क्या बारिश में काम करता है सोलर पैनल? जानें मौसम का सोलर पावर पर क्या असर पड़ता है

बारिश और बादल सोलर पैनल की कार्यक्षमता पर असर डाल सकते हैं, लेकिन क्या इसका मतलब है, कि आपका सोलर सिस्टम बिना काम किए खड़ा रहेगा? इस लेख में जानें कैसे मौसम का सोलर पावर पर प्रभाव पड़ता है और आप कैसे अपने सिस्टम से अधिकतम ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं!

Photo of author

Written by Rohit Kumar

Published on

क्या बारिश में काम करता है सोलर पैनल? जानें मौसम का सोलर पावर पर क्या असर पड़ता है
क्या बारिश में काम करता है सोलर पैनल? जानें मौसम का सोलर पावर पर क्या असर पड़ता है

सोलर पैनल (Solar Panels) आजकल रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। लेकिन कई लोग यह जानना चाहते हैं कि क्या बारिश (Rain) के दौरान सोलर पैनल अपनी ऊर्जा उत्पादन क्षमता को बनाए रखते हैं या फिर उनका प्रदर्शन पूरी तरह से प्रभावित हो जाता है। खासकर उन क्षेत्रों में, जहाँ बारिश और बादल ज्यादा रहते हैं, यह सवाल अधिक प्रासंगिक है। बारिश के मौसम में सोलर पैनल की कार्यक्षमता पर प्रभाव पड़ता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे काम करना बंद कर देते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि बारिश के दौरान सोलर पैनल कितने प्रभावी होते हैं और मौसम का इनकी कार्यक्षमता पर क्या असर पड़ता है।

बारिश के दौरान सोलर पैनल की कैपिसिटी

बारिश का प्रभाव सोलर पैनल के प्रदर्शन पर कुछ हद तक पड़ता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे पूरी तरह से बंद हो जाते हैं। सोलर पैनल सूरज की रोशनी पर निर्भर होते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि केवल सीधी धूप में ही वे काम कर सकते हैं। बादल और हल्की धूप भी पैनल को ऊर्जा उत्पन्न करने का अवसर देती है। यदि आसमान में हल्के बादल हो या सूर्य की रोशनी छनकर आ रही हो, तो सोलर पैनल अपनी पूरी क्षमता से काम कर सकते हैं। हालांकि, जब आसमान पूरी तरह से बादलों से ढका होता है और धूप नहीं होती, तो पैनल का प्रदर्शन कुछ हद तक घट सकता है।

बारिश में सोलर पैनल की सीमित क्षमता

बारिश के दौरान सोलर पैनल आंशिक रूप से कार्य करते हैं। यह बिल्कुल सामान्य है क्योंकि इनकी दक्षता बारिश के कारण थोड़ी कम हो सकती है, लेकिन जब हल्की धूप आती है या बादल छंटते हैं, तो पैनल फिर से अपनी कार्यक्षमता बढ़ा सकते हैं। कुछ ऐसे स्थान होते हैं जहां पर वर्षा के बावजूद, पैनल पूरी तरह से काम करते रहते हैं क्योंकि वे बादल से छानकर आने वाली रोशनी से भी ऊर्जा उत्पन्न कर सकते हैं। इस प्रकार, सोलर पैनल बारिश के दौरान पूरी तरह से निष्क्रिय नहीं होते, बल्कि उनका प्रदर्शन मौसम के अनुसार बदलता रहता है।

बारिश और पैनल की सफाई

बारिश का एक सकारात्मक पहलू यह है कि यह पैनल की सतह पर जमी हुई धूल और गंदगी को धो देती है, जिससे पैनल की कार्यक्षमता में सुधार हो सकता है। धूल और गंदगी पैनल के प्रदर्शन को बाधित कर सकती हैं, लेकिन बारिश इसे साफ कर देती है, जिससे पैनल अधिक प्रभावी ढंग से काम कर सकते हैं। इसके अलावा, पैनल के साथ जुड़े उपकरणों की लाइफ स्पैन भी बढ़ सकती है क्योंकि उनकी सतह पर जमा गंदगी हटने से पैनल की कार्यप्रणाली में कोई रुकावट नहीं आती। इस प्रकार, बारिश सोलर पैनल के लिए एक प्राकृतिक सफाई सेवा प्रदान करती है, जिससे उनकी कार्यक्षमता और जीवनकाल दोनों में वृद्धि हो सकती है।

