सोलर से घर चलाना है? जानिए कितनी बैटरियां लगेंगी और कौन-सी होगी सबसे बेहतर

क्या बिजली कटौती से परेशान हैं? अब सोलर एनर्जी से पाएं बिना रुकावट बिजली सप्लाई। जानिए कितनी बैटरियां चाहिए, कौन-सी तकनीक सबसे बेहतर है और कितना आएगा खर्च पढ़ें पूरी डिटेल और बनाएं घर को पूरी तरह आत्मनिर्भर!

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Written by Rohit Kumar

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सोलर से घर चलाना है? जानिए कितनी बैटरियां लगेंगी और कौन-सी होगी सबसे बेहतर
सोलर से घर चलाना है? जानिए कितनी बैटरियां लगेंगी और कौन-सी होगी सबसे बेहतर

भारत में रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy को लेकर तेजी से बढ़ती जागरूकता ने घरेलू उपयोग के लिए सोलर पैनल और सोलर बैटरी के उपयोग को काफी बढ़ावा दिया है। खासकर उत्तर भारत के क्षेत्रों जैसे अलीगढ़, उत्तर प्रदेश में जहां पूरे साल औसतन 300 से ज्यादा धूप वाले दिन होते हैं, वहां सोलर एनर्जी घर चलाने का एक व्यवहारिक और लागत-कुशल विकल्प बन चुकी है। लेकिन सवाल यह है कि एक सामान्य घर को सोलर पैनल से चलाने के लिए कितनी बैटरियों की जरूरत होती है और कौन-सी बैटरी सबसे उपयुक्त होती है?

घर की औसत बिजली खपत से तय होती है बैटरी की संख्या

किसी भी घर के लिए बैटरी की संख्या और क्षमता का निर्धारण सबसे पहले उसकी दैनिक बिजली खपत पर निर्भर करता है। यदि मान लिया जाए कि किसी सामान्य घर की रोजाना औसत खपत 10 किलोवाट-घंटे (kWh) है, तो इसका मतलब यह हुआ कि हर दिन इतने यूनिट बिजली की आवश्यकता पड़ेगी। अब अगर आप चाहते हैं कि सोलर बैकअप 2 दिनों तक बिना धूप के काम करे, तो कुल जरूरत हो जाएगी 20 kWh ऊर्जा की।

बैटरी की उपयोगी क्षमता पर आधारित होती है कुल जरूरत

सोलर बैटरियों की एक महत्वपूर्ण विशेषता होती है उनकी Depth of Discharge (DoD)। इसका मतलब है कि बैटरी की कितनी क्षमता वास्तव में उपयोग की जा सकती है। आमतौर पर लिथियम बैटरियों की DoD 80% तक होती है। यानी अगर आपको 20 kWh ऊर्जा चाहिए, तो आपको 25 kWh कुल बैटरी क्षमता की जरूरत होगी क्योंकि 25 kWh × 0.8 = 20 kWh ही उपयोग हो पाएगी।

कितनी बैटरियों से पूरा होगा बैकअप?

अब यदि आप बाजार में उपलब्ध 5 kWh क्षमता की एक बैटरी का चयन करते हैं, तो 25 kWh की आवश्यकता पूरी करने के लिए आपको कुल 5 बैटरियों की जरूरत होगी। इस प्रकार, पांच यूनिट बैटरियों के संयोजन से आप अपने घर को दो दिनों तक बिजली कटौती के दौरान भी निर्बाध रूप से चला सकते हैं।

कौन-सी बैटरियां हैं सबसे बेहतर विकल्प?

