बिजली के बढ़ते बिल के कारण अनेक नागरिक सही से बिजली का उपयोग भी नहीं कर पाते हैं, और बिजली आज के समय में एक आम जरूरत भी बन गई है। ऐसे में बिजली बिल को कम करने के लिए और बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए सोलर एनर्जी (Solar Energy) का प्रयोग किया जा सकता है।
सोलर एनर्जी से बिजली प्राप्त करने के लिए सोलर पैनल (Solar Panel) का प्रयोग किया जाता है। सोलर पैनल के प्रयोग से यूजर अपनी बिजली की जरूरतों को आसानी से पूरा कर सकते हैं।
अगर बिजली बिल आता है 3 से 4 हजार, तो लगाएं ये वाला सोलर पैनल
सोलर पैनल का प्रयोग ज्यादातर घरों में देखा जा सकता है, लेकिन कम लोग ही सही क्षमता के सोलर पैनल को इंस्टाल करते हैं। सोलर सिस्टम को लगाने से पहले सबसे जरूरी है, कि अपने घर में बिजली की सही खपत की जानकारी प्राप्त की जाए। बिजली की खपत की जानकारी बिजली के बिल और बिजली के मीटर से आसानी से प्राप्त की जा सकती है।
यदि आपका बिजली का बिल 4 हजार रुपये तक रहता है। एवं औसतन 1 यूनिट बिजली की कीमत 8 रुपये है तो ऐसे में आपकी बिजली की खपत 500 यूनिट तक रहती है। इस प्रकार 500 यूनिट बिजली का उत्पादन करने के लिए आप 4kW के सोलर सिस्टम (4kW Solar System) को स्थापित कर सकते हैं। इस सिस्टम के द्वारा हर महीने 600 यूनिट बिजली का उत्पादन कर सकते हैं।
सोलर सिस्टम पर सरकार दे रही है सब्सिडी
केंद्र सरकार द्वारा भी नागरिकों को सोलर एनर्जी का लाभ प्राप्त करने के लिए सोलर सब्सिडी प्रदान की जा रही है, ऐसे में पीएम सूर्यघर योजना को जारी किया गया है। सरकारी योजना का लाभ प्राप्त कर कम कीमत में सोलर सिस्टम को लगाया जा सकता है। केवल ऑनग्रिड सोलर सिस्टम मतलब बिना बैटरी वाले सोलर सिस्टम को लगाने पर ही सब्सिडी दी जाती है।
इस योजना के माध्यम से 1kW सोलर सिस्टम पर 30 हजार, 2kW सोलर सिस्टम पर 60 हजार रुपये एवं 3kW से 10kW तक की क्षमता के सोलर सिस्टम पर 78 हजार रुपये की सब्सिडी सरकार द्वारा दी जाती है। पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना की आधिकारिक वेबसाइट से सब्सिडी का आवेदन कर सकते हैं।
सब्सिडी वाला सोलर सिस्टम
ऑनग्रिड सोलर सिस्टम में सोलर पैनल, सोलर इंवर्टर का प्रयोग होता है, सिस्टम में सोलर पैनल द्वारा बनाई गई बिजली को ग्रिड के साथ साझा किया जाता है। एवं ग्रिड से प्राप्त होने वाली बिजली ही उपयोग घर में किया जाता है। इस प्रकार के सिस्टम में साझा होने वाली बिजली की गणना करने के लिए नेट मीटर को जोड़ा जाता है।
सोलर सिस्टम को स्थापित करने के बाद बिजली बिल में बचत की जा सकती है। सोलर सिस्टम में प्रयोग होने वाले सभी उपकरण पर्यावरण को किसी प्रकार से नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, इनके प्रयोग से कोई प्रदूषण उत्पन्न नहीं होता है।