यह भी पढें-3kW सोलर सिस्टम की कीमत क्या है? जानें घर पर लगाने में कितना आएगा कुल खर्च

Also ReadVikram Solar IPO को मिली SEBI की हरी झंडी! ₹1,500 करोड़ के नए शेयर जल्द होंगे बाजार में जारी

Vikram Solar IPO को मिली SEBI की हरी झंडी! ₹1,500 करोड़ के नए शेयर जल्द होंगे बाजार में जारी

बारिश के दौरान पैनल की दक्षता में कमी

सोलर पैनल की दक्षता बारिश के मौसम में कुछ हद तक कम हो सकती है, खासकर जब भारी बारिश हो रही हो। हल्की बारिश के दौरान पैनल 10% से 25% तक कम प्रभावी हो सकते हैं। हालांकि, यदि बारिश की तीव्रता बहुत अधिक हो, तो पैनल की कार्यक्षमता में और अधिक कमी आ सकती है। खासकर उन क्षेत्रों में जहां भारी बारिश होती है, वहां पैनल की कार्यक्षमता पर नकारात्मक असर देखा जा सकता है। इन परिस्थितियों में, पैनल ऊर्जा उत्पादन में अस्थायी गिरावट का अनुभव कर सकते हैं, लेकिन जब बारिश बंद होती है और आसमान साफ होता है, तो पैनल फिर से अपनी क्षमता के अनुसार ऊर्जा उत्पादन करना शुरू कर देते हैं।

सर्दी और बारिश के दौरान सोलर पैनल का प्रदर्शन

सर्दियों में, विशेषकर जब बारिश और बर्फबारी हो रही हो, तो सूर्य की रोशनी काफी कम हो सकती है। इस मौसम में सोलर पैनल का प्रदर्शन कुछ हद तक घट सकता है। हालांकि, पैनल इस मौसम में भी ऊर्जा उत्पन्न कर सकते हैं, लेकिन उनका प्रदर्शन उतना प्रभावी नहीं हो सकता। यह विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, जहां सूर्य की रोशनी बहुत कम उपलब्ध होती है। ऐसे क्षेत्रों में, सोलर पैनल की कार्यक्षमता अधिक प्रभावित हो सकती है क्योंकि सूर्य की किरणें दुर्लभ होती हैं और बर्फ या पानी पैनल की सतह पर जमा हो सकता है।

उच्च आर्द्रता और पैनल की गुणवत्ता

बारिश के बाद हवा में आर्द्रता (Humidity) बढ़ जाती है, और यदि सोलर पैनल की गुणवत्ता अच्छी नहीं है, तो यह इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर असर डाल सकता है। उच्च गुणवत्ता वाले सोलर पैनल में जलरोधक (Waterproof) और मजबूत डिज़ाइन होते हैं, जो उच्च आर्द्रता को सहन करने में सक्षम होते हैं। इससे पैनल की कार्यप्रणाली पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता और वे सामान्य रूप से काम करते रहते हैं। अच्छी गुणवत्ता वाले सोलर पैनल की यह विशेषता उन्हें बारिश और आर्द्र वातावरण में अधिक प्रभावी बनाती है।

बारिश के दौरान क्या सोलर पैनल ज्यादा बिजली उत्पन्न करते हैं?

सोलर पैनल बारिश के दौरान ज्यादा बिजली उत्पन्न नहीं करते। हालांकि, कुछ परिस्थितियों में जब हल्की धूप आती है या बादल छंटते हैं, तो उनका प्रदर्शन बेहतर हो सकता है, लेकिन सामान्यतः बारिश के दौरान पैनल की कार्यक्षमता थोड़ी कम हो जाती है। जब बारिश बंद होती है और आसमान साफ होता है, तो पैनल का प्रदर्शन तुरंत बढ़ सकता है। हालांकि, बारिश के दौरान उनका प्रदर्शन थोड़ी कमी के साथ ही होता है, लेकिन यह उनके कार्य करने की क्षमता को पूरी तरह से खत्म नहीं करता है।

Also ReadKUSUM सोलर पंप योजना Phase II: किसानों को मिल रही 60% तक सब्सिडी! तुरंत करें आवेदन!

KUSUM सोलर पंप योजना Phase II: किसानों को मिल रही 60% तक सब्सिडी! तुरंत करें आवेदन!

Author
Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें