
भारत में Renewable Energy के प्रति जागरूकता और सरकारी प्रोत्साहन योजनाओं के चलते अब आम लोग भी अपने घरों पर सोलर पैनल लगवाने की दिशा में तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में सबसे सामान्य सवाल यह आता है कि 6 सोलर पैनल कितने kW के होते हैं? और क्या ये एक सामान्य घर की बिजली जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि 6 सोलर पैनलों की क्षमता, लागत, जगह की जरूरत और इनसे होने वाला बिजली उत्पादन कितना होता है।
6 सोलर पैनलों की क्षमता कितनी होती है?
सोलर पैनलों की कुल क्षमता इस बात पर निर्भर करती है कि प्रति पैनल कितनी वॉटेज की ऊर्जा उत्पादन क्षमता है। बाजार में फिलहाल 330W से लेकर 550W तक के पैनल आसानी से उपलब्ध हैं। अगर किसी ने 6 सोलर पैनल लगाए हैं, तो उनकी कुल क्षमता अलग-अलग हो सकती है।
यदि प्रत्येक पैनल की क्षमता 330W है, तो 6 पैनलों से 1.98 kW की कुल ऊर्जा मिलेगी। इसी तरह, 400W पैनल होने पर 2.4 kW, 500W पर 3.0 kW और 550W के पैनलों से 3.3 kW की कुल क्षमता प्राप्त होती है। यानी यह स्पष्ट है कि 6 सोलर पैनलों से औसतन 2 kW से 3.3 kW तक की बिजली पैदा की जा सकती है।
6 kW सोलर सिस्टम के लिए कितने पैनल चाहिए?
यदि आपका लक्ष्य 6 kW की क्षमता वाला सोलर सिस्टम लगाना है, तो उसके लिए कितने पैनलों की जरूरत होगी, यह इस बात पर निर्भर करता है कि एक पैनल कितने वॉट का है।
यदि आप 330W के सोलर पैनल लगाते हैं, तो 6,000W की आवश्यकता को पूरा करने के लिए लगभग 18 पैनलों की जरूरत पड़ेगी। वहीं 400W के पैनलों की स्थिति में 15 पैनल, 500W पैनलों के साथ 12 पैनल और 550W पैनलों के लिए लगभग 11 पैनल काफी होंगे।
इससे यह साबित होता है कि 6 kW सोलर सिस्टम को स्थापित करने के लिए कम से कम 12 और अधिकतम 18 पैनलों की जरूरत होती है।
6 kW सोलर सिस्टम से कितनी बिजली बनती है?
एक 6 kW सोलर सिस्टम औसतन रोजाना 24 से 30 यूनिट तक बिजली उत्पन्न कर सकता है। यह उत्पादन स्थान, मौसम की स्थिति और सौर विकिरण की तीव्रता पर निर्भर करता है।
भारत जैसे देश में जहां धूप भरपूर मिलती है, वहां यह सिस्टम एक सामान्य मध्यमवर्गीय घर की दैनिक बिजली आवश्यकता को पूरी तरह से कवर करने में सक्षम होता है। यह बिजली लाइट, पंखा, फ्रिज, टीवी, वॉशिंग मशीन जैसी घरेलू जरूरतों को पूरा कर सकती है।
6 kW सोलर सिस्टम के लिए कितनी जगह चाहिए?
सोलर पैनल को लगाने के लिए आपके पास छत पर पर्याप्त जगह होना आवश्यक है। प्रति पैनल औसतन 1.6 मीटर लंबा और 1 मीटर चौड़ा होता है।
यदि आप 330W के 18 पैनल लगाते हैं, तो लगभग 28.8 वर्ग मीटर जगह की आवश्यकता होगी। वहीं 400W के 15 पैनलों के लिए 24 वर्ग मीटर, और 500W के 12 पैनलों के लिए लगभग 19.2 वर्ग मीटर जगह चाहिए।
इसलिए यदि आप 6 kW का सोलर सिस्टम लगवाने की सोच रहे हैं, तो छत पर कम से कम 20 से 30 वर्ग मीटर की खाली और धूप वाली जगह होनी चाहिए।
6 kW सोलर सिस्टम की कीमत कितनी होती है?
भारत में 6 kW सोलर सिस्टम की लागत कई फैक्टर्स पर निर्भर करती है – जैसे पैनल का प्रकार, इन्वर्टर की गुणवत्ता, इंस्टॉलेशन चार्ज और बैटरी बैकअप की जरूरत।
पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल का 6 kW सिस्टम ₹1.60 लाख से ₹1.80 लाख के बीच में आ सकता है। वहीं, यदि आप मोनोक्रिस्टलाइन पैनल चुनते हैं, तो यह लागत ₹1.80 लाख से ₹2.00 लाख तक पहुंच सकती है।
यदि आप बैटरी बैकअप भी चाहते हैं, तो अतिरिक्त ₹50,000 से ₹1 लाख का खर्च और जुड़ सकता है। सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी के बाद इस लागत में और भी राहत मिल सकती है।
सब्सिडी और सरकारी सहायता
भारत सरकार और राज्य सरकारें सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए MNRE (Ministry of New and Renewable Energy) के तहत कई प्रकार की सब्सिडी योजनाएं चला रही हैं। आवासीय सोलर सिस्टम पर सामान्यतः 20% से 40% तक की सब्सिडी दी जाती है, जिससे आम उपभोक्ता सस्ती दरों में सोलर सिस्टम लगवा सकते हैं।
यदि आप सोलर पैनल सिस्टम लगवाने की सोच रहे हैं, तो राज्य की ऑफिशियल वेबसाइट या डिस्कॉम (DISCOM) से सब्सिडी से जुड़ी जानकारी जरूर लें।
क्या 6 सोलर पैनल पर्याप्त हैं?
साफ तौर पर कहा जाए तो 6 सोलर पैनल अगर 500W से ज्यादा के हैं, तो वे 3 kW तक की बिजली उत्पन्न कर सकते हैं। लेकिन यदि आपका लक्ष्य पूरा 6 kW सिस्टम लगवाने का है, तो आपको 12 से 18 पैनल्स की जरूरत होगी।
बिजली उत्पादन, लागत, और जगह की जरूरत जैसे तमाम फैक्टर्स को ध्यान में रखकर ही आप अपने घर के लिए सही सोलर सिस्टम का चुनाव करें।