
देशभर में बढ़ती गर्मी और बिजली के बढ़ते बिलों के बीच कई लोग रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy की ओर रुख कर रहे हैं। खासकर, सोलर एनर्जी-Solar Energy का उपयोग अब सिर्फ लाइट और पंखे तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अब लोग एयर कंडीशनर (AC) जैसे भारी उपकरण भी सोलर पैनलों से चलाने की सोच रहे हैं। लेकिन क्या वास्तव में 1 kW सोलर पैनल से 1 टन AC चलाना संभव है? आइए इस सवाल का टेक्निकल और प्रैक्टिकल विश्लेषण करते हैं।
1 टन AC की बिजली खपत: समझिए असली गणित
एक 1 टन एयर कंडीशनर की कूलिंग क्षमता लगभग 3.5 kW होती है। यदि इसकी ऊर्जा दक्षता यानी EER (Energy Efficiency Ratio) को औसतन 3.0 माना जाए, तो यह प्रति घंटे करीब 1.17 kW बिजली की खपत करता है। अब यदि यह AC दिन में 8 घंटे चलता है, तो इसकी कुल बिजली खपत लगभग 9.36 यूनिट (kWh) प्रतिदिन होगी। यानी एक सामान्य गर्मी के दिन में सिर्फ एक AC ही इतनी बिजली ले लेगा जितनी एक छोटा घर पूरे दिन में नहीं लेता।
1 kW सोलर पैनल की उत्पादन क्षमता: कितनी यूनिट मिलती है?
यदि आप एक 1 kW सोलर सिस्टम इंस्टॉल करते हैं, तो आपको यह जानना जरूरी है कि यह सिस्टम दिनभर में आदर्श परिस्थितियों में अधिकतम 4 यूनिट (kWh) बिजली उत्पन्न कर सकता है। यह आंकड़ा भारत जैसे धूप वाले देश में भी मौसम, स्थान और छत की दिशा पर निर्भर करता है। कई बार यह उत्पादन गिरकर 3 यूनिट तक भी आ सकता है।
इसका सीधा मतलब यह है कि 1 kW का सोलर सिस्टम 1 टन AC को पूरे दिन चलाने लायक बिजली नहीं दे सकता। केवल दिन में 4-5 घंटे की खपत ही इससे कवर हो सकती है, वह भी अगर और कोई उपकरण न चले।
कितने सोलर पैनल से 1 टन AC चल सकता है?
1 टन AC को यदि प्रतिदिन 8 घंटे चलाना हो, तो आपको कम से कम 2 kW का सोलर सिस्टम चाहिए। इसका मतलब है कि यह सिस्टम प्रतिदिन औसतन 8 यूनिट बिजली दे सकेगा, जो AC की जरूरत के करीब आएगा।
यदि आप 325W क्षमता वाले सोलर पैनल का इस्तेमाल करते हैं, तो 2 kW क्षमता हासिल करने के लिए आपको कम से कम 6 पैनल इंस्टॉल करने होंगे। इसमें भी ध्यान देने योग्य बात यह है कि इन पैनलों को छत पर पर्याप्त धूप और सही एंगल में लगाना जरूरी है ताकि उनका उत्पादन क्षमता अधिकतम हो।
क्यों कई इंस्टॉलर्स 1 kW सिस्टम बेचने की सलाह देते हैं?
मार्केट में कई सोलर इंस्टॉलेशन कंपनियां लागत को कम दिखाने के लिए सिर्फ 1 kW सिस्टम की सिफारिश करती हैं। इससे ग्राहक को लगता है कि वह कम खर्च में AC चला पाएगा, लेकिन असलियत में वह सिस्टम उसकी जरूरतों को पूरा नहीं कर पाता।
इसका नतीजा यह होता है कि या तो AC अपेक्षित कूलिंग नहीं देता, या फिर ग्रिड से बिजली लेनी पड़ती है, जिससे बिजली बिल बचाने का लक्ष्य अधूरा रह जाता है। इसके अलावा, अंडरसाइज सिस्टम से इन्वर्टर और बैटरी पर भी दबाव पड़ता है, जिससे उनकी उम्र घट सकती है।
यदि रात में भी AC चलाना हो, तो क्या करना होगा?
यदि आपकी योजना है कि आप AC दिन और रात दोनों समय चलाएं, तो सिर्फ सोलर पैनल से काम नहीं चलेगा। इसके लिए आपको बैटरी स्टोरेज सिस्टम की जरूरत होगी।
बैटरी में दिन में उत्पन्न हुई अतिरिक्त बिजली को स्टोर किया जा सकता है, जिसे रात में उपयोग किया जा सकता है। लेकिन इसमें लागत बहुत बढ़ जाती है क्योंकि बैटरियां महंगी होती हैं और उन्हें समय-समय पर बदलना भी पड़ता है।
इन्वर्टर AC और ऊर्जा दक्षता: स्मार्ट विकल्प
यदि आप सच में सोलर से AC चलाने की योजना बना रहे हैं, तो बेहतर होगा कि आप इन्वर्टर टेक्नोलॉजी वाले 5-स्टार रेटेड AC का चयन करें। ये AC कम बिजली में भी काम करते हैं और वातावरण के अनुसार खुद को एडजस्ट करते हैं। इससे सोलर सिस्टम पर लोड कम पड़ता है और बिजली की बचत भी होती है।
सही प्लानिंग से ही सोलर सिस्टम सफल होता है
1 kW सोलर सिस्टम से 1 टन AC को चलाना प्रैक्टिकल नहीं है, खासकर तब जब आप उसे दिन में 6-8 घंटे तक चलाना चाहते हैं। इसके लिए कम से कम 2 kW सिस्टम, उपयुक्त संख्या में सोलर पैनल, और यदि रात में भी उपयोग हो तो बैटरी स्टोरेज की आवश्यकता होती है।
आपका सोलर सिस्टम आपकी जरूरत के अनुसार साइज किया जाना चाहिए। इसके लिए अपने स्थान की धूप, छत की दिशा और उपयोग के पैटर्न को ध्यान में रखकर प्रोफेशनल सलाह लेना अत्यंत आवश्यक है। तभी जाकर सोलर में किया गया निवेश आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।