Solar vs Hydrogen: कौन है ज्यादा किफायती और कारगर? जानिए दोनों में असली अंतर

सौर ऊर्जा सस्ती और लोकप्रिय, तो ग्रीन हाइड्रोजन है ताकतवर लेकिन महंगी! जानिए इन दोनों क्लीन एनर्जी विकल्पों में कौन है ज्यादा किफायती, कारगर और लंबे समय तक चलने वाला समाधान – फर्क जानकर चौंक जाएंगे!

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Written by Rohit Kumar

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Solar vs Hydrogen: कौन है ज्यादा किफायती और कारगर? जानिए दोनों में असली अंतर
Solar vs Hydrogen: कौन है ज्यादा किफायती और कारगर? जानिए दोनों में असली अंतर

राजस्थान में Renewable Energy के क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू हो गया है। सौर ऊर्जा (Solar Energy) में अग्रणी भूमिका निभा चुका यह राज्य अब ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen) पर फोकस कर रहा है। हाल ही में राज्य सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन नीति को अंतिम रूप दिया है, जिससे साफ संकेत मिलता है कि राजस्थान रिन्यूएबल एनर्जी में भविष्य की संभावनाओं को पहचान कर रणनीतिक कदम उठा रहा है।

सौर ऊर्जा: किफायती और परिपक्व समाधान

सौर ऊर्जा आज भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में सबसे सुलभ और किफायती रिन्यूएबल एनर्जी स्रोत बन चुकी है। फोटोवोल्टिक (PV) तकनीक के माध्यम से सूर्य की रोशनी को सीधे बिजली में बदलने की प्रक्रिया बेहद प्रभावी और दक्ष मानी जाती है।

भारत में सौर ऊर्जा की लागत विश्व स्तर पर सबसे कम मानी जाती है। घरेलू उपयोग हो या औद्योगिक ज़रूरतें, सौर ऊर्जा सभी स्तरों पर एक व्यवहारिक विकल्प बनकर उभरी है। राजस्थान, जो देश के सबसे अधिक धूप पाने वाले क्षेत्रों में शामिल है, सौर ऊर्जा उत्पादन के लिहाज से अग्रणी रहा है। यहां सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी, नेट मीटरिंग पॉलिसी और भूमि के व्यापक उपलब्धता ने इसे और अधिक व्यवहारिक बना दिया है।

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हालांकि, सौर ऊर्जा की एक बड़ी सीमा इसका समय-निर्भर होना है। यह ऊर्जा केवल दिन में ही उपलब्ध रहती है और रात या बादल वाले मौसम में उत्पादन में गिरावट आ जाती है। इसके लिए बैटरी स्टोरेज सिस्टम की आवश्यकता होती है, जिससे परियोजना की कुल लागत और जटिलता बढ़ जाती है।

हाइड्रोजन ऊर्जा: भविष्य की तकनीक लेकिन महंगी

ग्रीन हाइड्रोजन को भविष्य की ऊर्जा कहा जा रहा है, खासकर तब जब दुनिया कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने के लक्ष्यों की ओर बढ़ रही है। हाइड्रोजन का ऊर्जा घनत्व लगभग 120 मेगाजूल प्रति किलोग्राम होता है, जो इसे भारी उद्योगों, दीर्घकालिक ऊर्जा भंडारण और परिवहन जैसे क्षेत्रों के लिए बेहद उपयुक्त बनाता है।

इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि हाइड्रोजन को जलाने या उपयोग करने पर केवल जल वाष्प उत्सर्जित होता है, जिससे यह पूरी तरह से साफ ऊर्जा का स्रोत बनता है। इसके अलावा, इसे महीनों तक संग्रहित किया जा सकता है, जिससे ग्रिड स्थिरता और बैकअप पावर के लिए यह एक आदर्श विकल्प बनता है।

