3kW सोलर सिस्टम के लिए कितनी बैटरियों की जरूरत होती है? जानिए सटीक संख्या और बैटरी कैपेसिटी

सोलर सिस्टम लगवाने से पहले ये ज़रूर जान लें कि कितनी बैटरियाँ और किस क्षमता की चाहिए। गलत चुनाव से आपका पैसा और सिस्टम दोनों खतरे में पड़ सकते हैं! जानिए सटीक संख्या और प्रो टिप्स, जो सिर्फ जानकार ही बताते हैं।

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Written by Rohit Kumar

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3kW सोलर सिस्टम के लिए कितनी बैटरियों की जरूरत होती है? जानिए सटीक संख्या और बैटरी कैपेसिटी
3kW सोलर सिस्टम के लिए कितनी बैटरियों की जरूरत होती है? जानिए सटीक संख्या और बैटरी कैपेसिटी

भारत में रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy की ओर लोगों का झुकाव तेजी से बढ़ रहा है। खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में जहां बिजली की आपूर्ति अनियमित रहती है, वहां 3kW सोलर सिस्टम एक भरोसेमंद विकल्प के रूप में उभर रहा है। लेकिन इस सिस्टम के साथ कितनी बैटरियाँ लगानी चाहिए और उनकी क्षमता कितनी होनी चाहिए, यह सवाल अक्सर लोगों को उलझन में डाल देता है। यदि आप भी 3kW Solar System लगाने की योजना बना रहे हैं, तो यह जानना बेहद जरूरी है कि आपकी बैटरी जरूरतें आपकी दैनिक ऊर्जा खपत और बैकअप की आवश्यक अवधि पर निर्भर करती हैं।

ऊर्जा खपत के हिसाब से बैटरी कैपेसिटी कैसे तय करें?

किसी भी सोलर सिस्टम की बैटरी जरूरत को समझने के लिए सबसे पहले यह तय करना होता है कि आपकी रोजाना की बिजली खपत कितनी है। मान लीजिए कि आप रोजाना लगभग 10 से 12 यूनिट यानी 10–12 kWh बिजली का उपभोग करते हैं, और आप चाहते हैं कि रात के समय जब सौर ऊर्जा उपलब्ध नहीं होती या बिजली कटौती होती है, तब भी आपके उपकरण चलते रहें, तो आपके पास उतनी ही उपयोगी बैटरी कैपेसिटी होनी चाहिए।

इसका अर्थ है कि अगर आप चाहें कि रात भर पंखा, लाइट, मोबाइल चार्जर, टीवी या फ्रिज जैसे जरूरी उपकरण चलते रहें, तो आपको कम से कम 10–12 kWh की बैटरियों की जरूरत होगी, जो पूरी रात भर आपकी जरूरत को पूरा कर सकें।

लिथियम-आयन बैटरियाँ: स्मार्ट चॉइस लेकिन महंगी

लिथियम-आयन बैटरियाँ, खासकर LiFePO₄ तकनीक वाली बैटरियाँ, आज के समय में सबसे अधिक डिमांड में हैं। इनकी खासियत यह है कि ये लगभग 80 से 90 प्रतिशत तक की उपयोगी क्षमता (DoD – Depth of Discharge) देती हैं। यानी यदि आपके पास 10 kWh की लिथियम बैटरी है, तो आप उसमें से लगभग 8 से 9 kWh का उपयोग कर सकते हैं।

यदि आपकी ऊर्जा जरूरत 10 से 12 kWh प्रतिदिन है, तो एक 10–12 kWh की लिथियम बैटरी ही पर्याप्त हो सकती है। वहीं अगर आप तीन दिन तक लगातार बैकअप चाहते हैं, तो आपको 30 kWh उपयोगी ऊर्जा की जरूरत होगी। ऐसे में आपको लगभग 37.5 kWh की कुल बैटरियों की आवश्यकता होगी क्योंकि 80% DoD के अनुसार उतनी ऊर्जा तभी मिलेगी। इसका मतलब है कि आपको कम से कम 4 लिथियम-आयन बैटरियाँ लगानी होंगी, जिनकी व्यक्तिगत क्षमता 10 kWh हो।

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लिथियम बैटरियाँ न केवल लंबे समय तक चलती हैं बल्कि इनकी मेंटेनेंस भी नगण्य होती है। हालांकि, इनकी शुरुआती लागत पारंपरिक बैटरियों की तुलना में अधिक होती है, लेकिन लंबे समय में ये अधिक लाभकारी साबित होती हैं।

