
अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) ने FY26 यानी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एक बड़ा निवेश प्लान प्रस्तुत किया है, जिसमें कंपनी ₹31,000 करोड़ (लगभग 3.64 बिलियन अमेरिकी डॉलर) का पूंजीगत व्यय करने जा रही है। यह निवेश भारत की रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy क्षमता को नए शिखर पर पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। कंपनी का उद्देश्य 2030 तक 50 गीगावाट (GW) स्वच्छ ऊर्जा क्षमता प्राप्त करना है, और इसी रणनीति के तहत FY26 में 5 GW नई क्षमता जोड़े जाने की योजना है। यह विस्तार पिछले वर्ष की तुलना में 50% अधिक है, जिससे कंपनी की आक्रामक और दीर्घकालिक रणनीति का स्पष्ट संकेत मिलता है।
AGEL का मौजूदा पोर्टफोलियो और विस्तार की दिशा
वर्तमान में अडानी ग्रीन एनर्जी के पास लगभग 14.2 GW की स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं का मजबूत पोर्टफोलियो है, जिसमें सौर (Solar), पवन (Wind) और हाइब्रिड संयोजन की परियोजनाएं शामिल हैं। कंपनी का फोकस संतुलित विकास पर है, जिसके तहत वह नई परियोजनाओं की स्थापना के साथ-साथ मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने पर भी ध्यान दे रही है। AGEL के अधिकारियों का मानना है कि आने वाले दो वर्षों में भारत का Renewable Energy सेक्टर बड़ी छलांग लगाएगा और AGEL इसमें अग्रणी भूमिका निभाने को तैयार है।
खावड़ा मेगा Renewable Energy प्रोजेक्ट: भारत की ऊर्जा क्रांति का केंद्र
AGEL की सबसे बड़ी और महत्वाकांक्षी परियोजना गुजरात के कच्छ जिले में विकसित की जा रही खावड़ा Renewable Energy Park है। यह परियोजना 72,600 हेक्टेयर भूमि पर फैली हुई है और इसकी कुल उत्पादन क्षमता 30 GW होगी। यह न केवल भारत का बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा हाइब्रिड Renewable Energy पार्क बनने की ओर अग्रसर है। इसमें सौर और पवन ऊर्जा संयंत्रों का मिश्रण होगा, जिससे ग्रिड स्टेबिलिटी में सुधार होगा और उत्पादन लगातार जारी रहेगा।
2030 तक इस प्रोजेक्ट के पूरा हो जाने के बाद यह भारत की कुल स्वच्छ ऊर्जा क्षमता में लगभग 10% का योगदान देगा। यह परियोजना भारत को वैश्विक रिन्यूएबल एनर्जी मंच पर स्थापित करने में मदद करेगी और देश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को नई गति प्रदान करेगी।
मजबूत वित्तीय प्रदर्शन से निवेशकों में भरोसा
FY25 की चौथी तिमाही में AGEL ने ₹383 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो कि पिछले वर्ष की समान तिमाही से 23.5% अधिक है। पूरे वित्त वर्ष में कंपनी ने ₹2,001 करोड़ का शुद्ध लाभ कमाया, जो कि वार्षिक आधार पर 59% की जबरदस्त वृद्धि दर्शाता है। यह प्रदर्शन कंपनी की संचालन क्षमता, लागत नियंत्रण और बेहतर वित्तीय प्रबंधन का प्रमाण है।
विश्लेषकों का मानना है कि कंपनी की लगातार सुधारती वित्तीय स्थिति, रणनीतिक परियोजनाएं और सरकार की नीति समर्थन इसके पीछे प्रमुख कारण हैं। इस मजबूती के कारण कंपनी के शेयरों में भी स्थिर बढ़त देखी जा रही है, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा है।
FY26 के लिए वित्त पोषण की रणनीति
₹31,000 करोड़ के इस भारी-भरकम पूंजीगत व्यय के लिए AGEL ने संतुलित वित्त पोषण रणनीति तैयार की है। कंपनी इस राशि को ऋण (Debt) और इक्विटी (Equity) दोनों माध्यमों से जुटाएगी। इस संतुलन से कंपनी अपने दीर्घकालिक कर्ज के बोझ को नियंत्रित रखते हुए निवेशकों को स्थिर रिटर्न देने का प्रयास करेगी।
AGEL घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में फंडिंग की संभावनाएं तलाश रही है। इसके अलावा, ग्रीन बॉन्ड्स और पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप्स (PPP) जैसे विकल्पों के जरिए भी पूंजी जुटाने की योजना पर काम चल रहा है। यह रणनीति कंपनी को 2030 तक 50 GW Renewable Energy लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ने में मदद करेगी।
कानूनी विवाद और संभावित प्रभाव
हाल ही में अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी और कुछ वरिष्ठ अधिकारियों पर अमेरिकी एजेंसियों द्वारा प्रतिभूति धोखाधड़ी (Securities Fraud) और रिश्वतखोरी (Bribery) के आरोप लगाए गए हैं। हालांकि अडानी समूह ने इन सभी आरोपों को “बेबुनियाद” बताते हुए सिरे से खारिज किया है। कंपनी द्वारा कराई गई आंतरिक जांच में भी किसी प्रकार की अनियमितता सामने नहीं आई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इन आरोपों से कंपनी की ब्रांड छवि और निवेशकों के मनोबल पर कुछ असर पड़ सकता है। हालांकि, यदि AGEL अपनी पारदर्शिता और वित्तीय प्रदर्शन को बनाए रखने में सफल रहती है, तो यह नकारात्मक प्रभाव समय के साथ कम हो सकते हैं।
भारत की ऊर्जा क्रांति में AGEL की भूमिका
AGEL का यह आक्रामक निवेश और खावड़ा में विकसित हो रहा मेगा Renewable Energy पार्क भारत की ऊर्जा क्रांति का प्रतीक बन सकता है। यह भारत को स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में आत्मनिर्भरता की ओर ले जाएगा और देश को वैश्विक स्तर पर Renewable Energy के क्षेत्र में एक मजबूत खिलाड़ी बनाएगा। हालांकि कानूनी और नियामक चुनौतियाँ भविष्य में कुछ अड़चने पैदा कर सकती हैं, लेकिन कंपनी की स्पष्ट रणनीति, मजबूत वित्तीय प्रदर्शन और टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन इन चुनौतियों को मात देने की क्षमता रखते हैं।