क्या सोलर पैनल महंगे होते हैं? क्या होते हैं कारण? यहाँ जानें पूरी जानकारी

भारत सोलर पैनल का एक बड़ा बाजार है, यहाँ अनेक ब्रांड के सोलर पैनल उपलब्ध रहते हैं।

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क्या सोलर पैनल महंगे होते हैं? क्या होते हैं कारण? यहाँ जानें पूरी जानकारी
क्या सोलर पैनल महंगे होते हैं?

सोलर पैनल सौर ऊर्जा से बिजली का उत्पादन करने के लिए जाने जाते हैं, इनके प्रयोग से पर्यावरण को स्वच्छ एवं सुरक्षित रखा जा सकता है, सोलर पैनल की कीमतों के मध्य मूल्य अंतर का कारण समझने के बाद आप आसानी से इनकी कीमतों का वास्तविक अनुमान लगा सकते हैं सामान्यतः सभी प्रकार के सोलर पैनल की सेल टेक्नोलॉजी, आउटपुट एवं बीमाएं एक समान ही रहती हैं, फिर भी इनकी कीमतों में अंतर रहता है। भारतीय सोलर इंडस्ट्री को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, इसकी विस्तृत जानकारी देखें।

क्या सोलर पैनल महंगे होते हैं?

सोलर पैनल की कीमत पर उन्हें स्थापित करने वाले सेल के आयात एवं उनके उत्पादन का प्रभाव पड़ता है, जिस कारण ही उनकी कीमतों में अंतर भी आता है, भारत में सोलर पैनल का निर्माण करने वाले अनेक ब्रांड हैं, जिनके द्वारा अलग-अलग क्षमता में सोलर पैनल का निर्माण किया जाता है, सोलर पैनल के प्रकार जैसे कारक भी सोलर पैनल की कीमत को प्रभावित करते हैं।

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इंपोर्टेड सेल का सोलर पैनल की कीमत पर प्रभाव

अधिकांश सोलर पैनल का निर्माता चीन रहता है, चीन में सोलर सेल का निर्माण करने वाली अनेकों कंपनियां हैं, पहले इन सोलर सेल को चीन से भारत में इम्पोर्ट किया जाता है, वर्ष 2022 के बाद भारत सरकार द्वारा सोलर सेल पर 25% एवं सोलर पैनल के आयात पर 40% की इम्पोर्ट ड्यूटी लगा दी गई है। इस कारण सोलर पैनल की कीमत अधिक हो गई है।

घरेलू उत्पादन का सोलर पैनल की कीमत पर प्रभाव

अब भारत में भी सोलर पैनल के सेल का निर्माण हो रहा है, ऐसे में भारत सरकार द्वारा मेक इन इंडिया पहल की शुरुआत की गई है, साथ ही PLI (Production Linked Incentive) योजना के द्वारा सोलर सेल को उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है, उच्च उत्पादन लागत एवं सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण सोलर पैनल की कीमत अधिक हो गई है।

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सोलर उत्पादन की लागत एवं सरकारी नीतियां

भारत में सोलर सेल के उत्पादन होने के कारण सोलर पैनल की कीमतों में उछाल देखा जा सकता है, सोलर विनिर्माताओं को उत्पादन इकाई स्थापित करने में अधिक मात्रा में निवेश करना होता है, सोलर पैनल के उत्पादन के लिए कच्चा माल एवं मशीनरी जेदात्र चायना से इम्पोर्ट की जाती है, इम्पोर्ट ड्यूटी लगने के कारण इनकी कीमत अधिक हो जाती है। वर्ष 2022 एवं 2023 के मध्यम में भारत में सोलर सेल एवं सोलर पैनल का इम्पोर्ट 711 मिलियन डॉलर से बढ़कर 1.24 बिलियन डॉलर हो गया था, अब भारत में ही मेड इन इंडिया सोलर उपकरण बनाए जाते हैं।

सोलर पैनल्स की कीमतों पर प्रभाव

भारत में बने सोलर पैनल की तुलना में चाइनीज सोलर पैनल की कीमत कम रहती है, भारत में बने सोलर पैनल के महंगा होने कारण उच्च उत्पादन लागत, इम्पोर्ट ड्यूटी, सीमित संसाधन जैसे कारण रहते हैं। आने वाले समय में सोलर पैनल की कीमत कम हो सकती है।

भारत की सौर ऊर्जा इंडस्ट्री में सोलर पैनल की बढ़ती कीमत के कारण अधिकांश उपभोक्ता सही सोलर पैनल का चयन नहीं कर पाते हैं, सरकारी योजनाओं के माध्यम से वे अपनी समस्याओं का हल कर सकते हैं, सरकार द्वारा घरेलू स्तर पर सोलर पैनल लगाने के लिए नागरिकों को सोलर सब्सिडी प्रदान की जाती है। सोलर पैनल की कीमत भविष्य में कम हो सकती है, भारत की अनेक प्रसिद्ध कंपनियां सोलर पैनल की तकनीक को विकसित करने में कार्यरत हैं, उन्हें सफलता प्राप्त होने पर सोलर पैनल की कीमतें कम हो सकती हैं।

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