
बैटरी केमिस्ट्री (Battery Chemistry) के क्षेत्र में हो रहे तीव्र विकास ने ऊर्जा भंडारण (Energy Storage) की दुनिया में एक नया अध्याय खोल दिया है। स्मार्टफोन से लेकर इलेक्ट्रिक वाहन (Electric Vehicle) और रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy स्टोरेज सिस्टम तक, हर तकनीक आज बैटरियों पर निर्भर करती है। यही वजह है कि अलग-अलग केमिकल स्ट्रक्चर पर आधारित बैटरियाँ तेजी से चर्चा में हैं।
इन बैटरियों की केमिस्ट्री न सिर्फ उनके प्रदर्शन को प्रभावित करती है, बल्कि उनकी लागत, सुरक्षा और जीवनकाल को भी निर्धारित करती है। आइए जानते हैं कि कौन-कौन सी बैटरी केमिस्ट्री आज सबसे ज्यादा चर्चा में है और वे किन क्षेत्रों में उपयोग की जा रही हैं।
लीड-एसिड बैटरी (Lead-Acid Battery): सस्ती लेकिन भारी
लीड-एसिड बैटरियाँ सबसे पुरानी और पारंपरिक तकनीकों में से एक हैं। इनका प्रमुख उपयोग इन्वर्टर, ऑटोमोबाइल और UPS सिस्टम में होता है। यह बैटरियाँ कम कीमत और उच्च स्टार्टिंग करंट की वजह से लोकप्रिय हैं, खासकर भारतीय बाजार में। हालांकि, इनका भारी वजन और नियमित रखरखाव की आवश्यकता इन्हें थोड़ा पिछड़ा बनाती है। लेकिन लागत की दृष्टि से यह आज भी एक भरोसेमंद विकल्प बनी हुई है।
लिथियम-आयन बैटरी (Lithium-Ion Battery): आधुनिक युग की ऊर्जा मशीन
लिथियम-आयन बैटरी आज की तकनीकी दुनिया की धड़कन बन चुकी है। स्मार्टफोन, लैपटॉप, टैबलेट से लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों तक इसका उपयोग हो रहा है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है इसका उच्च ऊर्जा घनत्व और हल्का वजन, जो इसे पोर्टेबल डिवाइसों के लिए आदर्श बनाता है। साथ ही, यह कम सेल्फ-डिस्चार्ज दर और लंबी जीवन अवधि प्रदान करती है। हालांकि, अधिक तापमान में यह सुरक्षा की दृष्टि से थोड़ा संवेदनशील होती है और इसकी कीमत अन्य बैटरियों की तुलना में अधिक होती है।
निकेल-कैडमियम (NiCd) और निकेल-मेटल हाइड्राइड (NiMH): पुराने दौर के भरोसेमंद साथी
निकेल आधारित बैटरियाँ अब पहले जैसी आम नहीं हैं, लेकिन कुछ खास उपयोगों में ये अब भी अपनी पकड़ बनाए हुए हैं। कैमरे, टॉर्च और खिलौनों में ये बैटरियाँ एक समय में बेहद लोकप्रिय थीं। ये ठंडे मौसम में अच्छा प्रदर्शन करती हैं और तेज़ चार्जिंग क्षमता रखती हैं। हालांकि, NiCd बैटरियों में कैडमियम के विषैले तत्व और NiMH की अधिक सेल्फ-डिस्चार्ज दर इन्हें आज के अत्याधुनिक विकल्पों से पीछे रखती है।
लिथियम फेरो फॉस्फेट (LiFePO₄ या LFP): सुरक्षा और स्थायित्व का नया नाम
लिथियम फेरो फॉस्फेट या LiFePO₄ बैटरियाँ अब खासतौर पर इलेक्ट्रिक वाहनों और सौर ऊर्जा भंडारण (Solar Energy Storage) के लिए उभरते विकल्प के रूप में देखी जा रही हैं। इनकी सबसे बड़ी खासियत है इनकी उच्च सुरक्षा, लंबी जीवन अवधि और तुलनात्मक रूप से कम लागत। जहां तक ऊर्जा घनत्व की बात है, ये लिथियम-आयन बैटरियों से थोड़ा पीछे हैं, लेकिन सुरक्षा और दीर्घकालिकता की दृष्टि से ये कहीं अधिक भरोसेमंद मानी जाती हैं।
सोडियम-आयन बैटरी (Sodium-Ion Battery): भविष्य की बैटरी
सोडियम-आयन बैटरियाँ अभी विकास के चरण में हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि ये भविष्य की बैटरियाँ बन सकती हैं। यह बैटरियाँ लिथियम की तुलना में अधिक सुरक्षित, सस्ती और संसाधन के रूप में अधिक उपलब्ध हैं। हालांकि, वर्तमान में इनकी ऊर्जा घनत्व कम है और इनका व्यावसायिक इस्तेमाल सीमित है। लेकिन रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy सिस्टम्स के लिए ये एक बड़ी उम्मीद के रूप में देखी जा रही हैं।
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बैटरी चयन: उपयोग के अनुसार करें सही चुनाव
यदि आप बैटरी खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो सबसे पहले यह तय करना होगा कि आप किस प्रकार के उपयोग के लिए बैटरी लेना चाहते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप इलेक्ट्रिक वाहन के लिए बैटरी ढूंढ रहे हैं, तो LiFePO₄ या लिथियम-आयन बैटरियाँ सबसे बेहतर मानी जाती हैं। वहीं, घर में इन्वर्टर के लिए अब भी लीड-एसिड एक लोकप्रिय विकल्प है। यदि आप पर्यावरण के प्रति सजग हैं, तो सोडियम-आयन जैसे भविष्य के समाधान पर भी विचार कर सकते हैं।
बैटरी केमिस्ट्री का भविष्य
तेजी से बदलती तकनीक और बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं को देखते हुए बैटरी केमिस्ट्री का क्षेत्र निरंतर विकसित हो रहा है। रिसर्च और इनोवेशन की मदद से आने वाले वर्षों में और भी उन्नत और सस्ती बैटरियाँ बाज़ार में देखने को मिल सकती हैं। यह न केवल उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि रिन्यूएबल एनर्जी जैसे बड़े वैश्विक मुद्दों के समाधान में भी सहायक साबित होगा।