सोलर पैनल के प्रयोग से बिजली के बिल को कम करने में सहायता प्राप्त होती है, सोलर पैनल पर्यावरण को स्वच्छ एवं सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाते हैं, सोलर पैनल की बढ़ती लोकप्रियता को देखने हुए जल्द ही भारत विश्व में सौर ऊर्जा का सबसे बड़ा उत्पादन बन जाएगा।
सोलर पैनल की जानकारी प्राप्त होने से आप इसके लाभ प्राप्त कर सकते हैं। ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम (Off-grid Solar System) के फायदे और नुकसान जानकर इसे लगाने एवं न लगाने का विचार कर सकते हैं।
ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम क्या होता है?
ऑफग्रिड सोलर सिस्टम में सोलर पैनल से बनने वाली बिजली को स्टोर किया जाता है, जिसके लिए सोलर सिस्टम में सोलर बैटरी को स्थापित किया जाता है। सोलर बैटरी के प्रयोग से पॉवर बैकअप किया जा सकता हैं ऐसे में यूजर बिजली की जरूरत पड़ने पर इसका प्रयोग कर सकते हैं। सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा से दिन के समय में सोलर पैनल द्वारा बिजली का निर्माण किया जाता है, जिसका प्रयोग रात के समय में बैटरी से कर सकते हैं।
ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम से होने वाले लाभ
ऑफग्रिड सोलर सिस्टम से होने वाले लाभ इस प्रकार रहते हैं:-
- बिजली बिल से छुटकारा– ऑफग्रिड सोलर सिस्टम से बनने वाली बिजली का प्रयोग कर के आप ग्रिड बिजली की निर्भरता को कम कर सकते हैं। ऐसे में उपभोक्ता को बिजली के बिल से राहत प्राप्त होती है।
- स्वतंत्र बिजली– सोलर पैनल सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली का उत्पादन करते हैं, सूर्य प्रचुर मात्रा में ऊर्जा प्रदान करता है, जिसे बिजली के रूप में सोलर पैनल से फ्री में प्राप्त कर सकते हैं।
- पर्यावरण की मदद– सोलर पैनल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इनके प्रयोग से पर्यावरण के अनुकूल ही बिजली का उत्पादन किया जाता है। जिससे किसी प्रकार का प्रदूषण उत्पन्न नहीं होता है।
- आसान रखरखाव-सोलर पैनल का रखरखाव आसानी से किया जा सकता है, इन पर लगने वाली धूल-मिट्टी को आप खुद से साफ कर सकते हैं।
- प्रॉपर्टी के रेट में वृद्धि– सोलर पैनल को स्थापित करने से प्रॉपर्टी के रेट में वृद्धि होती है, यदि आपके घर पर सोलर पैनल लगा हो तो आपके घर की कीमत बढ़ जाती है।
ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम के नुकसान
ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम से होने वाले नुकसान इस प्रकार हैं:-
- शुरुआती लागत– ऑफग्रिड सोलर सिस्टम की प्राथमिक कीमत अधिक रहती है, जिसका कारण बैटरी की कीमत का अधिक होना होता है।
- बैटरी स्टोरेज की आवश्यकता– लंबे समय तक का लोड चलाने के लिए अधिक क्षमता की बैटरी का प्रयोग करना होता है, जिसकी कीमत अधिक रहती है।
- मौसम पर निर्भरता– सोलर पैनल सामान्यतः सौर ऊर्जा की उपस्थिति में ही बिजली का निर्माण करते हैं, आधुनिक सोलर पैनल से कम रोशनी में भी बिजली बना सकते हैं।
- बैकअप की कमी– यदि बैटरी में स्टोर की गई बिजली खत्म होती है, तो ऐसे में सोलर बैटरियों को ग्रिड से चार्ज नहीं कर सकते हैं।
ऑफग्रिड सोलर सिस्टम को ऐसे स्थानों के लिए उपयुक्त बताया गया है जहां बिजली कटौती अधिक रहती है, क्योंकि इस प्रकार के सोलर सिस्टम में आप बिजली को बैटरी में स्टोर कर सकते हैं, जिसका प्रयोग जरूरत पड़ने पर किया जा सकता है।