क्या घर में सोलर बैकअप से माइक्रोवेव, गीजर और इंडक्शन चलाना मुमकिन है?

सोलर पैनल लगवाने की सोच रहे हैं या पहले से लगा रखा है? लेकिन क्या ये हाई पावर डिवाइसेज़ भी चला पाएंगे? जानिए पूरी सच्चाई – कितनी जरूरत होती है सोलर बैकअप की, कौन-से उपकरण चला सकते हैं और क्या यह निवेश वाकई फायदेमंद है? पढ़िए वो सब कुछ जो कंपनियां आपको नहीं बतातीं

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Written by Rohit Kumar

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क्या घर में सोलर बैकअप से माइक्रोवेव, गीजर और इंडक्शन चलाना मुमकिन है?
क्या घर में सोलर बैकअप से माइक्रोवेव, गीजर और इंडक्शन चलाना मुमकिन है?

रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) के क्षेत्र में बढ़ती जागरूकता और तकनीकी प्रगति के चलते अब घरों में सोलर पैनल (Solar Panel) और सोलर बैकअप (Solar Backup) सिस्टम का उपयोग तेजी से बढ़ा है। खासतौर पर ग्रामीण और शहरी इलाकों में बिजली की बढ़ती दरों और पावर कट की समस्या ने लोगों को वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की ओर मोड़ा है। ऐसे में एक सवाल बार-बार उठता है – क्या घर में सोलर बैकअप से हाई पावर अप्लायंसेज जैसे माइक्रोवेव (Microwave), गीजर (Geyser) और इंडक्शन (Induction) को चलाना संभव है?

सोलर बैकअप की कार्यप्रणाली और क्षमता

सोलर बैकअप सिस्टम में सोलर पैनल, चार्ज कंट्रोलर, इन्वर्टर और बैटरी शामिल होते हैं। सोलर पैनल सूरज की रोशनी से बिजली बनाते हैं जिसे बैटरियों में स्टोर किया जाता है और इन्वर्टर के ज़रिए AC करंट में बदला जाता है। इस बिजली का उपयोग घरेलू उपकरणों को चलाने में किया जाता है।

सोलर बैकअप की क्षमता वॉट (Watt) और किलोवॉट (kW) में मापी जाती है। माइक्रोवेव, गीजर और इंडक्शन जैसे उपकरण हाई पावर कंज्यूमिंग डिवाइसेज़ होते हैं, जिनकी बिजली खपत औसतन 1000W से 2000W या उससे अधिक हो सकती है।

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माइक्रोवेव चलाने के लिए जरूरी सोलर पावर

माइक्रोवेव ओवन की औसत पावर रेटिंग 800 से 1500 वॉट तक होती है। यदि आपके पास 1kW से 2kW क्षमता का सोलर सिस्टम है और बैटरियों में पर्याप्त चार्ज स्टोर है, तो माइक्रोवेव को कुछ समय के लिए चलाया जा सकता है। हालांकि इसे लंबे समय तक चलाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है अगर बैकअप लिमिटेड हो।

गीजर और इंडक्शन की बिजली खपत

गीजर और इंडक्शन कुकटॉप दोनों ही लगभग 1500W से 2500W तक की पावर लेते हैं। ये उपकरण हीट जनरेट करते हैं, इसलिए इनकी बिजली खपत अधिक होती है। यदि आपके पास 3kW या उससे अधिक क्षमता का सोलर सिस्टम है और पर्याप्त बैटरी बैकअप है, तो ये डिवाइसेज़ आसानी से चलाए जा सकते हैं। लेकिन कम क्षमता वाले सोलर सेटअप में ये तुरंत बैटरी को खत्म कर सकते हैं।

क्या छोटा सोलर सिस्टम इन उपकरणों को चला सकता है?

1kW या इससे कम क्षमता वाले सोलर सिस्टम आमतौर पर लाइट, पंखा, टीवी, लैपटॉप और चार्जिंग जैसे कम पावर वाले डिवाइसेज़ को चलाने के लिए डिजाइन किए जाते हैं। ऐसे सिस्टम से गीजर, माइक्रोवेव या इंडक्शन को चलाना मुश्किल होता है, क्योंकि ये बैटरी पर बहुत अधिक लोड डालते हैं और इन्वर्टर की क्षमता से बाहर जा सकते हैं।

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कितनी क्षमता का सोलर सिस्टम चाहिए?

यदि घर में माइक्रोवेव, गीजर और इंडक्शन जैसे हाई पावर डिवाइसेज़ नियमित रूप से चलाए जाने हैं, तो कम से कम 5kW से 10kW तक का सोलर सिस्टम होना चाहिए। इसके साथ हाई कैपेसिटी लिथियम या लीड-एसिड बैटरियां भी जरूरी हैं। इसके अलावा इन्वर्टर की क्षमता भी 5kVA या उससे अधिक होनी चाहिए ताकि हाई पावर उपकरणों को सपोर्ट मिल सके।

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दिन और मौसम का प्रभाव

सोलर सिस्टम पूरी तरह से धूप पर निर्भर करता है। अगर दिनभर तेज धूप नहीं है या बरसात का मौसम है, तो सोलर पैनल कम बिजली जनरेट करेंगे। ऐसे में हाई पावर अप्लायंसेज को चलाना जोखिम भरा हो सकता है, क्योंकि इससे बैटरी जल्दी खत्म हो सकती है या इन्वर्टर ओवरलोड हो सकता है।

हाइब्रिड सिस्टम का विकल्प

जो लोग लगातार इन हाई पावर डिवाइसेज़ को चलाना चाहते हैं, उनके लिए हाइब्रिड सोलर सिस्टम एक बेहतर विकल्प है। इसमें सोलर के साथ-साथ ग्रिड सपोर्ट या जनरेटर को भी जोड़ा जा सकता है। जब सोलर पर्याप्त बिजली नहीं देता, तब ग्रिड से सप्लाई मिलती रहती है। इससे बैटरी पर लोड कम होता है और उपकरण सुरक्षित रहते हैं।

क्या सोलर सिस्टम में माइक्रोवेव, गीजर और इंडक्शन चलाना आर्थिक रूप से फायदेमंद है?

प्रारंभिक निवेश जरूर अधिक होता है, लेकिन लंबी अवधि में बिजली के बिल में भारी कटौती होती है। साथ ही सोलर सिस्टम की उम्र 20-25 साल होती है और बैटरियां 5-7 साल तक चलती हैं। इस तरह यह निवेश धीरे-धीरे अपने आप में पूरी लागत निकाल देता है।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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