
सोलर एनर्जी क्षेत्र में एक और बड़ी हलचल देखने को मिल रही है। वेलस्पन एनर्जी (Welspun Energy) के को-फाउंडर विनीत मित्तल (Vineet Mittal) की अगुवाई में चल रहे अवाडा ग्रुप (Avaada Group) ने अब सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के लिए 4,000-5,000 करोड़ रुपये के आईपीओ-IPO की तैयारी शुरू कर दी है। यह खबर भारतीय रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy क्षेत्र के लिए बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि इससे न सिर्फ देश की हरित ऊर्जा परियोजनाओं को बल मिलेगा, बल्कि निवेशकों के लिए भी एक नई संभावनाओं का द्वार खुलेगा।
IPO से मिलेगी सोलर यूनिट को नई उड़ान
अवाडा ग्रुप की यह योजना देश में सोलर मॉड्यूल निर्माण को नई ऊंचाई देने के लिए है। ग्रुप की योजना है कि इस फंड के जरिए वे अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को और विस्तार दें और देश में सोलर मॉड्यूल की स्वदेशी आपूर्ति को मजबूत करें। आने वाले समय में रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में आत्मनिर्भरता एक बड़ा मुद्दा बनने वाला है और इस IPO के जरिए अवाडा ग्रुप उसी दिशा में एक ठोस कदम उठाने जा रहा है।
सरकार की PLI स्कीम का उठाया जा रहा लाभ
अवाडा ग्रुप की यह मैन्युफैक्चरिंग यूनिट केंद्र सरकार की PLI (Production Linked Incentive) स्कीम के तहत विकसित की जा रही है। यह स्कीम उन कंपनियों को प्रोत्साहन देती है जो घरेलू स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देती हैं, खासकर रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में। विनीत मित्तल की रणनीति PLI स्कीम का फायदा उठाकर न केवल आर्थिक रूप से मजबूत यूनिट खड़ी करने की है, बल्कि भारत को वैश्विक सोलर मैन्युफैक्चरिंग हब में बदलने का भी लक्ष्य रखा गया है।
बाजार में बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा
4,000-5,000 करोड़ रुपये के इस बड़े IPO के जरिए अवाडा ग्रुप सोलर एनर्जी बाजार में पहले से मौजूद अन्य बड़ी कंपनियों को सीधी चुनौती देगा। Adani Green, Tata Power Solar, और ReNew Power जैसी कंपनियों के साथ मुकाबले में उतरने के लिए यह एक निर्णायक कदम माना जा रहा है। इससे यह स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि आने वाले वर्षों में सोलर सेक्टर में प्रतिस्पर्धा और तेज़ होने वाली है।
निवेशकों को मिल सकता है सुनहरा मौका
जैसे ही अवाडा ग्रुप के इस IPO का औपचारिक ऐलान होगा, निवेशक इस पर अपनी पैनी नजर बनाए रखेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि जो निवेशक ग्रीन एनर्जी या रिन्यूएबल एनर्जी सेगमेंट में लॉन्ग टर्म रिटर्न की तलाश में हैं, उनके लिए यह IPO एक बड़ा अवसर हो सकता है। खास बात यह भी है कि सरकार द्वारा सोलर प्रोजेक्ट्स को मिल रहे बढ़ते समर्थन से इस क्षेत्र की संभावनाएं और भी मजबूत होती दिख रही हैं।
भारत में सोलर मैन्युफैक्चरिंग को मिलेगा नया बल
विनीत मित्तल की अगुवाई में अवाडा ग्रुप ने पहले भी रिन्यूएबल प्रोजेक्ट्स में अपनी मजबूत उपस्थिति दिखाई है। अब इस IPO के जरिए कंपनी न सिर्फ पूंजी जुटाने में सफल होगी, बल्कि सोलर मैन्युफैक्चरिंग में तकनीकी उन्नयन, उत्पादन क्षमता में वृद्धि और विदेशी निर्भरता में कमी की दिशा में ठोस पहल कर पाएगी। यह भारत सरकार के “मेक इन इंडिया” विजन के अनुरूप एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
IPO प्रक्रिया और संभावित टाइमलाइन
अभी तक IPO की प्रक्रिया शुरू की गई है, लेकिन इसकी सही टाइमलाइन के बारे में आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। फिर भी मार्केट सूत्रों का मानना है कि फाइनेंशियल ईयर 2025-26 की पहली तिमाही में इसका लॉन्च संभव हो सकता है। इसके लिए कंपनी रेगुलेटरी अप्रूवल्स और मार्केट कंडीशंस का मूल्यांकन कर रही है।
सोलर सेक्टर में भारत की वैश्विक स्थिति को मिलेगा बढ़ावा
इस प्रकार के बड़े निवेश और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना से भारत वैश्विक सोलर आपूर्ति श्रृंखला में अहम भूमिका निभा सकता है। इससे न केवल घरेलू बाजार की मांग पूरी होगी, बल्कि भविष्य में भारत सोलर मॉड्यूल्स का एक बड़ा निर्यातक भी बन सकता है।
निवेशकों और रिन्यूएबल सेक्टर के लिए बड़ा मौका
इस IPO के जरिए अवाडा ग्रुप भारत में स्वदेशी सोलर टेक्नोलॉजी और निर्माण को नई दिशा देने जा रहा है। विनीत मित्तल का यह कदम न केवल उनकी कारोबारी समझ को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि भारत का रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर आने वाले वर्षों में वैश्विक प्रतिस्पर्धा में पीछे नहीं रहेगा।