घर के लोड के हिसाब से बैटरी और सोलर पैनल चुनना सीखें – पूरा कैलकुलेशन देखें

अगर आप भी बिजली के बढ़ते बिल से परेशान हैं और सोलर सिस्टम लगाने की सोच रहे हैं, तो इस आसान गाइड को जरूर पढ़ें – जानिए कैसे केवल 4 स्टेप्स में सही Solar Panel, Battery और Inverter का चुनाव करें!

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Written by Rohit Kumar

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घर के लोड के हिसाब से बैटरी और सोलर पैनल चुनना सीखें – पूरा कैलकुलेशन देखें
घर के लोड के हिसाब से बैटरी और सोलर पैनल चुनना सीखें – पूरा कैलकुलेशन देखें

घर के लिए Solar Panel और Battery कैसे चुनें, यह सवाल आज के दौर में हर उस व्यक्ति के मन में उठ रहा है जो बिजली के बढ़ते बिलों से परेशान है या फिर पर्यावरण की रक्षा के लिए रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy की ओर बढ़ना चाहता है। भारत जैसे देश में, जहां सूरज की रोशनी साल के अधिकतर दिनों में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध रहती है, वहां सोलर एनर्जी एक प्रभावी और किफायती विकल्प बनकर उभरी है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि जब भी कोई उपभोक्ता घर के लिए सोलर सिस्टम लगाने की योजना बनाए, तो वह एक सूचित और सही निर्णय ले सके।

सबसे पहले जानिए आपके घर की कुल विद्युत खपत

Solar Panel लगाने की योजना की शुरुआत होती है घर की विद्युत खपत को समझने से। इसके लिए यह जानना जरूरी है कि आपके घर में प्रतिदिन कितनी बिजली खर्च होती है। आमतौर पर लोग इसे अंदाजे से तय करते हैं, लेकिन सही आंकलन के लिए हर उपकरण की पावर रेटिंग और रोजाना इस्तेमाल का समय जोड़ना होता है। उदाहरण के तौर पर, अगर आपके घर में दो पंखे हैं जिनकी रेटिंग 70W है और वे दिन में 6 घंटे चलते हैं, तो यह 840 Wh की खपत करेगा। इसके अलावा एक 100W का टीवी अगर 4 घंटे चलता है तो 400 Wh, और चार 10W के LED बल्ब 5 घंटे जलते हैं तो 200 Wh और जुड़ेंगे। इस प्रकार कुल खपत होती है 1,440 Wh प्रतिदिन।

Solar Panel की क्षमता कैसे निर्धारित करें?

जब आपके पास प्रतिदिन की खपत का आंकड़ा आ जाए, तो अगला कदम होता है यह तय करना कि कितनी क्षमता का सोलर पैनल चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि आप अपने क्षेत्र में औसतन मिलने वाले सौर घंटे (Solar Sunlight Hours) का अनुमान लगाएं। भारत में आमतौर पर 5 घंटे की औसत धूप मान ली जाती है। ऐसे में यदि आपकी खपत 1,440 Wh है, तो इसे 5 से विभाजित करने पर 288W की जरूरत सामने आती है। लेकिन यह आदर्श स्थिति होती है, क्योंकि धूप की गुणवत्ता, मौसम, छाया और धूल जैसे कई कारक वास्तविक उत्पादन को प्रभावित करते हैं। इसलिए 25% का सुरक्षा मार्जिन जोड़ते हुए यह जरूरत 360W तक पहुंच जाती है। यानी कम से कम 360W क्षमता का Solar Panel होना जरूरी है।

Battery का चुनाव सोच-समझ कर करें

सोलर सिस्टम की रीढ़ होती है बैटरी, जो सूरज के ना निकलने की स्थिति में भी बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करती है। बैटरी की क्षमता वाट-घंटे (Wh) को वोल्टेज से विभाजित कर के एम्पीयर-घंटे (Ah) में बदली जाती है। अगर 1,440 Wh की खपत है और आप 12V की बैटरी इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो आवश्यक क्षमता 120 Ah होगी। लेकिन बैटरी को पूरी तरह डिस्चार्ज करना संभव नहीं होता। अधिकांश बैटरियों में Depth of Discharge (DoD) लगभग 80% तक सुरक्षित माना जाता है, यानी आपको अधिक क्षमता की जरूरत होगी। साथ ही अगर आप दो दिनों तक बैकअप चाहते हैं, तो क्षमता बढ़ाकर 288 Ah तक करनी होगी। इसलिए 288 Ah की बैटरी चुनना सबसे उपयुक्त रहेगा।

Inverter की सही क्षमता का निर्धारण

Inverter का काम होता है बैटरी में संग्रहीत DC पावर को घर में इस्तेमाल होने वाली AC पावर में बदलना। इसके लिए यह जानना जरूरी होता है कि आपके घर में एक साथ कितने उपकरण चल सकते हैं। जैसे यदि एक साथ दो पंखे, एक टीवी और चार बल्ब चलने की संभावना है, तो कुल पावर खपत 260W होगी। इस पर 30% का सुरक्षा मार्जिन जोड़ते हुए कुल आवश्यकता 338W तक पहुंच जाती है। ऐसे में कम से कम 350W का Inverter लेना जरूरी हो जाता है ताकि पावर ट्रिपिंग जैसी समस्या न आए।

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सोलर सिस्टम की प्लानिंग करते समय किन बातों का रखें ध्यान

सोलर सिस्टम की प्लानिंग सिर्फ सोलर पैनल और बैटरी खरीदने तक सीमित नहीं होती। यह एक व्यापक प्रक्रिया है जिसमें मौजूदा खपत के साथ-साथ भविष्य की जरूरतों का भी ध्यान रखना जरूरी होता है। अगर आप आने वाले समय में घर में और उपकरण जोड़ने वाले हैं, तो बेहतर होगा कि थोड़ी अधिक क्षमता वाला सिस्टम लगवाएं ताकि आपको बार-बार अपग्रेड न करना पड़े।

साथ ही, लोकल डीलर्स से बातचीत करते समय ब्रांड की गुणवत्ता, वारंटी, AMC और सर्विस सपोर्ट जैसे पहलुओं की पूरी जानकारी लें। उच्च गुणवत्ता वाले पैनल, बैटरी और इन्वर्टर लंबे समय तक टिकाऊ रहते हैं और ज्यादा मेंटेनेंस की जरूरत नहीं होती। इसके अलावा, सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी और नेट मीटरिंग जैसी योजनाओं का भी फायदा उठाना न भूलें।

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Rohit Kumar
रोहित कुमार सोलर एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें इस क्षेत्र में 7 वर्षों का गहन अनुभव है। उन्होंने सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, सौर ऊर्जा की अर्थव्यवस्था, सरकारी योजनाओं, और सौर ऊर्जा नवीनतम तकनीकी रुझानों पर शोधपूर्ण और सरल लेखन किया है। उनका उद्देश्य सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और पाठकों को ऊर्जा क्षेत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना है। अपने लेखन कौशल और समर्पण के कारण, वे सोलर एनर्जी से जुड़े विषयों पर एक विश्वसनीय लेखक हैं।

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