा लाभ सोलर कंपनियों को मिला है, जिनके ऑर्डर बुक पहले की तुलना में कई गुना भर चुके हैं।
यह भी पढें-200Ah 12V सोलर बैटरी की कीमत कितनी है? जानिए लेटेस्ट रेट और खरीदते समय ध्यान देने वाली बातें
ACME Solar और अन्य कंपनियों का जबरदस्त प्रदर्शन
भारत की अग्रणी सौर ऊर्जा कंपनी ACME Solar Holdings Ltd ने FY2025 में शानदार नतीजे दर्ज किए हैं। कंपनी ने 130.7% की साल-दर-साल वृद्धि दर्ज करते हुए ₹251 करोड़ का शुद्ध लाभ कमाया है। इसके अलावा कंपनी ने 1,900 मेगावाट की नई क्षमता को अपने पोर्टफोलियो में जोड़ा है, जिसमें 1,000 मेगावाट FDRE (Fully Dispatchable Renewable Energy), 600 मेगावाट सोलर और 300 मेगावाट हाइब्रिड परियोजनाएँ शामिल हैं।
कंपनी की आक्रामक विस्तार नीति और समय पर परियोजना निष्पादन ने न केवल इसके मुनाफे में इज़ाफ़ा किया है, बल्कि इसे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भी मज़बूती दी है। यही वजह है कि अब ACME और ऐसी अन्य कंपनियों के आईपीओ-IPO को निवेशकों के बीच खासा आकर्षण मिल रहा है।
ऊर्जा की बढ़ती मांग और सौर समाधान की आर्थिकता
भारत की विशाल जनसंख्या और लगातार बढ़ते औद्योगीकरण ने ऊर्जा की मांग को नई ऊंचाइयों पर पहुँचा दिया है। इस मांग को पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों से पूरा करना न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी अब अव्यवहारिक साबित हो रहा है।
इसके उलट, Solar Power एक ऐसा विकल्प बनकर उभरा है जो न केवल स्वच्छ है बल्कि दीर्घकालिक रूप से लागत-कुशल भी है। घरों की छतों पर लगे सोलर पैनलों से बिजली उत्पादन की लागत बहुत कम हो गई है, जिससे उपभोक्ताओं के बिजली बिल में भी भारी कटौती हो रही है। यह मॉडल उपभोक्ताओं को आत्मनिर्भर बना रहा है और इससे देश में Distributed Renewable Energy को मजबूती मिल रही है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय कंपनियों की धाक
अमेरिका द्वारा चीनी सौर उत्पादों पर टैरिफ लगाने के बाद भारत की सौर कंपनियों के लिए एक बड़ा मौका खुला है। अदाणी ग्रीन एनर्जी, ReNew Power और टाटा पावर जैसी कंपनियाँ अब अमेरिकी बाजार में अपना विस्तार कर रही हैं। वर्ष 2023 में अमेरिका ने भारत से $1.8 बिलियन के सोलर पैनल्स और सोलर सेल्स का आयात किया, जो एक रिकॉर्ड है।
यह आँकड़ा भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता, प्रतिस्पर्धी मूल्य और उत्पादन क्षमता का प्रमाण है। इस निर्यात से इन कंपनियों की आय में बड़ा उछाल आया है और भारतीय सोलर सेक्टर वैश्विक निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन गया है।
घोटालों और नैतिक चुनौतियों से जूझता सेक्टर
जहां इस सेक्टर ने कई ऊंचाइयां छुई हैं, वहीं कुछ विवादों ने इसकी छवि को भी प्रभावित किया है। अदाणी ग्रीन एनर्जी पर अमेरिका में $265 मिलियन की रिश्वत देने के आरोप लगे हैं, जिसने न केवल कंपनी के शेयरों को प्रभावित किया, बल्कि विदेशी निवेशकों की चिंता भी बढ़ा दी।
ऐसे विवाद यह दिखाते हैं कि सौर ऊर्जा क्षेत्र में पारदर्शिता और नैतिक संचालन की कितनी ज़रूरत है। यदि कंपनियाँ इन पहलुओं पर ध्यान नहीं देंगी, तो यह उनके दीर्घकालिक विकास के लिए खतरा बन सकता है।
दीर्घकालिक सफलता की राह में पारदर्शिता और गुणवत्ता की भूमिका
भारत में सौर ऊर्जा क्षेत्र की मौजूदा मुनाफाखोरी कोई तात्कालिक उछाल नहीं है, बल्कि यह एक संरचनात्मक बदलाव का परिणाम है। सरकार की मजबूत नीति, उपभोक्ता की बढ़ती जागरूकता और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में नए अवसरों ने इसे एक गोल्डमाइन में बदल दिया है।
हालांकि, इस पूरे विकास को स्थायी बनाने के लिए कंपनियों को पारदर्शिता, नैतिकता और गुणवत्ता पर फोकस करना होगा। तभी भारत Renewable Energy के क्षेत्र में विश्व नेतृत्व की ओर अग्रसर हो सकेगा।