बिजली की बचत करने के लिए सोलर पैनल आज के समय में अधिक प्रयोग होने लग गए हैं, इनकी लोकप्रियता आए दिन बढ़ रही है। सोलर पैनल सूर्य से प्राप्त होने वाली सौर ऊर्जा से बिजली का निर्माण करते हैं, जिससे उपयोगकर्ता सभी प्रकार की बिजली की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं, सोलर पैनल लगाने से पहले आपको यह जानकारी होनी चाहिए कि आप सोलर पैनल से किस-किस उपकरण को चला सकते हैं, ऐसे में आप सही क्षमता का सोलर पैनल खरीद सकते हैं, सोलर पैनल के उपयोग से पर्यावरण को भी लाभ प्राप्त होता है।
500 वाट के सोलर पैनल
500 वाट के सोलर पैनल से उपयुक्त परिस्थितियों में 500 वाट बिजली का उत्पादन किया जा सकता है, सोलर पैनल को बिजली बनाने में प्रभावित करने वाले कारण भौगोलिक स्थिति, पैनल की स्थापना में कोण, मौसम की परिस्थिति होते हैं। जब सोलर पैनल पर उचित मात्रा में तेज धूप पड़ती है तो उनके द्वारा 500 वाट बिजली का उत्पादन किया जाता है। इस सोलर पैनल से अनेक छोटे एवं मध्यम आकार वाले विद्युत उपकरणों को चलाया जा सकता है।
500 वाट सोलर पैनल की विशेषताएँ
500 वाट के सोलर पैनल की विशेषताएं इस प्रकार रहती हैं:-
- 500 वाट क्षमता के सोलर पैनल आकार में बड़े होते हैं, इन्हें अधिक बिजली उत्पादन के लिए डिजाइन किया जाता है।
- उच्च क्षमता के ये सोलर पैनल प्रति वर्ग मीटर अधिक बिजली का उत्पादन करते हैं।
- ये सोलर पैनल अधिक वोल्टेज एवं करंट का उयोग करते है, जिस कारण ही इनसे उच्च वाट बिजली का उत्पादन होता है।
500 वाट के सोलर पैनल से चलने वाली डिवाइसें
500 वाट क्षमता के सोलर पैनल से निम्न उपकरणों को चलाया जा सकता है:-
- एलईडी लाइट– 5 से 10 एलईडी बल्ब (प्रत्येक 10-15 वॉट)
- लैपटॉप– 1 से 2 लैपटॉप
- छोटा रेफ्रिजरेटर– 1 छोटा फ्रिज (70-100 वॉट)
- पंखा– 1 से 2 पंखे (50-75 वॉट प्रति पंखा)
- टेलीविजन– 1 टेलीविजन (50-100 वॉट)
इन सभी उपकरणों को एक साथ नहीं चलाना चाहिए, ऐसे में ऊर्जा खपत अधिक हो सकती है, जिससे सोलर पैनल से बनने वाली बिजली का प्रयोग सही से नहीं किया जा सकता है।
सोलर पैनल से बैटरी चार्जिंग
सोलर पैनल से बनने वाली बिजली को बैटरी में स्टोर कर के रखा जा सकता है, जिसका प्रयोग आप बिजली की जरूरत पड़ने पर कर सकते हैं, 500 वाट के सोलर पैनल से बनने वाली बिजली को आप 100 Ah/12V बैटरी में स्टोर कर सकते हैं। सोलर पैनल को धूप में रख कर चार्ज किया जा सकता है, बैटरी वाले सोलर सिस्टम को ऑफग्रिड सोलर सिस्टम कहा जाता है,ऐसे सोलर सिस्टम को अधिक बिजली कटौती वाले स्थानों के लिए उपयुक्त कहा जाता है।
सोलर सिस्टम में इंवर्टर
सोलर पैनल द्वारा डीसी रूप में बिजली का उत्पादन किया जाता है, डीसी को एसी में बदलने के लिए सोलर इंवर्टर का प्रयोग सिस्टम में किया जाता है, सोलर सिस्टम को सुरक्षित रखने के लिए इसमें सोलर चार्ज कंट्रोलर भी जोड़ा जाता है। सोलर चार्ज कंट्रोलर के द्वारा पैनल से प्राप्त होने वाली असमान बिजली को नियंत्रित किया जाता है। 500 वाट के सोलर पैनल के साथ 500 से 700 वाट का इंवर्टर जोड़ा जाता है, इस इंवर्टर के प्रयोग से आप हाई लोड को भी आसानी से चला सकते हैं।
इस प्रकार आप 500 वाट के सोलर पैनल का प्रयोग एवं लाभ प्राप्त कर सकते हैं, सोलर पैनल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इनके प्रयोग से पर्यावरण को स्वच्छ एवं सुरक्षित रखा जा सकता है, क्योंकि सोलर पैनल पर्यावरण के अनुकूल कार्य करते हैं, एवं कार्बन फुटप्रिन्ट को कम करने में सहायक होते हैं, ऐसे में सही चयन करने के बाद आप आसानी से सोलर पैनल का उपयोग कर सकते हैं। सोलर पैनल पर किये जाने वाले निवेश को समझदारी का निवेश कहते हैं क्योंकि इनका लाभ लंबे समय तक यूजर प्राप्त कर सकता है।