
देश में Renewable Energy की ओर रुझान तेजी से बढ़ रहा है और इसी क्रम में 5kW रूफटॉप सोलर सिस्टम (Rooftop Solar System) आज एक व्यवहारिक और किफायती समाधान के रूप में उभर रहा है। खासकर उन परिवारों के लिए जो प्रतिदिन 20 से 25 यूनिट तक बिजली की खपत करते हैं, यह सोलर सिस्टम बिजली की बढ़ती कीमतों और बार-बार होने वाले पावर कट्स के बीच एक स्थायी राहत दे सकता है। न सिर्फ आर्थिक तौर पर यह फायदे का सौदा है, बल्कि यह पर्यावरण के प्रति भी आपकी जिम्मेदारी को दर्शाता है।
कितना बिजली उत्पादन करता है 5kW का सोलर सिस्टम?
5kW रूफटॉप सोलर सिस्टम एक औसतन धूप वाले दिन में करीब 20 से 25 यूनिट (kWh) बिजली पैदा कर सकता है। यह उत्पादन एक मध्यम वर्गीय भारतीय परिवार की दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। इस सिस्टम की मदद से आप दिन के समय 5 से 6 सीलिंग फैन, 10 से 15 LED बल्ब, एक फ्रिज, एक वॉशिंग मशीन, माइक्रोवेव ओवन, दो LED टीवी और एक या दो इन्वर्टर AC (1.5 टन) तक चला सकते हैं।
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हालांकि, यह जरूरी है कि सभी उपकरण एक साथ न चलाए जाएं, विशेषकर भारी लोड वाले उपकरण जैसे AC या माइक्रोवेव। इनका उपयोग दिन के समय करें, जब सोलर आउटपुट अधिक होता है, ताकि अधिकतम ऊर्जा का उपयोग हो सके।
ऑन-ग्रिड और ऑफ-ग्रिड में क्या अंतर है और कौन सा आपके लिए बेहतर है?
5kW सोलर सिस्टम दो प्रमुख प्रकारों में आता है – ऑन-ग्रिड (On-grid) और ऑफ-ग्रिड (Off-grid) । ऑन-ग्रिड सिस्टम ग्रिड से जुड़ा होता है और यह तब सबसे प्रभावी होता है जब आपके क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति सामान्य रहती है। यह अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में भेजता है जिससे आपके बिजली बिल में कटौती होती है। हालांकि, यदि ग्रिड में बिजली नहीं है, तो यह सिस्टम भी बंद हो जाता है, भले ही पैनल पर सूरज चमक रहा हो।
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इसके विपरीत, ऑफ-ग्रिड सिस्टम पूरी तरह से स्वतंत्र होता है। इसमें बैटरियां लगी होती हैं जो सौर ऊर्जा को स्टोर करती हैं। यह सिस्टम उन इलाकों में अधिक उपयोगी होता है जहां बिजली की सप्लाई अनियमित रहती है या बिल्कुल नहीं है। लेकिन इसकी कीमत अधिक होती है क्योंकि इसमें बैटरी और इनवर्टर जैसी अतिरिक्त तकनीकी चीजें शामिल होती हैं।
लागत कितनी आती है और सरकार से कितनी सब्सिडी मिल सकती है?
भारत में 5kW ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम की लागत ₹2.75 लाख से ₹3 लाख के बीच होती है। यह खर्च इंस्टॉलेशन स्थान, पैनल की क्वालिटी और उपयोग की जाने वाली तकनीक पर निर्भर करता है। अच्छी खबर यह है कि भारत सरकार इस Renewable Energy विकल्प को बढ़ावा देने के लिए ₹78,000 तक की सब्सिडी देती है। यह सब्सिडी आपको सीधे उस EPC कंपनी के माध्यम से मिलती है जो इंस्टॉलेशन करती है, बशर्ते आपके दस्तावेज पूरे हों और आप पात्रता मानदंड को पूरा करते हों।
इसके अलावा, कुछ राज्य सरकारें भी अलग से प्रोत्साहन देती हैं, जिससे इस सिस्टम को लगाना और भी अधिक किफायती हो जाता है।
पर्यावरणीय और आर्थिक रूप से कितने फायदेमंद हैं सोलर पैनल?
5kW का सोलर सिस्टम न केवल आपकी बिजली की लागत को 70–90% तक घटाता है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी एक बड़ा योगदान देता है। एक वर्ष में यह सिस्टम लगभग 1.5 टन कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) के उत्सर्जन को रोक सकता है।
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लंबी अवधि में यह निवेश लाखों रुपये की बचत दिला सकता है। आमतौर पर इसकी लागत 5 से 6 साल में रिकवर हो जाती है, उसके बाद इसकी बिजली लगभग मुफ्त मानी जाती है। यही कारण है कि सोलर सिस्टम को लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट की श्रेणी में रखा जाता है।
क्या आपके घर के लिए सही है 5kW सोलर सिस्टम?
अगर आपके घर की औसतन बिजली खपत रोजाना 20–25 यूनिट के करीब है, तो 5kW रूफटॉप सोलर सिस्टम आपके लिए एक उपयुक्त विकल्प है। यह आपको ऊर्जा आत्मनिर्भरता देता है, बिजली बिल में भारी कटौती करता है और पर्यावरण की रक्षा में भी योगदान देता है।
हालांकि, इंस्टॉलेशन से पहले यह जरूरी है कि आप अपने घर की छत की दिशा, वहां पड़ने वाली छाया, उपलब्ध जगह और स्थानीय मौसम की स्थिति का आकलन करें। यदि सही ढंग से इंस्टॉल किया जाए तो यह सिस्टम 20–25 साल तक लगातार लाभ पहुंचा सकता है।