क्या सोलर पैनल की भी होती है एक्सपायरी? जानिए कितने साल तक चलती है इसकी असली लाइफ

क्या आपके सोलर पैनल अब सिर्फ छत की शोभा हैं या अब भी बिजली बना रहे हैं? जानिए कितने साल तक चलते हैं Solar Panels, कब घटती है इनकी ताकत और कैसे पहचानें कि अब इन्हें बदलने का समय आ गया है, पढ़ें पूरी रिपोर्ट!

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Written by Rohit Kumar

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भारत में Renewable Energy का क्षेत्र तेजी से विस्तार कर रहा है और इसके केंद्र में Solar Panels हैं। जैसे-जैसे आम लोग बढ़ते बिजली बिलों और प्रदूषण के विकल्प तलाश रहे हैं, सोलर एनर्जी सबसे भरोसेमंद समाधान बनकर उभरी है। लेकिन एक सवाल जो अकसर सामने आता है – सोलर पैनल की उम्र कितनी होती है? क्या यह जीवनभर चलते हैं या एक निश्चित समय बाद इन्हें बदलना जरूरी होता है?

क्या सोलर पैनल की भी होती है एक्सपायरी? जानिए कितने साल तक चलती है इसकी असली लाइफ
क्या सोलर पैनल की भी होती है एक्सपायरी? जानिए कितने साल तक चलती है इसकी असली लाइफ

यह सवाल उतना ही अहम है जितना कि सोलर पैनल खरीदने का निर्णय। यह जानना जरूरी है कि सोलर पैनल कब तक अपनी अधिकतम क्षमता से बिजली उत्पादन करते हैं और कितने वर्षों तक ये घर या व्यवसाय की ऊर्जा जरूरतें पूरी कर सकते हैं।

कितनी होती है औसतन सोलर पैनलों की उम्र?

विशेषज्ञों की मानें तो एक स्टैंडर्ड क्वालिटी का सोलर पैनल औसतन 25 से 30 साल तक उच्च दक्षता के साथ बिजली पैदा कर सकता है। यह अवधि उसकी “उपयोगी उम्र” यानी lifespan मानी जाती है। हालांकि इस समय के बाद भी पैनल काम करना बंद नहीं करता, लेकिन उसकी बिजली उत्पादन क्षमता में धीरे-धीरे गिरावट आने लगती है।

उदाहरण के लिए, 25 वर्षों के बाद एक उच्च गुणवत्ता वाला पैनल अब भी लगभग 80% क्षमता से बिजली बना सकता है। यह आंकड़ा Energy Sage की रिपोर्ट पर आधारित है, जो सोलर और Renewable Energy पर विस्तृत शोध करने वाली प्रतिष्ठित संस्था है।

कैसे घटती है सोलर पैनल की क्षमता?

सोलर पैनलों की उम्र बढ़ने के साथ-साथ उनकी बिजली उत्पादन करने की क्षमता में हर साल थोड़ा-थोड़ा ह्रास होता है। इसे तकनीकी भाषा में Degradation Rate कहा जाता है। यह दर सामान्यतः 0.5% से 0.8% प्रति वर्ष होती है।

इसका अर्थ है कि पहले वर्ष में ही 100% क्षमता वाला पैनल लगभग 99.5% से 99.2% पर आ जाता है। और यह दर साल दर साल बढ़ती जाती है। 25 वर्षों के बाद पैनल की कुल दक्षता घटकर लगभग 82.5% से 87.5% के बीच रह जाती है।

हालांकि यह गिरावट इतनी धीमी होती है कि ज्यादातर घरेलू उपभोक्ता इसे तुरंत महसूस नहीं कर पाते। जब तक आपकी ऊर्जा आवश्यकताएं स्थिर रहती हैं, यह कमी कोई बड़ा असर नहीं डालती।

सोलर पैनल पर मिलती है दोहरी वारंटी

बाजार में उपलब्ध ज्यादातर सोलर पैनल निर्माता कंपनियां अपने उत्पादों पर दो प्रकार की वारंटी प्रदान करती हैं – प्रोडक्ट वारंटी (Product Warranty) और परफॉर्मेंस वारंटी (Performance Warranty)

