
सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया-SECI के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर रमेश्वर प्रसाद गुप्ता को सरकार ने उनके कार्यकाल की समाप्ति से पहले ही पद से हटा दिया है। यह निर्णय तब आया है जब गुप्ता का कार्यकाल लगभग एक महीने शेष था। यह कदम भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (DoPT) द्वारा 10 मई 2025 को जारी एक आदेश के माध्यम से लिया गया।
इसे लेकर कार्मिक मंत्रालय द्वारा शनिवार को एक नोटिफिकेशन में कहा गया की भारतीय सौर ऊर्जा निगम (SECI) के अध्यक्ष को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। हालाँकि आदेश में इस बर्खास्तगी का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है, लेकिन कई हालिया विवाद इसकी पृष्ठभूमि में देखे जा रहे हैं।
रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में SECI की भूमिका
गुप्ता को अप्रैल 2023 में सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के CMD के रूप में नियुक्त किया गया था। SECI भारत में Renewable Energy को बढ़ावा देने वाली एक प्रमुख सरकारी संस्था है, और यह सौर, पवन और हाइब्रिड एनर्जी परियोजनाओं को विकसित करने में अहम भूमिका निभाती है। गुप्ता के कार्यकाल में SECI ने कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं की शुरुआत की और सोलर सेक्टर को IPO के ज़रिए सार्वजनिक करने की भी योजना बनाई गई थी।
रिलायंस पावर विवाद
दिसंबर 2024 में SECI ने रिलायंस पावर को एक बड़ी Renewable Energy बोली प्रक्रिया से प्रतिबंधित कर दिया था। यह प्रतिबंध कथित नियम उल्लंघन के चलते लगाया गया था, लेकिन रिलायंस पावर ने इसे अदालत में चुनौती दी और आदेश के बाद कंपनी को फिर से बोली में शामिल होने की अनुमति दे दी गई। इस फैसले को लेकर सरकार के भीतर असहमति मानी जा रही है, जिसने गुप्ता की भूमिका को कठघरे में ला दिया।
अडानी विवाद और विदेशी जांच की गूंज
SECI पिछले कुछ महीनों से एक और विवाद के घेरे में है जिसमें अडानी समूह के साथ जुड़ा एक बड़ा सोलर प्रोजेक्ट भी शामिल रहा। अमेरिका की एक जांच एजेंसी द्वारा इस प्रोजेक्ट में रिश्वत और अनुचित लाभ के आरोप लगाए गए हैं। यह आरोप मुख्य रूप से भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और अनुचित लाभ उठाने से जुड़े हैं, जो एक बड़े Renewable Energy प्रोजेक्ट से संबंधित हैं, जिसमें सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) भी एक पक्ष रहा है।
यह भी देखें: सिर्फ ₹12 का ये शेयर बना सकता है लखपति! Orient Green Power में दिख रहा है जबरदस्त धमाका आने वाले दिनों में!
इस मामले में आरोप यह हैं कि कुछ विदेशी उपकरण आपूर्तिकर्ताओं और भारतीय कंपनियों के बीच क्लियरेंस और कॉन्ट्रैक्ट डीलिंग में अनियमितता हुई। जांचकर्ताओं का दावा है कि प्रोजेक्ट मंजूरी, टेंडर अलॉटमेंट और पेमेंट प्रोसेसिंग में अधिकारियों को प्रभावित करने के लिए आर्थिक लाभ दिए गए। अडानी समूह पर विशेष रूप से इस आरोप की जांच हो रही है कि कहीं उनकी ओर से किसी तरह की अवैध भुगतान प्रक्रिया तो नहीं अपनाई गई।
गुप्ता की भूमिका पर भी उठे सवाल
हालांकि यह समझौता SECI में रमेश्वर प्रसाद गुप्ता के कार्यकाल से पहले हुआ था, लेकिन चूंकि मामला अब उजागर हुआ है, इसलिए संस्था की विश्वसनीयता और पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए हैं। SECI ने सार्वजनिक रूप से किसी भी गलत कार्यवाही से इनकार किया है और कहा है कि वह जांच में पूरी तरह सहयोग कर रहा है। इस मामले से SECI की साख पर असर पड़ने के साथ-साथ गुप्ता की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं।
आईपीओ की योजना और सरकार की बेरुखी
गुप्ता ने SECI को IPO के माध्यम से शेयर बाजार में लाने की घोषणा की थी, जिससे Renewable Energy फंडिंग को बढ़ावा मिलने की संभावना थी। लेकिन सरकार ने अब तक इस प्रस्ताव को औपचारिक रूप से स्वीकृति नहीं दी है। जानकारों का मानना है कि सरकार गुप्ता के विजन से पूरी तरह सहमत नहीं थी, जिसके चलते उनकी समय से पहले विदाई की गई।
यह भी देखें: Onix Solar Energy Ltd: इस सोलर शेयर में दिया 5 साल में 5,103.41% का रिटर्न, अब भी भरेगा जेब
नए चेयरमैन की संभावित नियुक्ति
गुप्ता के पद से हटाए जाने के बाद से यह भी सवाल उठ रहे हैं की नए चेयरमेन के लिए किसे नियुक्त किया जाएगा। सरकार ने अभी तक SECI के नए चेयरमैन की घोषणा नहीं की है। हालांकि, SECI के वरिष्ठ अधिकारियों में से किसी को अंतरिम रूप से यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है, या फिर सरकार किसी अनुभवी आईएएस अधिकारी को इस पद के लिए नियुक्त कर सकती है। SECI की आधिकारिक वेबसाइट पर वर्तमान में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और वरिष्ठ अधिकारियों की सूची उपलब्ध है, जिससे संभावित उम्मीदवारों के बारे में जानकारी मिल सकती है ।