उपभोक्ता की जानकारी के लिए बता दे कि हाल में ही ACME Solar ने NHPC के साथ एक ऐसा समझौता किया है, जिसके जरिए आंध्र प्रदेश में बैटरी एनर्जी स्टोरेज परियोजनाओं की स्थापना की जाएगी। साथ ही इस डील के माध्यम से ACME Solar 275 मेगावाट क्षमता वाले बैटरी स्टोरेज सिस्टम लगा दिए जाएंगें, जिसमें 550 मेगावाट घंटे की बैटरी स्टोरेज कैपिसिटी होगी। ग्रिड की स्थिरता को बढ़ावा देना,और नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों का सपोर्ट करना ही इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य है। इसके अलावा यह परियोजना भारत सरकार की Viability Gap Funding स्कीम के तहत की जा रही है।

इस डील से भारतीय ऊर्जा क्षेत्र में एक नया मॉडल पेश किया जा रहा है, जो न केवल बैटरी स्टोरेज तकनीक को बढ़ावा देगा बल्कि इस क्षेत्र में नए निवेश को भी आकर्षित करेगा। इस परियोजना की खासियत यह है, कि ये सोलर और विंड एनर्जी जैसे अक्षय ऊर्जा स्रोतों को भी ग्रिड से जोड़ने में मदद करेगी।
दो प्रोजेक्ट के लिए हुआ समझौता
ACME Solar ने NHPC के साथ बैटरी एनर्जी स्टोरेज परियोजनाओं के लिए दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। पहले प्रोजेक्ट के तहत 50 मेगावाट और 100 मेगावाट घंटे की बैटरी स्टोरेज क्षमता का निर्माण होगा, जबकि दूसरे प्रोजेक्ट में 225 मेगावाट और 450 मेगावाट घंटे की क्षमता स्थापित की जाएगी। दोनों परियोजनाओं के लिए अलग-अलग टैरिफ रेट निर्धारित किए गए हैं। पहली परियोजना के लिए 2 लाख 10 हजार रुपये प्रति मेगावाट प्रति माह की दर तय की गई है, जबकि दूसरी परियोजना के लिए यह दर 2 लाख 22 हजार रुपये प्रति मेगावाट प्रति माह रहेगी।
यह परियोजना विशेष रूप से आंध्र प्रदेश में स्थापित की जाएगी, जहां ग्राहक की साइट पर बैटरी स्टोरेज सिस्टम लगाए जाएंगे। ग्राहक और ट्रांसमिशन की सुविधा ग्राहक की ओर से प्रदान की जाएगी, जिससे परियोजनाओं के कार्यान्वयन में गति आएगी। इस समझौते के बाद, 8 जुलाई को लेटर ऑफ अवार्ड (LOA) जारी किया गया था, और इसके बाद समझौते पर शीघ्र हस्ताक्षर किए गए।
बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम से ग्रिड की स्थिरता में सुधार
बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) का मुख्य उद्देश्य ऑफ-पीक समय में ऊर्जा को स्टोर करना और फिर डिमांड के समय में उसे सप्लाई करना है। इससे ग्रिड की स्थिरता में मदद मिलेगी,और रिन्यूएबल एनर्जी स्रोतों, जैसे सोलर और विंड पावर, को आसानी से ग्रिड से जोड़ा जा सकेगा। यह परियोजना “BESS as a Service” मॉडल पर आधारित है, जिसमें ग्राहक से क्षमता शुल्क लिया जाएगा।
इस परियोजना के साथ, ACME Solar का उद्देश्य भारत में ऊर्जा क्षेत्र को अधिक स्थिर और स्मार्ट बनाना है, जिससे अक्षय ऊर्जा के अधिक उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। इस तकनीकी पहल से, खासकर आंध्र प्रदेश में, ऊर्जा आपूर्ति में सुधार होगा और नए अवसर पैदा होंगे।
वित्तीय प्रदर्शन और भविष्य की योजनाएं
ACME Solar का वित्तीय प्रदर्शन 2025 में मजबूत रहा है। कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू 14,051 करोड़ रुपये रहा, जबकि अन्य आय मिलाकर कुल रेवेन्यू 15,752 करोड़ रुपये पहुंचा। कंपनी का ऑपरेशनल प्रॉफिट भी 11,182 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्षों की तुलना में बेहतर है। खर्च और डिप्रेसिएशन में कमी से मुनाफा बढ़ा है।
ACME Solar के लिए यह सफलता का एक बड़ा साल रहा है, और आने वाले वर्षों में कंपनी के लिए और भी बड़े मौके हो सकते हैं। इसके अलावा, कंपनी ने विभिन्न परियोजनाओं को सक्रिय किया है, जिसमें सोलर, विंड, स्टोरेज, एफडीआरई, और हाइब्रिड परियोजनाओं का पोर्टफोलियो है। वर्तमान में कंपनी की चालू क्षमता 2,890 मेगावाट है, और 4,080 मेगावाट की परियोजनाएं चल रही हैं।
शेयर बाजार में स्थिति
ACME Solar का शेयर 18 जुलाई को 1.15 फीसदी की गिरावट के साथ 275 रुपये पर ट्रेड कर रहा था। कंपनी का मार्केट कैप 16,664 करोड़ रुपये है। पिछले 52 सप्ताहों में इसका उच्चतम स्तर 304 रुपये और न्यूनतम 168 रुपये रहा है। स्टॉक का P/E अनुपात 62.6 और बुक वैल्यू 74.5 रुपये है। पिछले 1 साल में इसके शेयर ने निवेशकों को 9.67 फीसदी का रिटर्न दिया है।
ACME Solar के बारे में जानें
ACME Solar एक प्रमुख रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी है, जो सोलर, विंड, स्टोरेज, एफडीआरई, और हाइब्रिड परियोजनाओं में कार्यरत है। कंपनी का कुल पोर्टफोलियो 6,970 मेगावाट की क्षमता का है, जिसमें 550 मेगावाट घंटे की बैटरी स्टोरेज क्षमता भी शामिल है। इसके अलावा, कंपनी की वर्तमान क्षमता 2,890 मेगावाट है, और 4,080 मेगावाट की परियोजनाओं पर काम चल रहा है।
यह कंपनी भारतीय ऊर्जा क्षेत्र में अपने योगदान को बढ़ाने के लिए लगातार नए और प्रभावी उपायों को लागू कर रही है, जो न केवल ऊर्जा क्षेत्र को स्मार्ट बनाएंगे बल्कि रिन्यूएबल एनर्जी के भविष्य को भी आगे बढ़ाएगा।