Also ReadPremier Energies Ltd: एनर्जी स्टॉक से मिलेगा तगड़ा फायदा, जानें कितना मिलेगा मुनाफा Premier Energies Ltd ने हाल ही में अपने IPO (Initial Public Offering) के जरिए बाजार में जोरदार एंट्री की है। Renewable Energy सेक्टर की इस कंपनी ने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न देकर सभी का ध्यान खींचा है। IPO से लेकर लिस्टिंग डे तक का प्रदर्शन, मौजूदा शेयर प्राइस, कंपनी की वित्तीय स्थिति और संभावित जोखिम—इन सभी पहलुओं पर नजर डालना निवेशकों के लिए बेहद जरूरी हो जाता है। IPO प्रदर्शन और लिस्टिंग डे की रैली Premier Energies Ltd का IPO मूल्य बैंड ₹427 से ₹450 प्रति शेयर निर्धारित किया गया था। लेकिन जब कंपनी के शेयरों की NSE और BSE पर लिस्टिंग हुई, तो कीमत ₹990 से ₹994.55 तक पहुंच गई। यानी लिस्टिंग के दिन निवेशकों को करीब 120% तक का फायदा हुआ। इससे यह साफ हो गया कि बाजार में इस IPO को लेकर जबरदस्त उत्साह था। इस उत्साह का संकेत IPO के ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) से पहले ही मिल गया था। GMP लगभग ₹397 तक पहुंच गया था, जोकि इश्यू प्राइस पर 88% प्रीमियम को दर्शाता है। IPO को निवेशकों से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला। कुल मिलाकर इसे 75 गुना सब्सक्रिप्शन मिला, जिसमें QIB (Qualified Institutional Buyers) श्रेणी में 212.42 गुना, NII (Non-Institutional Investors) में 50.98 गुना और रिटेल निवेशकों में 7.44 गुना सब्सक्रिप्शन दर्ज किया गया। इससे यह स्पष्ट हो गया कि सभी वर्गों के निवेशक इस कंपनी में रुचि ले रहे हैं। मौजूदा शेयर मूल्य और विश्लेषण 17 अप्रैल 2025 को Premier Energies Ltd का शेयर प्राइस ₹948.15 पर ट्रेड कर रहा था। हालांकि, विश्लेषकों का औसत टारगेट प्राइस ₹925.25 है, जबकि कुछ विश्लेषकों ने इसे ₹1,228 तक भी प्रोजेक्ट किया है। लेकिन एक अहम बात यह है कि JP Morgan ने हाल ही में कंपनी का टारगेट प्राइस ₹1,170 से घटाकर ₹940 कर दिया है। यह इस ओर संकेत करता है कि विश्लेषक कंपनी के मूल्यांकन को लेकर थोड़े सतर्क हैं। वर्तमान में कंपनी का P/E (Price-to-Earnings) अनुपात 52.7 है, जोकि एक हाई वैल्यूएशन को दर्शाता है। वहीं, EPS (Earnings per Share) ₹16.3 है। वित्तीय प्रदर्शन: मुनाफे में जबरदस्त छलांग Premier Energies Ltd ने FY24 में ₹3,171.31 करोड़ का राजस्व अर्जित किया, जो कि इस क्षेत्र की एक मझोली कंपनी के लिए काफी मजबूत आंकड़ा है। इस अवधि में कंपनी का शुद्ध लाभ ₹231.36 करोड़ रहा, जबकि FY23 में यह आंकड़ा मात्र ₹13.83 करोड़ था। यानी कंपनी ने साल भर में लगभग 1,572% का PAT (Profit After Tax) ग्रोथ दर्ज किया है, जो कि बेहद सराहनीय है। कंपनी की ROE (Return on Equity) 43.73% और ROCE (Return on Capital Employed) 25.65% है। ये आंकड़े यह दिखाते हैं कि कंपनी ने पूंजी का प्रभावी उपयोग करते हुए उच्च लाभप्रदता अर्जित की है। जोखिम और चुनौतियां हालांकि कंपनी का प्रदर्शन शानदार रहा है, लेकिन इसमें कुछ अहम जोखिम भी शामिल हैं जिनका निवेशकों को ध्यान रखना चाहिए। कंपनी की आय का बड़ा हिस्सा कुछ चुनिंदा ग्राहकों से आता है। इस ग्राहक निर्भरता से अगर भविष्य में कोई ग्राहक हटता है या डील में बदलाव होता है, तो कंपनी की कमाई पर प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, Premier Energies Ltd अपने कई उपकरण चीन से आयात करती है। इस कारण वैश्विक सप्लाई चेन में किसी भी प्रकार के व्यवधान का असर इसके उत्पादन पर पड़ सकता है। सबसे अहम जोखिम कंपनी का वर्तमान मूल्यांकन है। 52.7 का P/E अनुपात यह दर्शाता है कि निवेशक पहले ही भविष्य की उच्च कमाई को दाम में शामिल कर चुके हैं। ऐसे में यदि कंपनी भविष्य की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी, तो स्टॉक में करेक्शन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। दीर्घकालिक नजरिए से निवेश Renewable Energy सेक्टर में Premier Energies Ltd की स्थिति मजबूत होती जा रही है। IPO में जबरदस्त रेस्पॉन्स, लिस्टिंग डे पर शानदार मुनाफा और वित्तीय आंकड़ों में भारी वृद्धि इसे एक आकर्षक निवेश विकल्प बनाती है। हालांकि, हाई वैल्यूएशन और कुछ रणनीतिक जोखिमों के चलते अल्पकालिक निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए। लेकिन अगर आप लंबी अवधि के निवेशक हैं और Renewable Energy सेक्टर की संभावनाओं में विश्वास रखते हैं, तो Premier Energies Ltd आपके पोर्टफोलियो में शामिल करने योग्य स्टॉक हो सकता है।

