सोलर एनर्जी का उपयोग करने के लिए सोलर सिस्टम स्थापित करना सबसे अच्छा विकल्प है। बढ़ते बिजली के दामों और नई योजनाओं के कारण इसका उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। एक पूरे सोलर सिस्टम में सोलर पैनल के अलावा कई उपकरणों की आवश्यकता होती है। सोलर सिस्टम के द्वारा पर्यावरण को भी फायदा होता है, क्योंकि सोलर सिस्टम में लगने वाले सभी उपकरण पर्यावरण के अनुकूल ही कार्य करते हैं। इनके प्रयोग से किसी प्रकार का कोई प्रदूषण उत्पन्न नहीं होता है। सोलर सिस्टम के महत्व को समझते हुए इसलिए लोकप्रियता बढ़ गई है।
सोलर सिस्टम में सोलर पैनल, बैटरी और इंवर्टर को कनेक्ट
एक सोलर सिस्टम में मुख्य उपकरणों में सोलर पैनल, सोलर इन्वर्टर और सोलर बैटरी का उपयोग किया जाता है। सोलर सिस्टम को किसी सोलर एक्सपर्ट की सहायता से स्थापित करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि सोलर एक्सपर्ट सोलर सिस्टम को सही दिशा एवं कोण पर स्थापित करते हैं, जिसके लिए उनके पास आवश्यक उपकरण होते हैं। यदि आप खुद सोलर सिस्टम स्थापित करना चाहते हैं, तो सोलर सिस्टम में सोलर पैनल, बैटरी और इंवर्टर को कनेक्ट करने की जानकारी आगे स्टेप्स मे जानेंगे।
सोलर सिस्टम में सोलर चार्ज कंट्रोलर कनेक्ट करें
सोलर चार्ज कंट्रोलर को सोलर पैनल से प्राप्त होने वाली असमान बिजली को कंट्रोल करने के लिए सोलर सिस्टम में इस प्रकार जोड़ा जाता है:-
- सबसे पहले, बैटरी के टर्मिनल से वायर को सोलर चार्ज कंट्रोलर और फिर इन्वर्टर से कनेक्ट करें।
- इसके बाद यह सुनिश्चित करें कि बैटरी के पॉजिटिव टर्मिनल से आने वाला वायर कंट्रोलर के पॉजिटिव टर्मिनल से जुड़ा है, और नेगेटिव टर्मिनल से आने वाला वायर कंट्रोलर के नेगेटिव टर्मिनल से जुड़ा है। ऐसे में सही कनेक्शन स्थापित होता है।
- एक सेफ सर्किट एस्टेबिलिश करने के लिए सभी कनेक्शनों को सही से जोड़ें। यदि आपको कनेक्शन बनाने में कठिनाई हो रही है, तो किसी एक्सपर्ट की सहायता लें। जिससे वह सही से सोलर सिस्टम को जोड़ सकते हैं।
सोलर चार्ज कंट्रोलर की सहायता से सोलर सिस्टम को सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।
सोलर सिस्टम में सोलर इन्वर्टर कनेक्ट करें
सोलर सिस्टम में सोलर इंवर्टर को सोलर पैनल या बैटरी से प्राप्त होने वाली DC को AC में परिवर्तित करने के लिए प्रयोग किया जाता है। जिससे AC से चलने वाले उपकरणों को चलाया जा सकता है, सोलर इंवर्टर को इस प्रकार सोलर सिस्टम में जोड़ा जाता है:-
- सोलर पैनलों से आने वाले वायर को सोलर चार्ज कंट्रोलर से कनेक्ट करें। जिससे बिजली को नियंत्रित किया जा सकता है।
- अब सोलर चार्ज कंट्रोलर को इन्वर्टर से कनेक्ट करें।
- सोलर पैनलों को इन्वर्टर से जोड़ते समय पॉजिटिव टर्मिनल को पॉजिटिव टर्मिनल से और नेगेटिव टर्मिनल को नेगेटिव टर्मिनल से जोड़ें। इससे सोलर सिस्टम की सेफ्टी बढ़ती है।
सोलर पैनलों को बैटरी और इन्वर्टर से कनेक्ट करें
सोलर सिस्टम में बैटरी को सोलर पैनल से बनने वाली बिजली को स्टोर करने के लिए लगाया जाता है, जिसका प्रयोग यूजर अपनी जरूरत के अनुसार कर सकते हैं, सोलर बैटरी को ऑफग्रिड एवं हाइब्रिड सोलर सिस्टम में ही जोड़ा जाता है, सोलर सिस्टम में सोलर बैटरी इस प्रकार लगाई जाती है:-
- सोलर पैनलों के ओपन सर्किट वोल्टेज (VOC) को जानें। आमतौर पर 72 सेल वाले पैनल के लिए यह 45 वोल्ट से 50 वोल्ट तक होता है। सोलर सिस्टम में लगाए गए उपकरणों की रेटिंग के अनुसार सही बैटरी का चयन करें।
- सिंगल बैटरी के लिए PWM टेक्नोलॉजी का उपयोग करने वाले सोलर इन्वर्टर के लिए VOC आमतौर पर 25 वोल्ट तक होता है।
- 36 सेल वाले पैनल को कनेक्ट करने के लिए यह VOC सूटेबल है। 72 सेल वाले पैनल का उपयोग 90 वोल्ट तक के VOC के साथ भी किया जा सकता है।
सोलर सिस्टम के प्रयोग को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा भी सब्सिडी योजनाएं संचालित की जा रही हैं, ऐसे में आप कम कीमत पर एक्सपर्ट की सहायता से एक बढ़िया सोलर सिस्टम स्थापित कर सकते हैं, जिससे आपकी बिजली की जरूरतों को पूरा किया जा सकता है।