
सोलर सेक्टर की एक प्रमुख कंपनी जेनसोल इंजीनियरिंग (Gensol Engineering) एक बार फिर चर्चा में है। यह वही कंपनी है जिसके शेयर हाल ही में अपने 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर से करीब 95% तक लुढ़क गए थे, लेकिन अब पिछले चार कारोबारी सत्रों से लगातार अपर सर्किट में हैं। शुक्रवार, 16 मई 2025 को कंपनी के शेयर 5% की तेजी के साथ ₹66.29 के स्तर पर पहुंच गए, जो कि निवेशकों के लिए नई उम्मीद लेकर आया है।
मल्टीबैगर बनने से लेकर गिरावट तक का सफर
जेनसोल इंजीनियरिंग को निवेशक एक समय पर एक मल्टीबैगर स्टॉक के तौर पर देखते थे। Renewable Energy सेक्टर में कंपनी की पकड़, Green Energy से जुड़े प्रोजेक्ट्स और EV चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में विस्तार की वजह से कंपनी का शेयर कई गुना उछल चुका था। लेकिन बीते कुछ महीनों में इसमें जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। कंपनी का शेयर अपने 52 हफ्ते के उच्चतम स्तर से करीब 95% तक गिर चुका था, जिसने निवेशकों के बीच घबराहट पैदा कर दी थी।
क्या है मौजूदा तेजी की वजह?
बीते चार दिनों में शेयर में आई जबरदस्त तेजी ने बाजार को चौंका दिया है। इसका एक बड़ा कारण यह बताया जा रहा है कि कंपनी ने हाल ही में कुछ नए प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू किया है जो कि भारत सरकार की Renewable Energy पॉलिसी के तहत आते हैं। इसके अलावा, कंपनी के बोर्ड द्वारा भविष्य में निवेश और विस्तार की योजनाओं की घोषणा से निवेशकों को यह संकेत मिला कि कंपनी अपनी पुरानी स्थिति की ओर लौट सकती है।
वित्तीय जानकारों का मानना है कि इस तेजी की वजह कंपनी की नए ऑर्डर बुकिंग, लागत में कटौती और संभावित Q1 FY26 में बेहतर नतीजों की उम्मीद भी हो सकती है। हालांकि कंपनी की ओर से अभी तक कोई औपचारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन बाजार में तेजी बनी हुई है।
निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी
जिन निवेशकों ने कंपनी के शेयर की भारी गिरावट के बाद भी इसमें भरोसा बनाए रखा था, उनके लिए यह रैली उम्मीद की किरण बनकर आई है। शेयर का लगातार चार दिन अपर सर्किट लगना यह दर्शाता है कि बाजार में फिर से भरोसा लौट रहा है। ट्रेडर्स के अनुसार, लोअर बेस पर खरीदारी आने से शेयर में मजबूती देखी जा रही है।
कुछ विश्लेषकों का कहना है कि यह रैली शॉर्ट कवरिंग का नतीजा भी हो सकती है। गिरावट के दौरान कई निवेशकों ने इस शेयर को शॉर्ट किया था, और अब जब शेयर तेजी पकड़ रहा है, वे अपनी पोजीशन क्लोज करने के लिए खरीदारी कर रहे हैं।
क्या फिर से मल्टीबैगर बनेगा यह शेयर?
हालांकि शेयर की मौजूदा रैली निवेशकों के लिए राहत की खबर है, लेकिन यह कहना जल्दबाजी होगी कि यह शेयर दोबारा मल्टीबैगर बनने की ओर बढ़ रहा है। कंपनी की मौजूदा वित्तीय स्थिति, रेवेन्यू ग्रोथ, और आगामी तिमाही नतीजे यह तय करेंगे कि आगे इस शेयर में कितनी तेजी बनी रह सकती है।
बाजार विशेषज्ञों की राय में, ऐसे शेयरों में निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल्स और भविष्य की योजनाओं को अच्छी तरह समझना जरूरी है। खासकर तब, जब शेयर पहले से ही इतनी बड़ी गिरावट देख चुका हो।
सेक्टर का संभावित भविष्य
भारत में Renewable Energy सेक्टर को लेकर सरकार की नीतियां लगातार सकारात्मक रही हैं। 2030 तक 500 गीगावॉट ग्रीन एनर्जी का लक्ष्य, EV अपनाने पर जोर और सोलर पैनल्स के घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहन – ये सभी फैक्टर ऐसे शेयरों के लिए लॉन्ग टर्म में सकारात्मक साबित हो सकते हैं।
जेनसोल इंजीनियरिंग भी इस दिशा में काम कर रही है। कंपनी का ध्यान EV चार्जिंग स्टेशन नेटवर्क, सोलर EPC प्रोजेक्ट्स और बैटरी स्टोरेज सॉल्यूशंस पर है, जिससे भविष्य में इसके रेवेन्यू में इजाफा हो सकता है।
जोखिम और सलाह
बाजार की मौजूदा तेजी में निवेश करने से पहले यह समझना जरूरी है कि पिछले प्रदर्शन की गारंटी भविष्य में नहीं होती। शेयर पहले ही 95% की गिरावट झेल चुका है और इस रैली में जो निवेशक अब जुड़ रहे हैं, उन्हें जोखिम को समझकर ही निर्णय लेना चाहिए।
कई बार तेजी शॉर्ट टर्म होती है और उसके बाद फिर से प्रॉफिट बुकिंग या करेक्शन आ सकता है। ऐसे में विश्लेषकों की राय और कंपनी की आधिकारिक घोषणाओं पर नजर रखना जरूरी है।