
Adani Solar Deal के तहत अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (Adani Green Energy Ltd – AGEL) की सहायक कंपनी Adani Green Energy Sixty Nine Ltd (AGE69L) ने उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के साथ 400 मेगावाट सोलर ऊर्जा की आपूर्ति के लिए एक पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह डील Renewable Energy के क्षेत्र में यूपी सरकार की 22,000 मेगावाट सौर क्षमता लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह बिजली राजस्थान में बनने वाले एक सोलर फोटोवोल्टिक पावर प्लांट से सप्लाई की जाएगी, जो जून 2027 तक पूरी तरह कमीशन हो जाएगा। समझौते के तहत UPPCL को 25 वर्षों तक ₹2.57 प्रति यूनिट की दर पर बिजली प्राप्त होगी, जो मौजूदा बाजार दरों की तुलना में काफी प्रतिस्पर्धी है। इससे ना केवल राज्य की बिजली जरूरतें पूरी होंगी, बल्कि ग्रीन एनर्जी सेक्टर में निवेशकों की दिलचस्पी भी बढ़ेगी।
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यूपी का सोलर मिशन और अडानी की भूमिका
उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य वर्ष 2026-27 तक 22,000 मेगावाट सोलर क्षमता प्राप्त करना है। वर्तमान में राज्य को कुल 3,200 मेगावाट सोलर बिजली मिल रही है, जिसमें 2,700 मेगावाट यूटिलिटी-स्केल प्रोजेक्ट्स से और 500 मेगावाट रूफटॉप सोलर सिस्टम्स से आ रही है। ऐसे में Adani Solar Deal इस मिशन में निर्णायक साबित हो सकती है।
राज्य में सोलर एनर्जी का बढ़ता दायरा ना केवल ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि इससे पर्यावरण को भी फायदा मिलेगा। अडानी की यह डील भारत के सोलर सेक्टर में निजी क्षेत्र की भागीदारी को और मज़बूत करेगी।
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पंप्ड हाइड्रो स्टोरेज से जुड़ी एक और बड़ी डील
Adani Green की एक और सहयोगी कंपनी Adani Hydro Energy Five Ltd ने UPPCL के साथ 1,250 मेगावाट की पंप्ड हाइड्रो स्टोरेज परियोजना के लिए समझौता किया है। यह प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में स्थित पनौरा पंप्ड स्टोरेज परियोजना के अंतर्गत विकसित किया जाएगा।
यह प्रोजेक्ट 40 वर्षों के लिए लागू रहेगा और इसकी पूर्णता अगले छह वर्षों में अपेक्षित है। इस परियोजना से राज्य की ऊर्जा क्षमता में स्थायित्व आएगा और रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) का बैकअप सिस्टम भी मज़बूत होगा।
निवेशकों के लिए सतर्कता के संकेत
हालांकि Adani Group के लिए यह एक सकारात्मक खबर है, लेकिन निवेशकों को कंपनी के शेयरों में निवेश करते समय सतर्कता बरतनी चाहिए। हाल ही में अमेरिकी न्याय विभाग ने अडानी समूह पर $265 मिलियन की रिश्वत देने के आरोप लगाए हैं, जिससे कंपनी की छवि और बाजार साख को आघात पहुंचा है। इस घटनाक्रम के बाद अडानी की कुछ कंपनियों के शेयरों में गिरावट भी देखी गई और कुछ वैश्विक निवेशकों ने अपने निवेश को रोक दिया।
इस स्थिति में शेयर बाजार में निवेश करने वालों को दोनों पक्षों — संभावित लाभ और जोखिम — को ध्यान में रखते हुए रणनीति बनानी चाहिए।
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