लीड-एसिड बैटरियाँ: सस्ती लेकिन रखरखाव वाली

भारत में अब भी लीड-एसिड बैटरियाँ अधिक प्रचलित हैं क्योंकि इनकी कीमत अपेक्षाकृत कम होती है। लेकिन इनकी एक कमी यह है कि इनकी उपयोगी क्षमता केवल 50 से 60 प्रतिशत तक ही सीमित रहती है। उदाहरण के तौर पर, यदि आपके पास 2 kWh की लीड-एसिड बैटरी है, तो आप उसमें से केवल 1 से 1.2 kWh ही इस्तेमाल कर पाएंगे।

यदि आपकी ऊर्जा खपत 10 से 12 kWh प्रतिदिन है, और आप इसका पूरा बैकअप लीड-एसिड बैटरियों से लेना चाहते हैं, तो आपको कम से कम 5–6 बैटरियों की जरूरत होगी। प्रत्येक बैटरी 12V, 200Ah की होनी चाहिए, जो लगभग 2 kWh की होती है। वहीं अगर आप तीन दिन का बैकअप चाहते हैं, यानी 30 kWh उपयोगी ऊर्जा, तो आपको कुल 60 kWh की बैटरियों की जरूरत होगी। ऐसे में आपको 25 से 30 बैटरियाँ लगानी होंगी।

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हालांकि ये बैटरियाँ सस्ती होती हैं, लेकिन इनकी देखभाल भी उतनी ही जरूरी होती है। नियमित रूप से पानी भरना, वोल्टेज की जांच और सफाई जैसे कार्य करने पड़ते हैं।

अगर आपको चाहिए 3 दिन का बैकअप

अगर आप किसी ऐसे इलाके में रहते हैं जहां अक्सर बिजली कटौती होती है और आप तीन दिन तक लगातार बैकअप चाहते हैं, तो आपको 10 kWh प्रतिदिन की जरूरत के हिसाब से कुल 30 kWh ऊर्जा की आवश्यकता होगी।

यदि आप लिथियम-आयन बैटरियाँ लगाते हैं, तो 80% उपयोगी क्षमता के हिसाब से आपको 30 ÷ 0.8 = 37.5 kWh की कुल बैटरियों की जरूरत होगी। यानी 10 kWh की कम से कम 4 बैटरियाँ।

अगर आप लीड-एसिड बैटरियाँ लगाते हैं, तो 50% उपयोगी क्षमता के हिसाब से 30 ÷ 0.5 = 60 kWh की बैटरियाँ चाहिए होंगी। यानी 2 kWh की लगभग 30 बैटरियाँ।

यहां साफ है कि अगर आपके पास जगह की कमी है और आप कम मेंटेनेंस चाहते हैं, तो लिथियम बैटरियाँ बेहतर हैं। वहीं अगर आप बजट को प्राथमिकता देते हैं और रखरखाव करने में कोई दिक्कत नहीं है, तो लीड-एसिड बैटरियाँ भी एक विकल्प हो सकती हैं।

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बैटरी चयन आपकी प्राथमिकताओं पर निर्भर

3kW सोलर सिस्टम के लिए बैटरी का चयन कोई आसान निर्णय नहीं है। यह आपकी ऊर्जा खपत, बैकअप जरूरत, बजट और मेंटेनेंस की सुविधा पर निर्भर करता है। अगर आप चाहते हैं कि एक बार निवेश कर लंबे समय तक निश्चिंत रहें, तो लिथियम-आयन बैटरियाँ आपके लिए सर्वोत्तम विकल्प हैं। लेकिन अगर आप कम लागत में शुरुआत करना चाहते हैं और आपको थोड़ी मेंटेनेंस से कोई परहेज नहीं है, तो लीड-एसिड बैटरियाँ भी एक अच्छा विकल्प बन सकती हैं।

सही बैटरी का चयन न सिर्फ आपके सोलर सिस्टम की कार्यक्षमता को बढ़ाता है, बल्कि यह आपके निवेश को भी सुरक्षित करता है। रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy की दिशा में उठाया गया हर सही कदम, भविष्य को बेहतर बनाने की ओर एक मजबूत प्रयास है।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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