Premier Energies Ltd: एनर्जी स्टॉक से मिलेगा तगड़ा फायदा, जानें कितना मिलेगा मुनाफा

लेकिन इस तकनीक की सबसे बड़ी चुनौती है इसकी वर्तमान लागत। ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन की कीमत फिलहाल 3.50 से 6.00 अमेरिकी डॉलर प्रति किलोग्राम है, जो कि पारंपरिक ईंधन या सौर ऊर्जा की तुलना में काफी अधिक है। इसके अलावा, इलेक्ट्रोलिसिस और फ्यूल सेल जैसे प्रक्रियाओं में ऊर्जा हानि होती है, जिससे इसकी कुल दक्षता पर असर पड़ता है।

वर्तमान में हाइड्रोजन की उत्पादन, स्टोरेज और ट्रांसपोर्ट के लिए जो आवश्यक अवसंरचना चाहिए, वह भारत में अभी सीमित है। हालांकि, सरकार द्वारा नीति और निवेश के माध्यम से इसे गति दी जा रही है, और राजस्थान इस दिशा में एक बड़ा कदम उठा चुका है।

दोनों तकनीकों का विश्लेषण: उपयोगिता पर निर्भर है चयन

जहां सौर ऊर्जा एक सुलभ और सस्ती तकनीक है, वहीं हाइड्रोजन ऊर्जा भविष्य के लिए एक रणनीतिक निवेश है। सौर ऊर्जा घरेलू, कृषि और वाणिज्यिक स्तर पर त्वरित समाधान प्रदान करती है, जबकि ग्रीन हाइड्रोजन दीर्घकालिक भंडारण, ग्रिड स्थिरता और औद्योगिक उपयोग के लिए उपयुक्त है।

राजस्थान जैसे राज्य, जो पहले ही सौर ऊर्जा में अग्रणी भूमिका निभा चुके हैं, अब ग्रीन हाइड्रोजन की ओर बढ़ते हुए यह संकेत दे रहे हैं कि भारत रिन्यूएबल एनर्जी के अगले चरण की ओर बढ़ रहा है। यदि निकट भविष्य में हाइड्रोजन उत्पादन की लागत में गिरावट आती है और आवश्यक अवसंरचना विकसित हो जाती है, तो यह तकनीक भारत के ऊर्जा भविष्य को बदल सकती है।

नीति, निवेश और नवाचार की त्रिवेणी

आज की आवश्यकता यह है कि हम विविध ऊर्जा स्रोतों में संतुलन बनाकर चलें। सौर ऊर्जा का उपयोग तत्काल और स्थानीय स्तर पर किया जा सकता है, जबकि ग्रीन हाइड्रोजन को दीर्घकालिक और औद्योगिक ऊर्जा समाधान के रूप में देखा जाना चाहिए।

राजस्थान सरकार द्वारा ग्रीन हाइड्रोजन नीति की शुरुआत इस दिशा में एक ठोस पहल है। इससे राज्य को निवेश, रोजगार और तकनीकी विकास के नए अवसर मिल सकते हैं। वहीं भारत की ऊर्जा सुरक्षा को भी दीर्घकालिक रूप से मजबूती मिलेगी।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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