
भारत में बढ़ती बिजली की मांग और रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) की ओर बढ़ता रुझान अब घर-घर में ऊर्जा आत्मनिर्भरता की सोच को जन्म दे रहा है। खासतौर पर PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana जैसी योजनाओं ने लोगों को अपने घरों में सोलर सिस्टम लगाने के लिए प्रोत्साहित किया है। आज भारत के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सोलर एनर्जी (Solar Energy) को एक व्यवहारिक और किफायती विकल्प के रूप में अपनाया जा रहा है। लेकिन आपके लिए कौन-सा सोलर सिस्टम उपयुक्त रहेगा, यह जानना आवश्यक है।
ग्रामीण भारत में बिजली की खपत और सोलर सिस्टम की जरूरत
ग्रामीण भारत की बात करें तो वहां के घरों में बिजली की औसत मासिक खपत लगभग 39.3 यूनिट (kWh) होती है। यह खपत मुख्य रूप से एलईडी बल्ब, पंखे, छोटे फ्रिज और मोबाइल चार्जिंग जैसे सीमित उपकरणों से होती है।
इस सीमित खपत को देखते हुए, ग्रामीण परिवारों के लिए 1.5 से 2 किलोवाट (kW) का सोलर सिस्टम पूरी तरह से उपयुक्त होता है। इतना सिस्टम प्रतिदिन 4 से 8 यूनिट बिजली उत्पन्न कर सकता है, जिससे उनकी सारी घरेलू जरूरतें पूरी हो सकती हैं। इसके जरिए न केवल बिजली बिल में कमी आती है, बल्कि बिजली कटौती की समस्या से भी राहत मिलती है।
शहरी इलाकों में बिजली की अधिक मांग और समाधान
शहरी भारत में बिजली की खपत अपेक्षाकृत अधिक है। एक सामान्य शहरी घर की औसत मासिक खपत लगभग 97 यूनिट (kWh) तक पहुंच जाती है। इसके पीछे प्रमुख कारण हैं – रेफ्रिजरेटर, टीवी, वॉशिंग मशीन, माइक्रोवेव और एसी जैसे उच्च ऊर्जा खपत करने वाले उपकरणों का उपयोग।
ऐसे में शहरी घरों के लिए 2 से 3 किलोवाट (kW) का सोलर सिस्टम एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। यह सिस्टम प्रतिदिन 8 से 12 यूनिट बिजली उत्पन्न करने में सक्षम होता है, जिससे घर की अधिकांश ऊर्जा जरूरतें सोलर पैनल से पूरी हो जाती हैं।
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सोलर सिस्टम की क्षमता का निर्धारण कैसे करें?
भारत में औसतन 1 किलोवाट का सोलर सिस्टम प्रतिदिन लगभग 4 यूनिट बिजली उत्पन्न करता है। इस आधार पर आप अपनी मासिक बिजली खपत के हिसाब से उपयुक्त सोलर सिस्टम की क्षमता चुन सकते हैं।
उदाहरण के लिए, यदि आपकी मासिक खपत 100 यूनिट से कम है, तो 1 से 2 किलोवाट (kW) का सोलर सिस्टम पर्याप्त होगा। वहीं यदि आपकी खपत 100 से 200 यूनिट के बीच है, तो 2 से 3 किलोवाट (kW) का सिस्टम लगवाना बेहतर होगा।
इस तरह आप अपने बिजली बिल को काफी हद तक शून्य के करीब ला सकते हैं और लंबे समय तक सौर ऊर्जा का लाभ उठा सकते हैं।
सब्सिडी और मुफ्त बिजली का सीधा फायदा
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (PM Surya Ghar Yojana) के तहत केंद्र सरकार घरों में सोलर पैनल लगाने के लिए सीधी सब्सिडी प्रदान कर रही है। यह सब्सिडी आपकी बिजली खपत के आधार पर तय होती है।
यदि आपकी मासिक खपत 0 से 150 यूनिट है, तो आपको ₹30,000 से ₹60,000 तक की सब्सिडी मिल सकती है। वहीं 150 से 300 यूनिट की खपत पर ₹60,000 से ₹78,000 तक की सहायता राशि मिलती है।
खास बात यह है कि इस योजना के अंतर्गत हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली भी प्रदान की जाती है, जिससे आपको बिजली बिल देने की जरूरत नहीं पड़ती। यह योजना सीधे तौर पर आर्थिक बचत और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है।
आगरा जैसे शहरों के लिए कौन-सा विकल्प सही रहेगा?
उत्तर प्रदेश के आगरा जैसे शहरों में, जहां बिजली की खपत अधिकतर परिवारों में 100 से 200 यूनिट के बीच रहती है, वहां 2 से 3 किलोवाट (kW) का सोलर सिस्टम पूरी तरह उपयुक्त रहेगा।
यदि किसी घर की खपत 100 यूनिट से कम है, तो 1.5 से 2 किलोवाट का सिस्टम काफी होगा। इन दोनों ही स्थितियों में सरकारी सब्सिडी का लाभ लिया जा सकता है और बिजली बिल में भारी कमी देखी जा सकती है।
आगरा जैसे शहरों में सोलर पैनल की मांग तेजी से बढ़ रही है, और स्थानीय विक्रेताओं के पास अब सरकारी योजना के तहत इंस्टॉलेशन की सुविधा भी उपलब्ध है।
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सोलर सिस्टम लगवाने की प्रक्रिया और शुरुआत कैसे करें?
सोलर सिस्टम लगवाने के लिए सबसे पहला कदम है – अपने घर की पिछले 12 महीनों की बिजली खपत की जांच करना। इसके आधार पर आप सटीक रूप से यह तय कर सकते हैं कि आपको कितनी क्षमता का सोलर सिस्टम चाहिए।
इसके बाद pmsuryaghar.gov.in पर जाकर योजना में आवेदन करें। यहां से आपको सब्सिडी की पात्रता की जानकारी भी मिलती है। फिर किसी स्थानीय अधिकृत विक्रेता से संपर्क करें जो आपके घर में सोलर पैनल स्थापित करेगा और सब्सिडी की प्रक्रिया को पूरा करेगा।
यह एक ऐसी पहल है जो एक बार की गई निवेश से लंबे समय तक लाभ पहुंचाती है, साथ ही पर्यावरण के प्रति आपकी ज़िम्मेदारी को भी दर्शाती है।