बैटरियों की छुट्टी! आ रहे हैं हाई-पावर सोलर सेल, पूरी तरह बदल देंगे एनर्जी स्टोरेज सिस्टम

Ambient Photonics की Dye-Sensitized Solar Cells तकनीक छोटे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए एक सशक्त, पर्यावरण-सम्मत विकल्प प्रदान करती है। यह तकनीक पारंपरिक बैटरियों की तुलना में 90% कम कार्बन उत्सर्जन करती है और कम रोशनी में भी कार्य करने में सक्षम है। कंपनी का लक्ष्य लाखों सेल्स का उत्पादन कर इस तकनीक को वैश्विक स्तर पर लाना है।

Photo of author

Written by Rohit Kumar

Published on

बैटरियों की छुट्टी! आ रहे हैं हाई-पावर सोलर सेल, पूरी तरह बदल देंगे एनर्जी स्टोरेज सिस्टम
Ambient Photonics

Ambient Photonics ने Renewable Energy की दुनिया में एक नया अध्याय जोड़ा है, जहां यह कंपनी डाई-सेंसिटाइज्ड सोलर सेल्स के माध्यम से छोटे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बिजली प्रदान करने की दिशा में अग्रसर है। यह वही तकनीक है जो हाई स्कूल विज्ञान प्रयोगों में छात्रों द्वारा बेरीज़ की मदद से बनाई जाती है, लेकिन Ambient Photonics ने इसे औद्योगिक स्तर पर अत्याधुनिक तरीके से अपनाया है।

कैलिफोर्निया के स्कॉट्स वैली में स्थित इस कंपनी की फैक्ट्री में विंडो ग्लास जितने बड़े शीट्स को ऑटोमेटेड असेंबली लाइन के ज़रिए Dye-Sensitized Solar Cells में बदला जाता है। यह सोलर सेल्स इतनी सक्षम हैं कि ये छोटे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ जैसे रिमोट, सेंसर, शेल्फ डिस्प्ले और लेनोवो (Lenovo) द्वारा हाल ही में लॉन्च किए गए कीबोर्ड तक को संचालित कर सकते हैं।

इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट और बैटरी पर निर्भरता में कटौती की उम्मीद

साल 2022 में दुनिया ने रिकॉर्ड 62 मिलियन टन ई-वेस्ट पैदा किया, जोकि एक चिंताजनक आंकड़ा है। ऐसे में Ambient Photonics की यह तकनीक न केवल सस्टेनेबल है, बल्कि पर्यावरणीय रूप से भी लाभकारी है। CEO बेट्स मार्शल के अनुसार, उनकी Dye-Sensitized Solar Cells पारंपरिक बैटरियों की तुलना में 90% कम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन करती हैं।

ये सोलर सेल्स प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) की प्रक्रिया की नकल करते हैं, जिसमें डाई क्लोरोफिल की तरह कार्य करता है। जब उस पर प्रकाश पड़ता है, तो इलेक्ट्रॉन्स निकलते हैं और ग्लास प्लेट्स के माध्यम से ऊर्जा उत्पन्न होती है। खास बात यह है कि ये सेल्स कम रोशनी में भी ऊर्जा उत्पन्न करने में सक्षम हैं, जो इन्हें इंडोर उपयोग के लिए उपयुक्त बनाता है।

Also Readहर दिन 8 घंटे बिजली नहीं आती? ये लो सोलर बैकअप का सस्ता इलाज

हर दिन 8 घंटे बिजली नहीं आती? ये लो सोलर बैकअप का सस्ता इलाज

छोटे उपकरणों में बड़ी क्रांति

1980 के दशक में कैलकुलेटर जैसे उपकरणों में सोलर सेल्स का इस्तेमाल होता था, लेकिन उनकी क्षमता बहुत सीमित थी। अब Ambient Photonics की Dye-Sensitized Cells तीन गुना ज्यादा ऊर्जा उत्पन्न करती हैं। इससे माउस, रिमोट और डिजिटल शेल्फ डिस्प्ले जैसे उपकरणों में बैटरियों की जरूरत खत्म की जा सकती है। इससे लॉजिस्टिक्स की जटिलताएं कम होंगी और “unnoticed footprint” को भी घटाया जा सकेगा।

आर्थिक यथार्थ और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला

कंपनी का उद्देश्य सोलर सेल्स की कीमतों को मौजूदा बैटरी तकनीक के बराबर लाना है। इसके लिए उन्होंने स्थानीय उत्पादन को प्राथमिकता दी है ताकि वैश्विक व्यापार विवादों से बचा जा सके। उदाहरण के लिए, चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वार से उपजे टैरिफ ने कई कंपनियों के लिए चिंता का विषय बना दिया है।

Ambient Photonics फिलहाल अपने पहले प्लांट से लाखों सोलर सेल्स के उत्पादन की तैयारी कर रही है, और 2026 तक यह संख्या करोड़ों में पहुंचाने का लक्ष्य है। कंपनी ने लेनोवो और तीन-चार अन्य बड़े ग्राहकों को पहले बैच की आपूर्ति भी शुरू कर दी है।

Also ReadMultibagger Stock Alert: कभी ₹15 का शेयर आज ₹1250 के पार! ₹25,000 बने ₹20 लाख – क्या आपने मिस कर दिया मौका?

Multibagger Stock Alert: कभी ₹15 का शेयर आज ₹1250 के पार! ₹25,000 बने ₹20 लाख – क्या आपने मिस कर दिया मौका?

Author
Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें