
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान यानी PM Kusum Scheme को लेकर केंद्र सरकार ने एक बार फिर किसानों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में इस वित्तीय वर्ष के दौरान 1100 सोलर सिंचाई पंप लगाए जाएंगे। योजना का क्रियान्वयन पहले आओ, पहले पाओ (First Come, First Serve) के आधार पर किया जा रहा है, ऐसे में जो किसान जल्दी आवेदन करेंगे उन्हें प्राथमिकता मिलेगी।
किसानों के लिए बड़ा मौका, सोलर पंप पर 60% तक सब्सिडी
PM Kusum Yojana के तहत किसानों को सोलर पंप पर अधिकतम 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी। यह सब्सिडी अधिकतम ₹2.66 लाख तक हो सकती है। इससे किसानों को डीजल और बिजली से चलने वाले पंपों की लागत से मुक्ति मिलेगी और वे स्वच्छ व सस्ती सिंचाई सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।
योजना के तहत सोलर पंप की कुल लागत, अनुदान और किसानों के अंशदान का विवरण इस प्रकार है:
2 हार्स पावर (HP) के सोलर पंप की कुल लागत ₹1,71,716 है, जिसमें किसानों को ₹1.03 लाख का अनुदान मिलेगा, और उन्हें ₹63,686 खर्च करना होगा।
3 हार्स पावर (HP) के सोलर पंप की कुल लागत ₹2,32,721 है, जिसमें ₹1.38 लाख का अनुदान मिलेगा, और किसान को ₹87,178 का अंश देना होगा।
10 हार्स पावर (HP) के सोलर पंप की कुल लागत ₹5,57,620 है, जिसमें सरकार की तरफ से अधिकतम अनुदान ₹2.66 लाख मिलेगा, जबकि किसान को ₹2.86 लाख के साथ ₹5,000 की टोकन राशि जमा करनी होगी।
28 फरवरी से शुरू हुए रजिस्ट्रेशन, ऑनलाइन आवेदन जरूरी
कृषि विभाग के उप निदेशक अरविंद मोहन मिश्र ने जानकारी दी है कि इस योजना के तहत आवेदन की प्रक्रिया 28 फरवरी से शुरू हो चुकी है। इच्छुक किसान pmkusum.upagriculture.com वेबसाइट पर जाकर अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। योजना पूरी तरह से डिजिटल प्रक्रिया के तहत चलाई जा रही है जिससे पारदर्शिता बनी रहे और लाभार्थियों को समय पर लाभ मिल सके।
सौर ऊर्जा-Solar Energy से किसानों को दीर्घकालिक फायदा
PM Kusum Scheme का मुख्य उद्देश्य किसानों को रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy से जोड़ना है। इससे न सिर्फ उनकी उत्पादन लागत में कमी आएगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी सहयोग मिलेगा।
सोलर पंप से सिंचाई करने पर किसानों को बिजली बिल से मुक्ति मिलेगी और डीजल पर होने वाला खर्च भी बचेगा। ये पंप वर्षों तक बिना किसी अतिरिक्त खर्च के काम करते हैं, जिससे यह एक दीर्घकालिक समाधान बन जाता है। इसके अलावा, सोलर पंप प्रदूषण मुक्त होते हैं, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आती है और वातावरण स्वच्छ बना रहता है।
आत्मनिर्भर किसान, सस्ती सिंचाई और पर्यावरण संरक्षण
PM Kusum Yojana के माध्यम से केंद्र सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनने में मदद कर रही है। सोलर पंप की मदद से किसान सिंचाई पर होने वाले खर्च को बचा सकते हैं और अतिरिक्त बचत का उपयोग खेती के अन्य क्षेत्रों में कर सकते हैं। साथ ही, यह योजना पर्यावरण अनुकूल कृषि को बढ़ावा देती है।
पीएम सूर्य घर योजना से भी मिल रहा है लाभ
केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत किसानों के साथ-साथ आम नागरिकों को भी सब्सिडी पर सोलर पैनल उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली बचत के साथ-साथ आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है। इसका लाभ लेने वाले किसान अपनी घरेलू बिजली जरूरतें पूरी कर रहे हैं और अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में बेचकर आमदनी भी कमा रहे हैं।
क्या है पीएम कुसुम योजना का उद्देश्य
PM Kusum Yojana का उद्देश्य सौर ऊर्जा को आम किसानों के लिए सुलभ और किफायती बनाना है। इस योजना के तहत किसानों को न केवल सोलर सिंचाई पंप पर सब्सिडी मिलती है, बल्कि उन्हें सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने में भी सहयोग मिलता है, जिससे वे अपनी खुद की बिजली उत्पन्न कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में बेच भी सकते हैं।
इस योजना का व्यापक प्रभाव ग्रामीण भारत में देखने को मिल रहा है, जहां बिजली की उपलब्धता सीमित है। सरकार का लक्ष्य किसानों को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर ले जाना है और खेती को टिकाऊ बनाना है।