
जापान की जानी-मानी ऑटोमोटिव कंपोनेंट्स निर्माता कंपनी Aisin Corporation ने मार्च 2025 में अपने प्लांट पर एक नई पहल की शुरुआत की। यह पहल एक 30 किलोवॉट की क्षमता वाला Perovskite Solar Module फील्ड ट्रायल है, जो कि जापान में पहला grid-connected परीक्षण है। इस परियोजना को Aichi प्रान्त के Anjo City में शुरू किया गया है।
Perovskite Solar Panels क्या हैं और ये खास क्यों हैं?
Perovskite एक तरह का खास क्रिस्टल ढांचा है, जिसे सोलर पैनलों में इस्तेमाल किया जाता है। Aisin ने इसे ऑर्गेनिक मटेरियल और पतले, हल्के ग्लास के साथ विकसित किया है, जिससे पैनल न केवल टिकाऊ हैं बल्कि लचीले और हल्के भी हैं। इनकी खास बात यह है कि ये पारंपरिक सिलिकॉन सोलर पैनलों की तुलना में ज्यादा बिजली बना सकते हैं और इनकी इंस्टॉलेशन भी आसान होती है।
ट्रायल का उद्देश्य और प्रक्रिया
इस परीक्षण का मकसद केवल बिजली उत्पादन देखना नहीं है, बल्कि इसके जरिए कई अहम पहलुओं का विश्लेषण किया जा रहा है:
- बिजली उत्पादन की क्षमता (power generation yield)
- सूर्य की रोशनी की तीव्रता और पैनल की दिशा
- इंस्टॉलेशन की लागत और समय
- Grid-connected सिस्टम की कार्यक्षमता
- तकनीकी खराबियों की पहचान और समाधान
यह परीक्षण सितंबर 2025 तक चार दीवारों और छतों पर चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा।
EVs और Building Integration में उपयोग की तैयार
Aisin Corporation की योजना है कि भविष्य में यह तकनीक Building Integrated PV (BIPV) और Electric Vehicles (EVs) में इस्तेमाल की जाए। पैनलों की हल्की और झुकने वाली बनावट इन्हें कारों की छत या अन्य सतहों पर लगाने के लिए आदर्श बनाती है। इससे EVs की रेंज को बढ़ाया जा सकता है, यानी उन्हें बार-बार चार्ज करने की जरूरत नहीं होगी।
NEDO का समर्थन और जापान की Renewable Energy योजना
यह परीक्षण प्रोजेक्ट पहले किए गए एक पायलट प्रोजेक्ट का विस्तार है, जिसे New Energy and Industrial Technology Development Organization (NEDO) का समर्थन मिला था। NEDO जापान की सरकारी संस्था है जो solar energy से जुड़ी रिसर्च और डेवलपमेंट को सपोर्ट करती है। इस संस्था की योजना 2029 तक सोलर टेक्नोलॉजी के हर पहलू — जैसे परफॉर्मेंस, इंस्टॉलेशन, री-साइकलिंग और लॉन्ग टर्म स्टेबिलिटी — पर काम करना है, ताकि 2050 तक जापान carbon-neutral बन सके।