
अगर आप अपने घर, ऑफिस या छोटे व्यवसायिक स्थान के लिए इन्वर्टर बैकअप सिस्टम लगाने की सोच रहे हैं, तो सबसे पहली और ज़रूरी चीज़ होती है सही बैटरी चयन। इसके लिए आपको Battery Backup Calculator का सही इस्तेमाल करना आना चाहिए। सही बैटरी क्षमता यानी Ah (Ampere-hour) का आंकलन आपको यह जानने में मदद करेगा कि कितनी देर तक कितने उपकरण आराम से चलाए जा सकते हैं।
सही बैटरी क्षमता जानने की पहली शर्त
Battery Backup Calculator की शुरुआत होती है आपके उपयोग में आने वाले उपकरणों की पावर खपत को जानने से। उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आप एक छोटे घर या दुकान में इन्वर्टर लगवा रहे हैं और आपको इन उपकरणों को चलाना है:
- 2 पंखे, प्रत्येक 75W = कुल 150W
- 3 ट्यूबलाइट, प्रत्येक 40W = कुल 120W
- 1 WiFi राउटर = 20W
इस तरह कुल पावर लोड होता है 290W। यहीं से Battery Backup Calculator काम करता है।
आपको कितने घंटे का बैकअप चाहिए? समय का निर्धारण करें
अब आपको यह तय करना है कि आपको कितने समय का बैकअप चाहिए। अगर आपके क्षेत्र में बिजली दिन में औसतन 4 से 6 घंटे तक नहीं रहती, तो 6 घंटे का बैकअप मानना व्यावहारिक रहेगा।
Battery Backup Calculator का सूत्र और उसका प्रयोग
अब बारी आती है सूत्र की, जो आपके लोड और समय के अनुसार बैटरी की सही Ah क्षमता बताता है:
🔋 Battery Capacity (Ah) = (Total Load (W) × Backup Time (hrs)) / Battery Voltage (V)
यहां,
कुल लोड = 290W
बैकअप समय = 6 घंटे
बैटरी वोल्टेज = 12V (अधिकतर इन्वर्टर 12V बैटरी पर चलते हैं)
Battery Capacity (Ah) = (290 × 6) / 12 = 145 Ah
इसका अर्थ यह है कि आपको कम से कम 145Ah की बैटरी की आवश्यकता है, लेकिन यह आदर्श स्थिति है। व्यावहारिक स्थिति में यह काफी नहीं।
क्यों 145Ah पर्याप्त नहीं है? व्यवहारिक बातें जो जानना जरूरी है
लेड-एसिड बैटरी को 100% डिस्चार्ज करना अच्छा नहीं होता। यह बैटरी की उम्र घटा सकता है। इसलिए Battery Backup Calculator से मिली क्षमता में 25-30% का डिस्चार्ज मार्जिन जोड़ना बेहतर होता है।
इस प्रकार, 180Ah बैटरी लेना ज्यादा सुरक्षित और टिकाऊ विकल्प रहेगा।
बैटरी का प्रकार
- लेड-एसिड बैटरी – बजट फ्रेंडली लेकिन मेंटेनेंस ज़्यादा चाहिए।
- ट्यूबुलर बैटरी – लंबी लाइफ और बेहतर बैकअप, थोड़ा महंगी।
- लिथियम आयन बैटरी – महंगी लेकिन बहुत एफिशिएंट (~95–98%) और लगभग मेंटेनेंस फ्री।
इन्वर्टर की भूमिका भी अहम है
केवल बैटरी चुनना ही काफी नहीं है, यह देखना भी ज़रूरी है कि आपका इन्वर्टर इस कुल लोड को संभालने में सक्षम है या नहीं। कई बार इन्वर्टर की क्षमता बैटरी के हिसाब से कम होती है, जिससे सिस्टम ओवरलोड हो सकता है।