प्रोडक्ट वारंटी यह सुनिश्चित करती है कि निर्माण से जुड़ी कोई भी खामी एक तय समय सीमा के भीतर ठीक की जाएगी या पैनल बदला जाएगा। यह आमतौर पर 10 से 25 साल तक की होती है। दूसरी ओर, परफॉर्मेंस वारंटी यह आश्वासन देती है कि पैनल लंबे समय तक एक न्यूनतम क्षमता से बिजली उत्पन्न करता रहेगा। उदाहरण के तौर पर, कई कंपनियां दावा करती हैं कि उनके पैनल 25 वर्षों के बाद भी कम से कम 80% दक्षता के साथ कार्य करेंगे।

इन दोनों वारंटी के जरिए ग्राहक को यह भरोसा मिलता है कि उनका निवेश सुरक्षित है और यदि कोई तकनीकी दिक्कत आती है तो उसका समाधान भी सुनिश्चित है।

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रखरखाव से बढ़ सकती है सोलर पैनलों की उम्र

यदि आप चाहते हैं कि आपके Solar Panels अधिक वर्षों तक सही ढंग से बिजली पैदा करते रहें, तो उनका नियमित रखरखाव और सफाई अत्यंत आवश्यक है।

विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि सोलर पैनलों की हर 6 महीने में सफाई की जानी चाहिए। धूल, मिट्टी, पक्षियों की बीट आदि पैनलों की सतह को ढक सकते हैं जिससे धूप का अवरोध होता है और उत्पादन क्षमता में कमी आती है।

साथ ही, साल में कम से कम एक बार किसी पेशेवर से तकनीकी निरीक्षण (Technical Inspection) कराना जरूरी है ताकि किसी भी खराबी का समय रहते पता चल सके।

यह भी ध्यान देने की बात है कि सोलर सिस्टम का अन्य हार्डवेयर जैसे इन्वर्टर और बैटरी, पैनलों की तुलना में कम समय तक चलते हैं। आमतौर पर इनकी उम्र 5 से 10 साल होती है और इन्हें समय पर बदलना जरूरी होता है ताकि पूरे सिस्टम की परफॉर्मेंस बनी रहे।

क्या पुराने सोलर पैनल भी काम के होते हैं?

25-30 साल के बाद भी यदि आपके सोलर पैनल कम से कम 70% से 80% क्षमता से बिजली बना रहे हैं, तो उन्हें उपयोगी माना जाता है। जब तक आपके ऊर्जा की मांग में कोई बड़ा बदलाव नहीं होता, पुराने पैनल भी काम आते हैं।

लेकिन यदि पैनलों में क्रैक, वाटर सीपेज, या इन्वर्टर से कनेक्शन में समस्या जैसी फिजिकल डैमेज हैं, तो उन्हें बदलना ही बेहतर होता है। आजकल बाजार में उपलब्ध नई तकनीक के सोलर पैनल अधिक ऊर्जा दक्षता, स्मार्ट मॉनिटरिंग और लंबी वारंटी के साथ आते हैं, जिससे उनका उपयोग अधिक लाभदायक हो जाता है।

क्या सोलर पैनल वाकई लंबे समय तक चलते हैं?

सोलर पैनल की कोई तय “एक्सपायरी डेट” नहीं होती, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता है उनकी क्षमता घटती जाती है। औसतन 25 से 30 साल तक वे बेहतर प्रदर्शन करते हैं और यदि सही देखभाल हो, तो यह अवधि और भी बढ़ सकती है।

भारत जैसे देश में, जहां धूप प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, सोलर पैनल एक दीर्घकालिक और भरोसेमंद निवेश साबित होते हैं। बस जरूरी है कि उन्हें सही ढंग से मेंटेन किया जाए, समय-समय पर निरीक्षण कराया जाए और पुरानी तकनीक को समय रहते अपग्रेड किया जाए।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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