सेंट्रल रेलवे ने महाराष्ट्र में लगाया सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट, जानिए पूरी डिटेल

भारतीय रेलवे ने महाराष्ट्र की इगतपुरी झील में स्थापित किया 10 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट, जिससे न केवल ऊर्जा संकट हल होगा, बल्कि पर्यावरण को भी होगा बड़ा लाभ! जानिए इस अनोखे प्रोजेक्ट के बारे में और कैसे यह भारतीय रेलवे के 'ग्रीन' गोल को हासिल करने में मदद करेगा।

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सेंट्रल रेलवे ने महाराष्ट्र में लगाया सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट, जानिए पूरी डिटेल
सेंट्रल रेलवे ने महाराष्ट्र में लगाया सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट, जानिए पूरी डिटेल

भारत में सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए, भारतीय रेलवे ने अपने पहले फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट को महाराष्ट्र के इगतपुरी झील में इंस्टॉल किया है। यह 10 मेगावाट (MW) क्षमता वाला फ्लोटिंग सोलर पावर प्रोजेक्ट रेलवे के एनवायर्नमेंटल सस्टेनेबिलिटी के लक्ष्य को आगे बढ़ाने और रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) की ओर एक मजबूत कदम है। इस प्रोजेक्ट से भारतीय रेलवे को न केवल अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी, बल्कि इससे देश की ओवरऑल बिजली खपत में फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता भी कम होगी।

भारतीय रेलवे का ग्रीन एनर्जी पर फोकस

भारतीय रेलवे ने रिन्यूएबल एनर्जी की दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। रेलवे का लक्ष्य 2030 तक “ग्रीन रेलवे” की दिशा में अग्रसर होना है, जिसमें उसकी ऊर्जा की सभी आवश्यकताएँ पूरी तरह से रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) से पूरी की जाएंगी। इस दिशा में रेलवे पहले ही कई सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है, जिनमें रेलवे स्टेशनों और बिल्डिंग्स की छतों पर सोलर पैनल्स की इंस्टॉलेशन शामिल है।

सेंट्रल रेलवे द्वारा महाराष्ट्र के इगतपुरी झील में स्थापित किया गया 10 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट भारतीय रेलवे की इसी पहल का हिस्सा है। यह सोलर प्लांट भारत में सोलर एनर्जी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न योजनाओं से भी मेल खाता है, जिनका उद्देश्य सौर ऊर्जा (Solar Energy) के क्षेत्र में तेज़ी से ट्रांज़िशन करना है।

फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट के फायदे

सेंट्रल रेलवे के इस फ्लोटिंग सोलर प्लांट के माध्यम से ना केवल रेलवे को अपनी ऊर्जा आवश्यकताएँ पूरी करने में मदद मिलेगी, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इस प्रोजेक्ट के जरिए रेलवे की कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी, जो कि “नेट जीरो” कार्बन एमिशन (Net Zero Carbon Emissions) के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक अहम मील का पत्थर है।

सेंट्रल रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, यह फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट 250,000 पेड़ों के लगाने के बराबर है, जिससे वायु प्रदूषण (Air Pollution) को कम किया जाएगा और बायोडाइवर्सिटी को बढ़ावा मिलेगा।

सोलर पावर के माध्यम से भारतीय रेलवे की ऊर्जा खपत

भारतीय रेलवे की मासिक ऊर्जा खपत 246.62 मिलियन यूनिट (MUs) है, जिसमें से 236.92 मिलियन यूनिट (96%) ट्रेन संचालन के लिए उपयोग होती है, जबकि 9.7 मिलियन यूनिट (4%) नॉन-ट्रैक्शन पर्पस के लिए खर्च होती है। आने वाले समय में, जब सभी सोलर प्लांट ऑपरेशनल होंगे, तो रेलवे अपनी कुल ऊर्जा खपत का लगभग 70% हिस्सा सोलर एनर्जी से प्राप्त करेगा। यह न केवल रेलवे की ऊर्जा जरूरतों को स्थायी रूप से पूरा करने में मदद करेगा, बल्कि इससे रेलवे के पर्यावरणीय असर में भी कमी आएगी।

फ्लोटिंग सोलर पावर प्रोजेक्ट की भविष्यवाणी और उद्देश्य

रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के बाद भारतीय रेलवे 2030 तक अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरी तरह से रिन्यूएबल एनर्जी से पूरा करने के लिए कई और सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स पर काम करेगा। पहले ही, भारतीय रेलवे ने 12.05 मेगावाट के सोलर पावर प्लांट्स स्थापित किए हैं, जिनमें से 4 मेगावाट का प्रोजेक्ट पिछले साल पूरा हुआ था। इस वर्ष, रेलवे ने 7 मेगावाट के और सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स स्थापित करने की योजना बनाई है।

इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य भारतीय रेलवे के ग्रीन एनर्जी गोल को तेज़ी से पूरा करना और रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) के उपयोग को बढ़ावा देना है। इससे रेलवे की ऊर्जा दक्षता बढ़ेगी और इसके पर्यावरणीय प्रभाव में कमी आएगी।

भारतीय रेलवे का योगदान पर्यावरणीय सस्टेनेबिलिटी में

भारतीय रेलवे के ग्रीन एनर्जी इनीशिएटिव्स ना केवल रेलवे की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में सहायक हैं, बल्कि ये पूरे देश में रिन्यूएबल एनर्जी के उपयोग को बढ़ावा देने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम हैं। इस तरह के प्रोजेक्ट्स से रेलवे द्वारा भविष्य में अधिक सोलर पावर प्लांट्स और अन्य रिन्यूएबल एनर्जी स्रोतों के माध्यम से ग्रीन एनर्जी के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा, जो देश के पर्यावरणीय लक्ष्य को पूरा करने में सहायक होगा।

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FAQ

1. भारतीय रेलवे ने किस झील पर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट इंस्टॉल किया है?
भारतीय रेलवे ने महाराष्ट्र के इगतपुरी झील पर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट इंस्टॉल किया है।

2. इस फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट की क्षमता कितनी है?
इस फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट की क्षमता 10 मेगावाट (MW) है।

3. भारतीय रेलवे का ग्रीन रेलवे लक्ष्य क्या है?
भारतीय रेलवे का लक्ष्य 2030 तक “ग्रीन रेलवे” बनना है, जिसमें सभी ऊर्जा की जरूरतें रिन्यूएबल एनर्जी से पूरी की जाएंगी।

4. भारतीय रेलवे की मासिक ऊर्जा खपत कितनी है?
भारतीय रेलवे की मासिक ऊर्जा खपत 246.62 मिलियन यूनिट (MUs) है।

5. फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट का पर्यावरण पर क्या असर होगा?
फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट का पर्यावरण पर असर 250,000 पेड़ों के लगाने के बराबर होगा, जिससे वायु प्रदूषण कम होगा और बायोडाइवर्सिटी को बढ़ावा मिलेगा।

6. भारतीय रेलवे कितने सोलर एनर्जी प्लांट्स स्थापित कर चुका है?
अब तक भारतीय रेलवे ने 12.05 मेगावाट के सोलर एनर्जी प्लांट्स स्थापित किए हैं।

7. रेलवे के द्वारा सोलर एनर्जी से कुल कितनी ऊर्जा खपत की जाएगी?
आने वाले समय में रेलवे अपनी कुल ऊर्जा खपत का लगभग 70% हिस्सा सोलर एनर्जी से प्राप्त करेगा।

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