Adani Green में निवेश करना समझदारी है या जुआ? जानिए निवेशकों की असली कहानी!

क्या Adani Green में निवेश करना एक सोची-समझी चाल है या सिर्फ किस्मत का खेल? जानिए उन निवेशकों की असली कहानियाँ, जिन्होंने या तो भारी मुनाफा कमाया या सब कुछ गँवा दिया। सच जानने से पहले फैसला न करें!

Photo of author

Written by Rohit Kumar

Published on

Adani Green में निवेश करना समझदारी है या जुआ? जानिए निवेशकों की असली कहानी!
Adani Green में निवेश करना समझदारी है या जुआ? जानिए निवेशकों की असली कहानी!

Adani Green Energy में निवेश को लेकर निवेशकों के बीच उत्सुकता और चिंता दोनों बनी हुई है। Renewable Energy सेक्टर में इसकी मज़बूत उपस्थिति इसे आकर्षक बनाती है, वहीं नैतिक और कानूनी विवाद इसकी साख को प्रभावित करते हैं। हाल ही में आई वित्तीय रिपोर्टों, बाज़ार के उतार-चढ़ाव और ESG से जुड़े पहलुओं के आधार पर यह निवेश निर्णय और भी जटिल हो गया है।

कंपनी की वित्तीय स्थिति: मजबूत राजस्व लेकिन महंगे मूल्यांकन

वित्तीय वर्ष 2025 में Adani Green Energy ने ₹11,212 करोड़ का राजस्व दर्ज किया, जबकि इसका शुद्ध लाभ ₹1,557 करोड़ रहा। यह आँकड़े पिछले वर्षों की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाते हैं और कंपनी की संचालन क्षमता और स्केलेबिलिटी को दर्शाते हैं। इन आँकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि कंपनी ने अपने Renewable Energy पोर्टफोलियो का प्रभावी ढंग से विस्तार किया है।

हालाँकि, शेयर बाज़ार में इसके मूल्य में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। पिछले 6 महीनों में कंपनी के शेयर मूल्य में लगभग 30% की गिरावट आई है, जो निवेशकों के बीच अनिश्चितता और बाज़ार की अस्थिरता को दर्शाता है। इसके अतिरिक्त, कंपनी का P/E अनुपात 117.92 है, जो यह दर्शाता है कि मौजूदा समय में इसका शेयर काफ़ी महँगा है। उच्च P/E अक्सर यह संकेत देता है कि निवेशक भविष्य की अपेक्षाओं के आधार पर कीमत चुका रहे हैं, लेकिन इससे यह भी जोखिम होता है कि यदि अपेक्षाएं पूरी नहीं हुईं तो भारी गिरावट आ सकती है।

कानूनी विवादों और निवेशकों की प्रतिक्रिया से उत्पन्न जोखिम

Adani Green Energy हाल ही में एक गंभीर विवाद में घिर गई, जब अमेरिकी न्याय विभाग ने कंपनी पर भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने के आरोप लगाए। यह मामला न केवल कंपनी की साख के लिए हानिकारक है, बल्कि विदेशी निवेशकों के भरोसे पर भी प्रश्नचिन्ह लगाता है। इस आरोप के बाद शेयर बाज़ार में इसके प्रभाव स्पष्ट देखे गए।

इसके अतिरिक्त, अप्रैल 2025 में कई बड़े म्यूचुअल फंड्स ने अडानी समूह की कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी कम कर दी, जिसमें Adani Green भी शामिल है। यह कदम बाज़ार में फैले अविश्वास और जोखिम को दर्शाता है। ऐसे में खुदरा निवेशकों को भी सतर्कता के साथ कदम उठाना होगा।

ESG पहलुओं में मिली-जुली तस्वीर

Adani Green Energy की सबसे बड़ी ब्रांड वैल्यू इसकी ग्रीन एनर्जी प्रोफाइल रही है, जो कंपनी को वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षक बनाती है। Morningstar Sustainalytics द्वारा कंपनी को दिया गया 14.3 का जोखिम स्कोर इसे “निम्न जोखिम” श्रेणी में रखता है, जो ESG मानकों के लिहाज़ से सकारात्मक संकेत है।

Also Read1 पंखा और 5 बल्ब के लिए कितने Watt का Solar Panel लगाएं? अभी जानें

1 पंखा और 5 बल्ब चलाना है? जानें कितने Watt का Solar Panel होगा बेस्ट!

हालाँकि, कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कंपनी की रिन्यूएबल एनर्जी परियोजनाएं अप्रत्यक्ष रूप से कोयला विस्तार को समर्थन देती हैं। यदि ये दावे सच साबित होते हैं तो इससे कंपनी की पर्यावरणीय छवि पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है और ESG आधारित निवेशकों का भरोसा डगमगा सकता है।

यह भी पढें-Adani Green सिर्फ नाम में ग्रीन है या सच में? जानिए Adani Green की पूरी सच्चाई!

निवेशकों के लिए रणनीतिक सोच की आवश्यकता

Adani Green Energy में निवेश उन लोगों के लिए उपयुक्त हो सकता है जो लंबी अवधि के लिए Renewable Energy सेक्टर में हिस्सेदारी लेना चाहते हैं। यह सेक्टर वैश्विक स्तर पर विकासशील है, और भारत सरकार की हरित ऊर्जा नीतियाँ भी इसे समर्थन देती हैं। लेकिन यह भी स्पष्ट है कि इस कंपनी में निवेश उच्च जोखिम से जुड़ा है, जो कानूनी विवादों, शेयर मूल्य की अस्थिरता और नैतिक प्रश्नों के कारण और बढ़ जाता है।

इसलिए निवेशकों को चाहिए कि वे अपने पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखें और केवल Adani Green जैसे उच्च जोखिम वाले स्टॉक्स पर निर्भर न रहें। साथ ही यदि आप ESG (Environmental, Social and Governance) मानकों को महत्व देते हैं तो कंपनी से जुड़ी विवादित परियोजनाओं और कानूनी स्थितियों का मूल्यांकन ज़रूर करें।

सोच-समझकर उठाया गया कदम ही होगा फायदेमंद

Adani Green Energy में निवेश कोई आसान निर्णय नहीं है। यह न तो पूरी तरह सुरक्षित है और न ही केवल जुए जैसा है। यह एक उच्च जोखिम वाला निवेश विकल्प है, जिसमें दीर्घकालिक रूप से आकर्षक रिटर्न की संभावना है। लेकिन इसके साथ नैतिक, वित्तीय और कानूनी जोखिम भी जुड़े हैं। ऐसे में निवेश करने से पहले आपके अपने निवेश लक्ष्य, जोखिम सहनशीलता और मूल्यों के साथ इसका तालमेल ज़रूरी है। विवेकपूर्ण मूल्यांकन और गहन रिसर्च ही आपको सही दिशा में निर्णय लेने में सहायता कर सकते हैं।

Also ReadWaaree Solar से Zero हो जाएगा बिजली बिल, जानिए कैसे पाएं सरकारी सब्सिडी और कैसे लगवाएं सोलर पैनल!

Waaree Solar से Zero हो जाएगा बिजली बिल, जानिए कैसे पाएं सरकारी सब्सिडी और कैसे लगवाएं सोलर पैनल!

Author
Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें