
भारत में Renewable Energy की ओर बढ़ता रुझान अब आम घरों तक पहुंच चुका है। खासकर जब बात सोलर एनर्जी की आती है, तो एक महत्वपूर्ण घटक होता है – Solar Battery। 2025 में भारत में उपलब्ध सर्वोत्तम सोलर बैटरियाँ और उनसे जुड़ी जानकारी यदि सही समय पर प्राप्त न हो, तो आपका निवेश बेकार जा सकता है। यही कारण है कि सोलर बैटरी चुनते समय सही मार्गदर्शन और तकनीकी जानकारी बेहद ज़रूरी हो जाती है। इस लेख में हम विस्तार से बताएंगे कि भारत में कौन सी सोलर बैटरियाँ टॉप पर हैं, उन्हें कैसे चुनें और किस घर के लिए कौन सी बैटरी सबसे उपयुक्त होगी।
सोलर बैटरी का प्रकार क्यों है महत्वपूर्ण?
Solar Battery की गुणवत्ता और परफॉर्मेंस का सबसे बड़ा निर्धारक होता है उसका प्रकार। भारत में मुख्यतः दो प्रकार की बैटरियाँ प्रचलित हैं: लिथियम-आयन और लीड-एसिड।
Lithium-ion बैटरियाँ अपेक्षाकृत नई तकनीक पर आधारित होती हैं। इनकी चार्जिंग क्षमता अत्यधिक होती है और ये लगभग 4000 या उससे अधिक चार्ज साइकिल तक काम कर सकती हैं। इनका मेंटेनेंस बहुत कम होता है, लेकिन कीमत अधिक होती है। वहीं, Lead-acid बैटरियाँ सस्ती होती हैं, लेकिन बार-बार मेंटेनेंस की ज़रूरत होती है और जीवनकाल भी कम होता है। यदि आप कम बजट में बैकअप की तलाश कर रहे हैं, तो यह एक विकल्प हो सकता है, पर दीर्घकालिक उपयोग में यह महंगी पड़ सकती है।
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बैटरी की क्षमता से तय होता है उसका उपयोग
किसी भी बैटरी की क्षमता Ah (Ampere hour) या kWh (Kilowatt hour) में मापी जाती है। यह इस बात को दर्शाती है कि बैटरी कितनी बिजली संग्रहित कर सकती है और कितनी देर तक बैकअप दे सकती है। उदाहरण के तौर पर, यदि आपके घर की दैनिक बिजली खपत 5 यूनिट है, तो 150Ah की Lithium-ion बैटरी आपके लिए पर्याप्त हो सकती है। वहीं, बड़े घरों के लिए 200Ah या उससे अधिक की बैटरी उपयुक्त मानी जाती है।
DoD और राउंड-ट्रिप एफिशिएंसी: नजरअंदाज न करें
DoD यानी Depth of Discharge वह प्रतिशत होता है जो बैटरी की कुल क्षमता में से सुरक्षित रूप से उपयोग की जा सकती है। उच्च DoD वाली बैटरियाँ ज्यादा उपयोगी मानी जाती हैं, क्योंकि वे अधिकतम क्षमता तक डिस्चार्ज की जा सकती हैं बिना बैटरी को नुकसान पहुँचाए। इसी प्रकार, राउंड-ट्रिप एफिशिएंसी यह बताता है कि बैटरी में संग्रहित ऊर्जा में से कितनी ऊर्जा उपयोग के समय पुनः उपलब्ध होती है। यह प्रतिशत जितना अधिक होगा, उतनी ही बैटरी प्रभावी मानी जाती है।
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वारंटी और जीवनकाल बनाते हैं बैटरी को दीर्घकालिक निवेश
Battery खरीदते समय यह देखना ज़रूरी है कि कंपनी कितने वर्षों की वारंटी दे रही है और बैटरी की चार्ज साइकिल कितनी है। आमतौर पर लिथियम-आयन बैटरियाँ 7 से 10 वर्षों तक चलती हैं, जबकि लीड-एसिड बैटरियाँ इससे कम अवधि में खराब हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, Massimo Solmax की Lithium-ion बैटरी 100 महीने की वारंटी के साथ आती है, जो कि बाजार में उपलब्ध सबसे बेहतर विकल्पों में से एक है।
भारत में 2025 की प्रमुख Solar Battery ब्रांड्स
2025 में भारतीय बाजार में चार प्रमुख Solar Battery ब्रांड्स ने उपभोक्ताओं के बीच विश्वास अर्जित किया है। इनमें Exide Solar+ Li 150Ah, Luminous ILTT 18050, Amaron Solar 150Ah और Massimo Solmax शामिल हैं। Exide और Massimo जैसी कंपनियाँ Lithium-ion तकनीक पर आधारित बैटरियाँ दे रही हैं, जो लंबी उम्र और उच्च एफिशिएंसी के लिए जानी जाती हैं। वहीं, Luminous और Amaron की Lead-acid बैटरियाँ बजट फ्रेंडली होने के साथ-साथ विश्वसनीय परफॉर्मेंस भी देती हैं।
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आपके घर के अनुसार बैटरी कैसे चुनें?
यदि आप 2BHK फ्लैट में रहते हैं और आपकी रोजाना की खपत 5-6 यूनिट के आसपास है, तो 150Ah की लिथियम-आयन बैटरी पर्याप्त हो सकती है। वहीं, 3BHK या उससे बड़े घरों के लिए 200Ah या उससे अधिक क्षमता वाली बैटरी उचित होगी। यदि आपका सिस्टम पूरी तरह ऑफ-ग्रिड है, तो उच्च क्षमता और अधिक DoD वाली लिथियम-आयन बैटरी ही सबसे अच्छा विकल्प होगी।