GST मुआवजा विवाद पर CERC का आदेश! SECI को दिया समाधान का निर्देश – रिन्यूएबल सेक्टर में राहत की उम्मीद

CERC ने GST दरों में वृद्धि को ‘Change in Law’ मानते हुए SECI को निर्देश दिया है कि वह Solar और Wind Energy Developers को मुआवजा दे। इससे Renewable Energy परियोजनाओं को वित्तीय राहत मिलेगी और निवेशकों में विश्वास बढ़ेगा।

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Written by Rohit Kumar

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GST मुआवजा विवाद पर CERC का आदेश! SECI को दिया समाधान का निर्देश – रिन्यूएबल सेक्टर में राहत की उम्मीद
GST मुआवजा विवाद पर CERC का आदेश

हाल ही में केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (CERC) ने Renewable Energy सेक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसमें उन्होंने सौर ऊर्जा निगम (SECI) को निर्देश दिया है कि वह GST दरों में वृद्धि के कारण Solar Developers को हुए अतिरिक्त खर्च की भरपाई करे। यह फैसला उस समय आया जब कई सौर और पवन ऊर्जा कंपनियों ने GST में 5% से बढ़ाकर 12% या 18% किए जाने को ‘Change in Law’ की श्रेणी में मानने और इसके चलते हुए वित्तीय प्रभाव के लिए मुआवजा देने की मांग की थी।

इस आदेश का असर न केवल वर्तमान परियोजनाओं पर पड़ेगा, बल्कि भविष्य की Renewable Energy Projects की वित्तीय संरचना और निवेश पर भी गहरा प्रभाव डालेगा। आयोग ने साफ कहा है कि GST दरों में वृद्धि को कानूनी बदलाव के रूप में स्वीकार किया जाए और उसका वित्तीय भार डेवलपर्स पर न डाला जाए।

BEPL को मिला ₹2 करोड़ का मुआवजा

उदाहरण के तौर पर, बीमपॉव एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (BEPL) ने मध्य प्रदेश के अगर सोलर पार्क में 350 मेगावाट की सौर परियोजना के लिए GST वृद्धि के कारण हुए अतिरिक्त खर्च की भरपाई के लिए याचिका दायर की थी। CERC ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए GST दर में वृद्धि को ‘कानून में परिवर्तन’ माना और SECI को ₹2 करोड़ का मुआवजा 9.12% की छूट दर पर 15 वर्षों में चुकाने का आदेश दिया।

यह निर्णय BEPL जैसे डेवलपर्स को राहत देता है, जिन्होंने पहले से ही परियोजनाओं के लिए भारी निवेश कर रखा है और बढ़ती लागत ने उनकी वित्तीय योजनाओं को बाधित किया था।

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पवन ऊर्जा क्षेत्र को भी राहत

केवल सौर नहीं, बल्कि पवन ऊर्जा कंपनियां भी इस फैसले से लाभान्वित हुई हैं। मोरजर विंडफार्म डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने भी इसी प्रकार की याचिका दायर की थी। CERC ने उनके मामले में भी GST दरों में वृद्धि को ‘Change in Law’ मानते हुए उन्हें मुआवजा देने का आदेश दिया। यह स्पष्ट करता है कि आयोग Renewable Energy सेक्टर के विकास में स्थिरता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

वित्तीय स्थिरता और निवेशकों को प्रोत्साहन

इन फैसलों से Renewable Energy सेक्टर में विश्वास बढ़ेगा। डेवलपर्स को उम्मीद है कि इस तरह के आदेशों से उनके ऊपर का आर्थिक दबाव कम होगा और वे अपनी परियोजनाओं को बिना वित्तीय बाधाओं के पूरा कर सकेंगे। साथ ही, यह निवेशकों के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है, जो भारत के ऊर्जा संक्रमण लक्ष्य को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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