आज के समय में बैटरी तकनीक ने काफी प्रगति की है। परंपरागत लीड-एसिड बैटरियों की तुलना में लिथियम आधारित बैटरियां, विशेषकर Lithium Iron Phosphate (LiFePO₄) तकनीक पर आधारित बैटरियां, ज्यादा भरोसेमंद मानी जाती हैं। इनकी खासियत यह है कि इनमें 3000 से ज्यादा चार्ज-साइकल होते हैं, जिससे ये 8-10 साल तक बिना किसी विशेष मेंटेनेंस के काम कर सकती हैं।

LiFePO₄ बैटरियां ओवरहीटिंग, ओवरचार्जिंग और गहरे डिस्चार्ज से भी बेहतर तरीके से सुरक्षित रहती हैं, जिससे इनकी लाइफ और परफॉर्मेंस लीड-एसिड बैटरियों के मुकाबले कहीं ज्यादा होती है। यही वजह है कि अब ज्यादातर सोलर सेटअप इन्हीं बैटरियों पर आधारित होते हैं।

प्रमुख ब्रांड्स और उनकी खासियतें

बाजार में कई इंटरनेशनल और घरेलू ब्रांड्स सोलर बैटरियों की विस्तृत रेंज पेश कर रहे हैं। इनमें प्रमुख नाम Tesla, Enphase और Sonnen जैसे ब्रांड्स के हैं।

Tesla Powerwall 3 की बात करें तो यह बैटरी 13.5 kWh की क्षमता और 11.5 kW तक का पावर आउटपुट प्रदान करती है। इसमें इनबिल्ट इनवर्टर भी होता है, जिससे यह इंस्टॉलेशन के लिए आसान और कॉम्पैक्ट विकल्प बन जाती है।

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Enphase IQ बैटरियां मॉड्यूलर डिज़ाइन के साथ आती हैं, जिनकी क्षमता 3.36 kWh से शुरू होकर 10.08 kWh तक होती है। उपयोगकर्ता अपनी जरूरत के अनुसार इन बैटरियों को आपस में जोड़कर सिस्टम को कस्टमाइज़ कर सकते हैं।

SonnenBatterie जर्मन ब्रांड है जो स्मार्ट एनर्जी मैनेजमेंट सिस्टम के लिए मशहूर है। ये बैटरियां उच्च गुणवत्ता और बेहतरीन परफॉर्मेंस के लिए जानी जाती हैं और कई बार स्मार्टफोन ऐप्स के माध्यम से इन्हें मॉनिटर भी किया जा सकता है।

कितनी आती है लागत? जानें संभावित खर्च

भारत में LiFePO₄ बैटरियों की कीमत ₹7,000 से ₹15,000 प्रति kWh के बीच होती है, जो बैटरी के ब्रांड, क्षमता और फीचर्स पर निर्भर करती है। अगर आपको 25 kWh की बैटरी बैंक चाहिए, तो इसकी कुल लागत ₹1,75,000 से ₹3,75,000 तक हो सकती है।

यह निवेश देखने में ज्यादा लग सकता है, लेकिन दीर्घकालिक नजरिए से देखा जाए तो यह एक स्थायी समाधान है, जो आपके बिजली बिलों को काफी हद तक कम कर सकता है और पावर कट्स के दौरान घर को पूरी तरह आत्मनिर्भर बना सकता है।

अलीगढ़ में सोलर एनर्जी का उज्ज्वल भविष्य

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जैसे शहरों में सोलर एनर्जी की संभावनाएं बहुत प्रबल हैं। यहां धूप की भरपूर उपलब्धता और रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy को लेकर सरकार की सब्सिडी योजनाएं इसे और भी आकर्षक विकल्प बनाती हैं।

स्थानीय कंपनियां जैसे Su-Kam Power Systems इंस्टॉलेशन से लेकर सर्विस तक की सुविधा देती हैं, जिससे न सिर्फ लागत में कमी आती है बल्कि भरोसेमंद सेवा भी सुनिश्चित होती है। स्थानीय संपर्क से आप अपने क्षेत्र के लिए उपयुक्त समाधान प्राप्त कर सकते हैं।

वीडियो से लें अतिरिक्त मार्गदर्शन

यदि आप अपने घर के लिए सही सोलर बैटरी चुनने में उलझन में हैं, तो यह वीडियो जरूर देखें। इसमें विस्तार से बताया गया है कि बैटरी की क्षमता और तकनीक का चयन कैसे करें।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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