
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ समेत पूरे राज्य में Renewable Energy की ओर बढ़ते रुझान के बीच अब Tata Power का 1kW सोलर पैनल सिस्टम और भी किफायती हो गया है। भारत सरकार की सब्सिडी योजना और टाटा की ‘घर-घर सोलर’ पहल ने मिलकर आम उपभोक्ता के लिए सोलर सिस्टम को अधिक सुलभ बना दिया है। खासतौर पर अलीगढ़ जैसे क्षेत्रों में, जहां बिजली की मांग और कटौती दोनों अधिक हैं, वहां यह सिस्टम एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभरा है।
1kW टाटा सोलर सिस्टम की नई अनुमानित लागत
यदि आप टाटा का 1kW ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम लगवाने की योजना बना रहे हैं, तो इसकी कुल लागत ₹70,000 से ₹85,000 के बीच आंकी जा रही है। इस लागत में सोलर पैनल, इन्वर्टर, माउंटिंग स्ट्रक्चर, वायरिंग और इंस्टॉलेशन जैसे सभी जरूरी घटक शामिल हैं। सोलर पैनल्स की बात करें तो आमतौर पर 330Wp से 340Wp के 3 से 4 पैनल प्रयोग में लाए जाते हैं, जिनकी लागत ₹30,000 से ₹45,000 तक होती है। इसके अलावा सोलर इन्वर्टर की कीमत ₹10,000 से ₹15,000 के बीच, माउंटिंग स्ट्रक्चर और वायरिंग का खर्च ₹5,000 से ₹10,000 तक तथा इंस्टॉलेशन शुल्क ₹2,000 से ₹5,000 तक हो सकता है।
प्रतिदिन 4 यूनिट बिजली का उत्पादन
यह सोलर सिस्टम प्रतिदिन औसतन 4 यूनिट तक बिजली उत्पन्न करता है, जो एक औसत घर की बुनियादी आवश्यकताओं जैसे पंखे, LED लाइट्स, टीवी और फ्रिज आदि के लिए पर्याप्त होता है। यह न केवल बिजली के बिल में बड़ी बचत लाता है, बल्कि उपभोक्ता को आत्मनिर्भर भी बनाता है।
सब्सिडी से कम हो जाती है आपकी जेब पर मार
उत्तर प्रदेश में केंद्र सरकार की ओर से इस 1kW सोलर सिस्टम पर ₹30,000 की सीधी सब्सिडी दी जा रही है। हालांकि राज्य सरकार की ओर से 1kW पर फिलहाल कोई अतिरिक्त सब्सिडी नहीं दी जा रही है, लेकिन केवल केंद्र की सब्सिडी के आधार पर भी उपभोक्ता को बड़ी राहत मिलती है। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी उपभोक्ता का कुल सिस्टम खर्च ₹75,000 बैठता है, तो सब्सिडी के बाद उन्हें केवल ₹45,000 का भुगतान करना होगा।
टाटा पावर की ‘घर-घर सोलर’ पहल से मिलेगी भरोसेमंद सेवा
Tata Power ने उत्तर प्रदेश में ‘Ghar Ghar Solar’ नाम की एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। इस पहल के अंतर्गत कंपनी ने तेज इंस्टॉलेशन सेवाएं और हाई क्वालिटी बाइफेशियल पैनल्स उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी ली है। बाइफेशियल तकनीक के तहत पैनल्स की दोनों सतहें बिजली उत्पन्न करने में सक्षम होती हैं, जिससे अधिक ऊर्जा उत्पादन सुनिश्चित होता है।
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आसान आवेदन प्रक्रिया से अब हर कोई बन सकता है सोलर उपभोक्ता
Tata Power या किसी प्रमाणित विक्रेता से 1kW सोलर सिस्टम इंस्टॉल करवाने के लिए प्रक्रिया अब काफी सरल हो गई है। सबसे पहले उपभोक्ता को राष्ट्रीय पोर्टल solarrooftop.gov.in पर पंजीकरण करना होता है। इसके बाद आवेदन फॉर्म भरकर आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड किए जाते हैं। अगला चरण होता है स्थानीय DISCOM से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करना। स्वीकृति मिलने के बाद इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया शुरू होती है, और अंततः नेट मीटरिंग के सेटअप के बाद सब्सिडी की राशि उपभोक्ता के बैंक खाते में सीधे जमा कर दी जाती है।
सोलर एनर्जी के फायदे जो लंबे समय तक चलते हैं
Tata का 1kW सोलर सिस्टम केवल एक लागत प्रभावी विकल्प नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण के अनुकूल और भविष्य की जरूरतों के लिए भी उपयुक्त है। यह सिस्टम 25 साल तक की वारंटी के साथ आता है, जिससे लंबे समय तक मेंटेनेंस की चिंता भी कम हो जाती है। नेट मीटरिंग की सुविधा के कारण यदि उपभोक्ता आवश्यकता से अधिक बिजली उत्पन्न करता है, तो उसे DISCOM को बेचकर अतिरिक्त आय भी अर्जित की जा सकती है। साथ ही, बिजली बिलों में 80 से 90 प्रतिशत तक की बचत होती है, जो परिवार के मासिक खर्चों को कम करती है।
अलीगढ़ और अन्य जिलों में बढ़ रही है मांग
अलीगढ़ में बढ़ती सोलर मांग को देखते हुए अब कई स्थानीय विक्रेता और Tata Power के प्रतिनिधि सक्रिय रूप से उपभोक्ताओं को परामर्श और इंस्टॉलेशन सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। जिन उपभोक्ताओं ने पहले ही यह सिस्टम लगवा लिया है, उनका अनुभव सकारात्मक रहा है, और वे नियमित रूप से बिजली बिल में कमी और सिस्टम की कार्यक्षमता को लेकर संतुष्ट हैं।