भारत में 5kW सोलर सिस्टम कितने का आता है सब्सिडी के बाद? जानिए खर्च, बचत और सरकारी स्कीम की पूरी जानकारी

अगर आप हर महीने बढ़ते बिजली बिल से परेशान हैं, तो अब आपके पास है शानदार मौका! भारत सरकार की नई सोलर सब्सिडी स्कीम के तहत 5kW का सोलर सिस्टम अब पहले से सस्ता हो गया है। जानिए कितनी आएगी लागत, कितनी मिलेगी सब्सिडी और कैसे होगी हर महीने हजारों की बचत पूरी जानकारी बस एक क्लिक पर!

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Written by Rohit Kumar

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भारत में 5kW सोलर सिस्टम कितने का आता है सब्सिडी के बाद? जानिए खर्च, बचत और सरकारी स्कीम की पूरी जानकारी
भारत में 5kW सोलर सिस्टम कितने का आता है सब्सिडी के बाद? जानिए खर्च, बचत और सरकारी स्कीम की पूरी जानकारी

भारत में Renewable Energy को लेकर जागरूकता लगातार बढ़ रही है और इसी दिशा में सरकार की पहल PM Surya Ghar: Muft Bijli Yojana घरेलू उपभोक्ताओं को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित कर रही है। इसी कड़ी में अगर आप 5 किलोवाट (5kW) सोलर सिस्टम लगवाने की योजना बना रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद अहम है। इस समय भारत में 5kW सोलर सिस्टम की लागत ₹2,12,000 से ₹2,79,000 के बीच आ रही है, जिसमें सरकारी सब्सिडी की अहम भूमिका है। आइए जानते हैं कि यह लागत कैसे तय होती है, कितनी सब्सिडी मिलती है और आपको इससे सालाना कितनी बचत हो सकती है।

5kW सोलर सिस्टम की अनुमानित लागत और विकल्प

सोलर सिस्टम की लागत उसके प्रकार पर निर्भर करती है – ऑन-ग्रिड (On-Grid), ऑफ-ग्रिड (Off-Grid) और हाइब्रिड (Hybrid)। ऑन-ग्रिड सिस्टम में सौर ऊर्जा को सीधे बिजली ग्रिड से जोड़ा जाता है, जबकि ऑफ-ग्रिड सिस्टम बैटरी पर आधारित होता है और हाइब्रिड सिस्टम दोनों तकनीकों का संयोजन होता है।

यदि बिना सब्सिडी की बात करें, तो 5kW के ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम की लागत लगभग ₹2,50,000 से ₹3,30,000 के बीच आती है। वहीं ऑफ-ग्रिड सिस्टम ₹3,00,000 से ₹4,50,000 के बीच और हाइब्रिड सिस्टम ₹3,50,000 से ₹5,00,000 तक पहुंच सकता है। इस मूल्य में पैनल, इनवर्टर, इंस्टॉलेशन, वायरिंग और अन्य तकनीकी उपकरण शामिल होते हैं। हालांकि, यदि आप PM Surya Ghar योजना के तहत ऑन-ग्रिड सिस्टम इंस्टॉल कराते हैं, तो सरकार से मिलने वाली सब्सिडी आपके बजट को काफी हद तक हल्का कर सकती है।

पीएम सूर्य घर योजना के तहत सब्सिडी का लाभ

सरकार की PM Surya Ghar: Muft Bijli Yojana के तहत घरेलू उपभोक्ताओं को सोलर सिस्टम पर प्रत्यक्ष सब्सिडी दी जाती है। इस योजना में सब्सिडी की गणना निम्न प्रकार की जाती है: पहले 3kW तक ₹30,000 प्रति किलोवाट और उसके बाद के प्रत्येक किलोवाट पर ₹18,000 की अतिरिक्त सब्सिडी। इसका मतलब है कि 5kW सिस्टम के लिए कुल अधिकतम ₹78,000 तक की सब्सिडी दी जा सकती है।

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उदाहरण के लिए, यदि आप ₹3,00,000 की लागत वाले ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम लगवाते हैं, तो सब्सिडी कटने के बाद आपकी वास्तविक लागत केवल ₹2,22,000 रह जाएगी। यह लागत तब और भी किफायती लगती है जब आप इसके सालाना लाभ को देखें।

बिजली उत्पादन और वार्षिक बचत का अनुमान

एक 5kW सोलर सिस्टम प्रतिदिन लगभग 20 से 30 यूनिट बिजली का उत्पादन कर सकता है। इसका मतलब है कि महीने में 600 से 900 यूनिट और सालाना 7,200 से 10,800 यूनिट तक बिजली का उत्पादन संभव है। यदि औसतन बिजली की दर ₹8 प्रति यूनिट मानी जाए, तो आप हर साल ₹57,600 से ₹86,400 तक की बचत कर सकते हैं।

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इस बचत के आधार पर आप लगभग 3 से 4 वर्षों में अपनी सोलर सिस्टम लागत की भरपाई कर सकते हैं। इसके बाद की पूरी अवधि में, जो सामान्यतः 20 से 25 वर्ष होती है, आपकी बिजली लगभग मुफ्त होगी। कई मामलों में बिजली बिल पूरी तरह शून्य हो जाता है, विशेषकर गर्मियों के महीनों में जब उत्पादन अपने चरम पर होता है।

सब्सिडी के लिए आवेदन की प्रक्रिया

PM Surya Ghar योजना के तहत सब्सिडी प्राप्त करने के लिए सबसे पहले https://pmsuryaghar.gov.in पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होता है। इसके बाद आपको कुछ आवश्यक दस्तावेज जैसे बिजली बिल, पहचान पत्र आदि अपलोड करने होते हैं। इसके बाद MNRE द्वारा अनुमोदित किसी अधिकृत विक्रेता से सिस्टम इंस्टॉलेशन कराना जरूरी होता है।

सिस्टम लग जाने के बाद नेट मीटरिंग की प्रक्रिया शुरू होती है, जिसमें आपके घर में लगे सोलर पैनल से उत्पन्न बिजली को ग्रिड में मापा जाता है। अंतिम सत्यापन के बाद, सरकार द्वारा सब्सिडी की राशि सीधे आपके बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।

सब्सिडी और सिस्टम चयन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

यह जानना जरूरी है कि PM Surya Ghar योजना केवल घरेलू उपभोक्ताओं के लिए लागू होती है। वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ नहीं मिलता। साथ ही, सब्सिडी केवल ऑन-ग्रिड सिस्टम पर दी जाती है, ऑफ-ग्रिड या हाइब्रिड सिस्टम पर नहीं। अधिकतम सब्सिडी ₹78,000 तक सीमित है, भले ही आप इससे बड़े सिस्टम का चयन करें।

यदि आप उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जैसे शहर में रहते हैं, जहां बिजली की मांग और गर्मी दोनों अधिक होती है, तो सोलर सिस्टम एक समझदारी भरा और भविष्यदर्शी निवेश हो सकता है। यह न केवल आपके मासिक खर्च को कम करेगा बल्कि पर्यावरण को भी स्वच्छ रखने में सहायक होगा।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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